प्रतीकात्मक तस्वीर.
वाशिंगटन. टिकटॉक को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा खरीदे जाने के प्रस्ताव पर फिलहाल विराम लग गया है. दरअसल, टिकटॉक (TikTok) कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने बताया कि बेहद लोकप्रिय वीडियो-शेयरिंग ऐप टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस को खरीदने के उसके प्रस्ताव को टिकटॉक ने ख़ारिज कर दिया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स ने इस मामले से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए बताया कि ओरेकल (Oracle) ने टिकटॉक को बोली लगाकर खरीद लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीनी स्वामित्व वाले इस ऐप को बेचने या बंद करने के लिए 15 सितंबर की समय सीमा तय की थी. ट्रंप प्रशासन लगातार यह दावा करता रहा है कि टिकटॉक समेत अधिकतर चीनी ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं.
टिकटॉक को खरीदने में माइक्रोसॉफ्ट और ओरेकल ले रही थीं दिलचस्पी
चीनी फर्म बाइटडांस से TikTok को खरीदने की इस दौड़ में माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और ओरेकल (Oracle) दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रहे. वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स ने इस मामले से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए बताया कि ओरेकल ने टिकटॉक को बोली लगाकर खरीद लिया है. ओरेकल व्यवसायों को डेटाबेस प्रौद्योगिकी और क्लाउड सिस्टम बेचता है.
ओरेकल की बहुत पहले से टिकटॉक खरीदने में थी दिलचस्पी
पहले की रिपोर्टों के अनुसार ओरेकल जनरल अटलांटिक और सिकोइया कैपिटल सहित निवेश फर्मों के साथ अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में टिकटॉक के बिजनेस को खरीदने पर गंभीरता से विचार कर रहा था. टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि फर्म न तो माइक्रोसॉफ्ट के किसी कदम पर कमेंट करना चाहती है और न ही ओरेकल से जुड़ी अटकलों पर.
ट्रंप ने टिकटॉक को 90 दिन का दिया था समय
ओरेकल के अध्यक्ष लैरी एलिसन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक हैं और उन्होंने फरवरी में ट्रंप के लिए एक धन उगाहने वाले कार्यक्रम का आयोजन भी किया था. इस महीने की शुरुआत में ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर कोई भी अमेरिकी कंपनी टिकटॉक को खरीदती है तो सरकार को टिकटॉक की अमेरिकी इकाई की बिक्री मूल्य का "पर्याप्त हिस्सा" मिलना चाहिए. ट्रंप ने टिकटॉक के मालिक बाइटडांस को आदेश दिया था कि या तो वह 90 दिनों के भीतर अपने अमेरिकी कारोबार को बेच दें या फिर कंपनी बंद किये जाने के लिए तैयार रहें. टिकटॉक के अमेरिकी बिजनेस की इस जबरन बिक्री को अमेरिका में चीनी प्रौद्योगिकी फर्मों पर व्यापक रोक लगाने के रूप में देखा जा रहा है.
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ट्रंप के अनुसार टिकटॉक, वीचैट और उपकरण निर्माता हुवेई (Huawei) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्योंकि ये कंपनियां यूजर से जुड़ा डेटा चीनी सरकार के साथ साझा कर सकती हैं. हालांकि इन कंपनियों द्वारा इस दावे का खंडन किया जाता रहा है. हुवेई के बाद TikTok अब एक हाई प्रोफाइल चीनी कंपनी का दूसरा उदाहरण है जो यूएस चाइना टेक कोल्ड वॉर में फंस गई हैं.
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