नई दिल्ली: मलेशिया (Malaysia) में एक महिला अपना धर्म परिवर्तन (Religious conversion) करने के लिए दर-दर भटक रही है. लेकिन, इसमें कोर्ट भी इस महिला की कोई मदद नहीं कर पाई. कोर्ट ने महिला को इस्लाम छोड़ने की इजाजत देने से मना कर दिया है. मामला, मलेशिया के कुआलालंपुर का है, जहां मुस्लिम परिवार में जन्मी महिला ने अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने शरिया कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उस पर इस्लाम छोड़ने की कोशिश पर पाबंदी लगाई गई थी. महिला का कहना है कि भले ही उसका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है, लेकिन आज तक उसने इस्लाम को नहीं माना है.
दरअसल महिला ने पहले शरिया अदलतों में याचिका दायर की थी. महिला ने अपनी अपील में कहा था कि उसे जन्म के आधार पर मुसलमान न माना जाए क्योंकि उसने कभी भी इस्लाम का पालन नहीं किया है. महिला ने कोर्ट को बताया कि वह कन्फ्यूशियननिज्म और बौद्ध धर्म को मानती है इसलिए उसे मुसलमान न माना जाए.
कोर्ट ने न्यायिक समीक्षा करने से किया इनकार
शरिया अदालतों ने महिला की दलीलों को मानने से साफ तौर पर मना कर दिया था और कहा था कि उसे इस्लाम धर्म में रहना पड़ेगा वह इसे नहीं छोड़ सकती. इसके बाद महिला ने शरिया अदालतों के फैसले के खिलाफ कुआलालंपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी. लेकिन अब हाई कोर्ट से भी महिला को बड़ा झटका मिला है. कोर्ट ने इस मामले में न्यायिक समीक्षा करने से इनकार कर दिया है.
2 हजार मलेशियन रिंगिंट का फाइन
महिला के वकील फहरी अज्जत ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनकी मुवक्किल की याचिका को एक ईमेल द्वारा खारिज कर दिया गया है. इतना ही नहीं महिला पर कोर्ट ने 2 हजार मलेशियन रिंगिंट (लगभग 36 हजार रुपये) का जुर्माना भी लगाया है. फहरी ने बताया कि उनकी मुवक्किल ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर दी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Islam, Islamic Law, Malaysia, World news