तोक्यो: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) के सोमवार को उन देशों की सूची जारी करने की उम्मीद है जो लंबे समय से प्रतीक्षित हिंद-प्रशांत व्यापार समझौते (Indo-Pacific trade agreement) में शामिल होंगे, हालांकि ताइवान इनमें शामिल नहीं होगा.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पुष्टि की कि हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप में शामिल की गईं सरकारों में ताइवान का नाम नहीं है. यह व्यापार समझौता अमेरिका को आपूर्ति श्रृंखला, डिजिटल व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रमुख एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर काम करने की अनुमति देता है.
जापान के पीएम से होगी मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति के सोमवार को जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ मुलाकात के दौरान इसकी रूपरेखा जारी करने की संभावना है. ताइवान पर चीन अपना दावा करता है और इसे शामिल करने से चीन को परेशानी हो सकती है.
सुलिवन ने कहा, ‘‘हम सेमीकंडक्टर आपूर्ति, उच्च प्रौद्योगिकी के मुद्दों सहित ताइवान के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को प्रगाढ़ करना चाहते हैं. लेकिन हम द्विपक्षीय आधार पर पहली बार में इसका अनुसरण कर रहे हैं.’’
समझौते को लेकर चीन ने की आलोचना
वाशिंगटन में सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में अर्थशास्त्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मैथ्यू गुडमैन ने सुझाव दिया कि प्रशांत क्ष्रेत्र के कुछ हस्ताक्षरकर्ता देश निराश होंगे क्योंकि समझौते में अमेरिकी बाजार में अधिक पहुंच के प्रावधान शामिल होने की उम्मीद नहीं है.
समझौते को लेकर बीजिंग ने अमेरिकी प्रयास की आलोचना की है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वे विशेष गुटों के बजाय एशिया-प्रशांत में मित्रों का एक खुला और समावेशी केंद्र बनाएंगे तथा क्षेत्र में अशांति और अराजकता पैदा करने के बजाय शांति एवं विकास के लिए और अधिक योगदान करेंगे.’’
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