हाइपरसोनिक उड़ान की दौड़ में उतरा चीन (Image:spacetransportation.com.cn)
बीजिंग. बीजिंग में स्थित स्पेस ट्रांसपोर्टेशन (Space Transportation) कंपनी एक ऐसे स्पेस प्लेन के विकास के साथ इस संभावना को भी हकीकत में उतारने की कोशिश में लगी है कि यात्री विमानों को एक मील प्रति सेकेंड की गति पर आसमान में उड़ाया जा सके. जो अब तक दुनिया के सबसे तेज यात्री विमान माने जाने वाले कॉनकॉर्ड की गति से दोगुना से अधिक है. इस कंपनी ने एक एनिमेटेड वीडियो जारी किया है. जिसमें यात्रियों को बिना किसी कोई हेलमेट या स्पेससूट के दिखाया गया है. इसमें एक एक 12-सीटर स्पेस प्लेन की एनिमेटेड तस्वीर दिखाई गई है, जो एक डेल्टा-आकार का स्पेस प्लेन है. इसके साथ दो टाइटैनिक बूस्टर रॉकेट से जोड़े गए हैं.
ये स्पेस प्लेन आकाश में एक रॉकेट की तरह से लॉन्च होता है. ऊंचाई पर पहुंचने के बाद स्पेस प्लेन अपने बूस्टर से अलग हो जाता है. फिर ये स्पेस प्लेन 7,000 किलोमीटर (4,350 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में यात्रा करके एक तिपाई जैसी संरचना की मदद से अपने गंतव्य पर सीधे उतरता है. स्पेस ट्रांसपोर्टेशन की वेबसाइट के अनुसार कंपनी का लक्ष्य 2025 में अपनी पहली सबऑर्बिटल स्पेस टूरिज्म टेस्ट फ्लाइट (suborbital space tourism test flight) शुरू करना है. इसके बाद 2030 तक पूरे तौर पर वैश्विक हाइपरसोनिक प्लेन की उड़ान (global hypersonic vehicle flight) होगी.
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यदि यह पहल साकार हो जाती है, तो यह अंतरिक्ष पर्यटन के संभावित आकर्षक क्षेत्र के साथ-साथ अमीर व्यापारियों के लिए हाइपरसोनिक पॉइंट-टू-पॉइंट उड़ान में चीन की एक बड़ी सफलता होगी. इस परियोजना को चीनी में बड़े निवेशकों का पूरा समर्थन हासिल है. पिछले अगस्त में ही इसके लिए 30 करोड़ युआन (लगभग 4.7 करोड़ डॉलर) से अधिक की रकम फंड के तौर उपलब्ध कराई गई है. इसे मैट्रिक्स पार्टनर्स चीन और सरकारी स्वामित्व वाले शंघाई गुओशेंग समूह ने संयुक्त रूप से दिया है.
हाइपरसोनिक उड़ानों को साकार करने के मामले में चीन के मुख्य प्रतिस्पर्धी अब केवल अमेरिका और रूस हैं. इस क्षेत्र में लगने वाले दांव भी ऊंचे हैं. एक रिसर्च के मुताबिक वैश्विक उपकक्षीय परिवहन और अंतरिक्ष पर्यटन (suborbital transportation and space tourism) बाजार के राजस्व में 16.8% की वार्षिक वृद्धि होने की उम्मीद है. इस बाजार का आकार 2020 में 42.37 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2028 में 1.44 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है.
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