पाकिस्तान का दावा - वह आतंकवाद पर बातचीत को तैयार, भारत नहीं कर रहा सहयोग

पाकिस्तान बार-बार वार्ता की मांग कर रहा है. इस पर भारत का कहना है कि बातचीत और आतंकवाद एकसाथ संभव नहीं है.
भारत बार-बार पाकिस्तान की ओर से द्विपक्षीय वार्ता की मांग पर कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकती है.
- News18Hindi
- Last Updated: May 16, 2019, 11:30 PM IST
भारत में हुए कई आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान दावा कर रहा है कि वह नई दिल्ली के साथ आतंकवाद पर बातचीत को तैयार है. लेकिन, भारत ही अड़ियल रवैया अपनाते हुए इस दिशा में सहयोग को तैयार नहीं है. बता दें कि भारत बार-बार पाकिस्तान की ओर से द्विपक्षीय वार्ता की मांग पर कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकती है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान की नीति के मुताबिक इस्लामाबाद भारत के साथ रचनात्मक बातचीत करना चाहता है. आतंकवाद पाकिस्तान के लिए भी सबसे बड़ी चिंता का कारण है. लिहाजा, इमरान सरकार नई दिल्ली के साथ आतंकवाद से जुड़े हर मुद्दे और पहलू पर चर्चा को तैयार है. लेकिन, इमरान सरकार के लिए भारत का मौजूदा रुख सबसे बड़ी चिंंता का कारण बन गया है.
इमरान ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी थी चिट्ठी
फैसल ने बताया, इमरान खान ने 14 सितंबर, 2018 को अपने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने लिखा था कि हम जम्मू-कश्मीर समेत दोनों देशों के हितों से जुड़े सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये हल करना चाहते हैं. वहीं, भारत आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग को तैयार नहीं है.21-22 मई को होनी है एससीओ की बैठक
फैसल का यह बयान 21-22 मई को किर्गिस्तान में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से ठीक पहले आया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के उनके समकक्ष मोहम्मद कुरैशी बैठक में शामिल होंगे. 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान की नीति के मुताबिक इस्लामाबाद भारत के साथ रचनात्मक बातचीत करना चाहता है. आतंकवाद पाकिस्तान के लिए भी सबसे बड़ी चिंता का कारण है. लिहाजा, इमरान सरकार नई दिल्ली के साथ आतंकवाद से जुड़े हर मुद्दे और पहलू पर चर्चा को तैयार है. लेकिन, इमरान सरकार के लिए भारत का मौजूदा रुख सबसे बड़ी चिंंता का कारण बन गया है.
इमरान ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी थी चिट्ठी
फैसल ने बताया, इमरान खान ने 14 सितंबर, 2018 को अपने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने लिखा था कि हम जम्मू-कश्मीर समेत दोनों देशों के हितों से जुड़े सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये हल करना चाहते हैं. वहीं, भारत आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग को तैयार नहीं है.21-22 मई को होनी है एससीओ की बैठक
फैसल का यह बयान 21-22 मई को किर्गिस्तान में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से ठीक पहले आया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के उनके समकक्ष मोहम्मद कुरैशी बैठक में शामिल होंगे. 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है.
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