कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए भी कारगर दवा बनाने का इजरायल के शोधकर्ताओं ने किया दावा

इजारायल के शोधकर्ताओं ने बनाई कोरोना की दवा. (Pic- AP)
Coronavirus Drug: शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दवा का सकारात्मक परीक्षण भी कुछ कोरोना मरीजों पर किया जा चुका है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 18, 2021, 7:47 AM IST
नई दिल्ली. दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने लाखों लोगों की जान ले चुका कोरोना वायरस (Covid 19) अब नए रूपों में फिर सामने आ रहा है. यह नए वैरिएंट पहले से अधिक जानलेवा बताए जा रहे हैं. हालांकि कोरोना वायरस (Coronavirus Drug) से बचाव के लिए इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाने के लिए कई वैक्सीन बनाई जा चुकी हैं. इस बीच अब इजरायल (Israel) के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी दवा बनाने का भी दावा किया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दवा का सकारात्मक परीक्षण भी कुछ कोरोना मरीजों पर किया जा चुका है.
इजरायल के शोधकर्ताओं का दावा है कि यह दवा कोविड 19 से जूझ रहे मरीजों के रोग प्रतिरोधक सिस्टम या इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर साइटोकाइन स्टॉर्म से बचाव करता है. साइटोकाइन स्टॉर्म वो स्थिति होती है, जिसमें कोविड 19 मरीजों का इम्यून सिस्टम में अत्यधिक प्रतिक्रिया होने से वो शरीर की कोशिकाओं और अंगों पर ही हमला करना शुरू कर देता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यही साइटोकाइन स्टॉर्म ही अधिकांश कोरोना मरीजों की मौत का कारण बनता है.
जानकारी दी गई है कि कोरोना की यह दवा अस्थमा की दवा की तरह ही ली जाती है. इसे तेल अवीव के सुरस्कि मेडिकल सेंटर इचिलोव हॉस्पिटल में 35 मरीजों पर टेस्ट किया गया है. शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना मरीजों के शरीर में यह दवा ऑक्सीजन की मात्रा और सांस लेने की दर में काफी सकारात्मक प्रभाव दिखा रही है. कोरोना मरीजों को यह दवा 5 दिन लगातार देने के बाद यह नतीजे मिले हैं.
बुधवार को ऑनलाइन प्रेस बीफिंग में शोधकर्ताओं ने जानकारी दी है कि अभी आखिरी मरीज पर इस दवा के असर का आकलन किया जा रहा है. इसके बाद इसके शोध नतीजों को प्रकाशित किया जाएगा. डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें दवा के परीक्षण के दौरान मरीजों में इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं दिखा है. अब शोधकर्ता दूसरे देशों में इस दवा के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की कोशिश में लगे हैं.
इजरायल के शोधकर्ताओं का दावा है कि यह दवा कोविड 19 से जूझ रहे मरीजों के रोग प्रतिरोधक सिस्टम या इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर साइटोकाइन स्टॉर्म से बचाव करता है. साइटोकाइन स्टॉर्म वो स्थिति होती है, जिसमें कोविड 19 मरीजों का इम्यून सिस्टम में अत्यधिक प्रतिक्रिया होने से वो शरीर की कोशिकाओं और अंगों पर ही हमला करना शुरू कर देता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यही साइटोकाइन स्टॉर्म ही अधिकांश कोरोना मरीजों की मौत का कारण बनता है.
जानकारी दी गई है कि कोरोना की यह दवा अस्थमा की दवा की तरह ही ली जाती है. इसे तेल अवीव के सुरस्कि मेडिकल सेंटर इचिलोव हॉस्पिटल में 35 मरीजों पर टेस्ट किया गया है. शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना मरीजों के शरीर में यह दवा ऑक्सीजन की मात्रा और सांस लेने की दर में काफी सकारात्मक प्रभाव दिखा रही है. कोरोना मरीजों को यह दवा 5 दिन लगातार देने के बाद यह नतीजे मिले हैं.