न्यूयॉर्क. कोरोना वायरस महामारी के बीच अब मंकीपॉक्स का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. सिर्फ 15 दिनों में यह बीमारी 15 मुल्कों में फैल गई है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, अफ्रीका में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है. यूरोपीय यूनियन डिसीज़ एजेंसी के ताजा अपडेट के मुताबिक, दुनियाभर में अभी मंकीपॉक्स के 219 केस हैं. यूं तो भारत में इसका कोई केस नहीं है, लेकिन सरकार पूरी तरह अलर्ट है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चेतावनी से समझा जा सकता है कि इस बीमारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. WHO ने कहा है कि किसी देश में इसका एक केस भी मिलता है तो उसे आउटब्रेक मान लिया जाएगा.
किन-किन देशों में फैल चुका है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स का सबसे ज्यादा कहर यूरोप में है. हालांकि, दूसरे देशों में भी यह बीमारी फैल रही है. 15 दिनों में 15 मुल्कों में इस बीमारी ने पांव फैला लिए हैं. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, स्वीडन, स्पेन, पुर्तगाल, ऑस्ट्रलिया, जर्मनी, इजरायल, कनाडा, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड शामिल हैं.
इस वजह से यूरोप में फैला मंकीपॉक्स, रेव पार्टी को लेकर विशेषज्ञ ने जताई ऐसी आशंका
मंकीपॉक्स वायरस तेजी से क्यों फैल रहा है?
वायरस बहुत छोटे जीवित पार्टिकल होते हैं. इन्हें रोक पाना काफी मुश्किल होता है. मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों और इंसानों के संपर्क से फैल सकता है. इसका ट्रांसमिशन रेट 3.3 फीसदी से 30 फीसदी तक माना गया है. लेकिन, हाल ही में कांगो में यह रेट 73 फीसदी था. वायरस कटी-फटी त्वचा, श्वास नली या आंख, नाक या मुंह के जरिये शरीर में एंट्री करता है.
यूरोप में इतनी रफ्तार से कैसे फैला मंकीपॉक्स वायरस?
डब्ल्यूएचओ के एक एक्सपर्ट डॉ. डेविड हेमन ने कहा है कि यूरोप में हाल में दो रेव पार्टी में जोखिम भरे यौन व्यवहार के कारण संभवत: इसका प्रसार हुआ. उन्होंने मंकीपॉक्स के प्रकोप को ‘अप्रत्याशित घटना’ के रूप में वर्णित किया है. डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन विभाग के प्रमुख रहे हेमन ने कहा कि सबसे मजबूत सिद्धांत यह है कि स्पेन और बेल्जियम में आयोजित दो रेव पार्टी में समलैंगिकों और अन्य लोगों के बीच यौन संबंधों की वजह से इस बीमारी का प्रसार हुआ है.
कैसे फैलती है बीमारी?
यह किसी संक्रमित व्यक्ति या उसके कपड़ों या चादरों के संपर्क के माध्यम से फैल सकता है, लेकिन अभी तक यौन जनित संक्रमण का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है. अधिकतर लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है. कुछ हफ्तों के भीतर लोग बीमारी से ठीक हो जाते हैं। चेचक के खिलाफ टीके मंकीपॉक्स को रोकने में भी प्रभावी हैं। कुछ एंटीवायरल दवाएं विकसित की जा रही हैं।
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
यदि आप मंकीपॉक्स से संक्रमित हो जाते हैं, तो आमतौर पर पहले लक्षणों के प्रकट होने में 5 से 21 दिनों के बीच का समय लगता है. इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों का अनुभव करने के एक से पांच दिन बाद आमतौर पर चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं. दाने कभी-कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित होते हैं, क्योंकि यह उभरे हुए धब्बों के रूप में शुरू होता है जो तरल पदार्थ से भरे छोटे पपड़ी में बदल जाते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर साफ हो जाते हैं और पपड़ी गिर जाती है.
क्या है इलाज?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मध्य अफ्रीका में अध्ययन, जहां लोगों के पास गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक कम पहुंच है. इससे ये पता चलता है कि यह रोग 10 संक्रमित लोगों में से एक के लिए जानलेवा हो सकता है. हालांकि, ज्यादातर मरीज कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाते हैं. मंकीपॉक्स के लिए मौजूदा समय में कोई विशेष इलाज नहीं है. मरीजों को एक विशेषज्ञ अस्पताल में रहने की आवश्यकता होगी ताकि संक्रमण न फैले और सामान्य लक्षणों का इलाज किया जा सके.
विदेश यात्रा का प्लान करते हुए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें-
1.सबसे पहले ये पता कर लें कि जहां जा रहे हैं वहां मंकीपॉक्स का केस है या नहीं. अगर है तो वैसे देशों में यात्रा करनी की योजना को पोस्टपोन कर दें.
2.मंकीपॉक्स के संक्रमण को लेकर फैल रहे अफवाहों से बचें. जागरुकता इस बीमारी के लिए जरूरी है.
3. कोरोना की तरह इस बीमारी में भी सोशल डिस्टेंसिंग है जरूरी. इसलिए अगर आप यात्रा करते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए. मास्क लगाकर रखिए.
4. यह बीमारी पशुओं से मनुष्य में फैलती है. इसलिए ऐसी जगहों पर भोजन नहीं करें जहां आसपास जानवर हो. या फिर हाइजीन का ख्याल नहीं रखा गया हो.
5. नॉनवेज खाने से बचें.
6. असुरक्षित यौन संबंध भी ना बनाए.
7. अगर आपके अंदर मंकीपॉक्स के लक्षण आते हैं तो सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें.
8. डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा बताए गए तमाम स्टेप को फॉलो करें.
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