ट्रंप के खिलाफ इराक में गिरफ्तारी वारंट जारी, कासिम सुलेमानी की हत्या का मामला

दोनों की हत्या के बाद कूटनीतिक संकट पैदा हो गया था और अमेरिकी-ईराक के रिश्तों में तनाव आ गया था. (फोटो सौ. न्यूज18 इंग्लिश)
अदालत ने वॉशिंगटन के इशारे पर किए गए ड्रोन हमले की जांच के आदेश भी दिए हैं. इस हमले में जनरल कासिम सुलेमानी (Qassim Soleimani) और अबु महदी अल मुहांदिस मारे गए थे. अरेस्ट वारंट पहले से तय हत्या के आरोपों को लेकर था, जिसमें आरोप सिद्ध होने पर मौत की सजा होती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 7, 2021, 7:45 PM IST
बगदाद. इधर अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की जीत पर अंतिम मुहर लग चुकी है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ इराक ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. इराकी अदालत ने यह वारंट जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या से जुड़े मामले में जारी किया है. गत जनवरी में सुलेमानी की बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर हत्या हो गई थी.
ट्रंप के खिलाफ यह वारंट बगदाद के इनवेस्टिगेटिव कोर्ट ने जारी किया है. इसके अलावा अदालत ने वॉशिंगटन के इशारे पर किए गए ड्रोन हमले (Drone Attack) की जांच के आदेश भी दिए हैं. इस हमने में जनरल सुलेमानी और अबु महदी अल मुहांदिस (Abu Mahdi al-Muhandis) मारे गए थे. यह जानकारी अदालत के मीडिया कार्यालय की तरफ से दी गई है. अरेस्ट वारंट पहले से तय हत्या के आरोपों को लेकर था, जिसमें आरोप सिद्ध होने पर मौत की सजा होती है. हालांकि, इसकी संभावना कम ही है, लेकिन ट्रंप के लिए यह संकेत हैं.
अल मुहांदिस सरकार की मोबिलाइजेशन फोर्स के डिप्टी थे. यह एक समूह है, जिसमें ईरान समर्थित समूह के अलावा सेना भी शामिल है. इस ग्रुप का गठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए किया गया था. वहीं, सुलेमानी के हाथ में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गॉर्ड्स कॉर्प्स के कुद्स बल की कमान थी. सर्वोच्च न्यायिक परिषद की तरफ से जारी बयान के अनुसार, अदालत ने ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तार वारंट मुहांदिस के परिजन होने का दावा करने वालों के बयान सुनने के बाद लिया है. अदालत ने कहा कि मामले की जांच चल रही है.
गौरतलब है दोनों की हत्या के बाद कूटनीतिक संकट पैदा हो गया था और अमेरिकी-इराक के रिश्तों में तनाव आ गया था. जिसके बाद शिया राजनेताओं ने सरकार पर विदेशी सैनिकों को देश से बाहर भेजने के लिए गैर बाध्यकारी प्रस्ताव पारित किया था. तब से ही ईरान समर्थित समूह इराक में अमेरिका की मौजूदगी पर नाराजगी जता रहे हैं.
अमेरिका में भी सियासी संकट बना हुआ है. देश के संसद भवन में ट्रंप समर्थकों ने जमकर हंगामा किया है. इस हिंसक उपद्रव में चार लोगों की मौत हो गई है. गौरतलब है कि बीते नवंबर में पूरे हुए राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं थे. वे लगातार चुनावी व्यवस्था और चुनाव में धांधली के आरोप लगा रहे थे. इस संकट के बीच देश में ट्रंप को राष्ट्रपति कार्यालय से हटाए जाने की मांग उठने लगी थी.
ट्रंप के खिलाफ यह वारंट बगदाद के इनवेस्टिगेटिव कोर्ट ने जारी किया है. इसके अलावा अदालत ने वॉशिंगटन के इशारे पर किए गए ड्रोन हमले (Drone Attack) की जांच के आदेश भी दिए हैं. इस हमने में जनरल सुलेमानी और अबु महदी अल मुहांदिस (Abu Mahdi al-Muhandis) मारे गए थे. यह जानकारी अदालत के मीडिया कार्यालय की तरफ से दी गई है. अरेस्ट वारंट पहले से तय हत्या के आरोपों को लेकर था, जिसमें आरोप सिद्ध होने पर मौत की सजा होती है. हालांकि, इसकी संभावना कम ही है, लेकिन ट्रंप के लिए यह संकेत हैं.
अल मुहांदिस सरकार की मोबिलाइजेशन फोर्स के डिप्टी थे. यह एक समूह है, जिसमें ईरान समर्थित समूह के अलावा सेना भी शामिल है. इस ग्रुप का गठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए किया गया था. वहीं, सुलेमानी के हाथ में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गॉर्ड्स कॉर्प्स के कुद्स बल की कमान थी. सर्वोच्च न्यायिक परिषद की तरफ से जारी बयान के अनुसार, अदालत ने ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तार वारंट मुहांदिस के परिजन होने का दावा करने वालों के बयान सुनने के बाद लिया है. अदालत ने कहा कि मामले की जांच चल रही है.
गौरतलब है दोनों की हत्या के बाद कूटनीतिक संकट पैदा हो गया था और अमेरिकी-इराक के रिश्तों में तनाव आ गया था. जिसके बाद शिया राजनेताओं ने सरकार पर विदेशी सैनिकों को देश से बाहर भेजने के लिए गैर बाध्यकारी प्रस्ताव पारित किया था. तब से ही ईरान समर्थित समूह इराक में अमेरिका की मौजूदगी पर नाराजगी जता रहे हैं.
अमेरिका में भी सियासी संकट बना हुआ है. देश के संसद भवन में ट्रंप समर्थकों ने जमकर हंगामा किया है. इस हिंसक उपद्रव में चार लोगों की मौत हो गई है. गौरतलब है कि बीते नवंबर में पूरे हुए राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं थे. वे लगातार चुनावी व्यवस्था और चुनाव में धांधली के आरोप लगा रहे थे. इस संकट के बीच देश में ट्रंप को राष्ट्रपति कार्यालय से हटाए जाने की मांग उठने लगी थी.