होम /न्यूज /दुनिया /मिलिए इन दिग्गज भारतीयों से...इस टीम में शामिल होकर ढूंढ रहे पालतू जानवर, अबतक हजारों को...

मिलिए इन दिग्गज भारतीयों से...इस टीम में शामिल होकर ढूंढ रहे पालतू जानवर, अबतक हजारों को...

ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल टीम ने तुर्की भूकंप में 1,500 जानवरों को बचाया.(Image: Jodi Hilton/HSUS)

ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल टीम ने तुर्की भूकंप में 1,500 जानवरों को बचाया.(Image: Jodi Hilton/HSUS)

एचएसआई बचाव दल ने कहा कि भूकंप के मलबे से बचाए गए पालतू जानवरों में से 70 प्रतिशत से अधिक बिल्लियां थीं. टीम ने लगभग 10 ...अधिक पढ़ें

अंकारा: 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद आपने तमाम तस्‍वीरें देखी होंगी जो दिल को दहला देने वाली है. चारों ओर लाशों के ढेर लगे हैं. अस्‍पतालों में शव रखने की जगह नहीं है. किसी का पूरा पर‍िवार छिन गया है तो कोई अकेला बचा है. कई अपने पालतू जानवरों से बिछड़ गए हैं. इस आपदा में इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी बचाया गया. ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल की टीम ने मलबे से ऐसे 1,500 जानवरों को बचाया है, जो किसी के पालतू थे.

HSI संस्था जानवरों की सुरक्षा के लिए काम करती है और पिछले महीने भीषण भूकंप के बाद तुर्की पहुंची थी. टीम में  दुनियाभर के विभिन्न देशों के लोग हैं, इसमें भारत के भी तीन सदस्य शामिल थे, जो हाल ही में लोगों की सहायता करने के बाद लौटे हैं. बचाव दल के एक सदस्य जयहरी ने कहा ‘आपदा के पैमाने को देखना दिल दहला देने वाला था.  ज्यादातर इमारतें गिर गई थीं. ऐसे लोग थे जिनका सब कुछ खो गया था लेकिन वे अभी भी अपने पालतू जानवरों की तलाश कर रहे थे. तमाम मानवीय पीड़ाओं के बीच, हम लोगों को मलबे में खोए हुए उनके पालतू जानवरों को खोजते हुए देख रहे थे.’

Turkey-Syria Earthquake: यह चमत्कार नहीं तो और क्या? तुर्की भूकंप के 278 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकला शख्स

एचएसआई बचाव दल ने कहा कि भूकंप के मलबे से बचाए गए पालतू जानवरों में से 70 प्रतिशत से अधिक बिल्लियां थीं. टीम ने लगभग 10 दिनों तक घायल जानवरों की तलाश में बिताए हैं, उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने में मदद की. कड़ाके की ठंड के बावजूद, वे जानवरों की खोज के लिए सुरक्षात्मक गियर से लैस होकर सुबह जल्दी निकल जाते थे. पूरी टीम ने पेट्स के लिए क्लीनिक और शेल्टर होम भी बनवाए थे.

टीम के सदस्य सुमंत ने News18 को बताया कि ‘स्थानीय लोग वास्तव में अपने पालतू जानवरों से प्यार करते हैं. वे उनके लिए परिवार की तरह हैं. हर दिन हम लोगों से घिरे रहते थे, हमसे अपने पालतू जानवरों की तलाश करने का अनुरोध करते थे. टीम ने कुछ दिन पहले ही तुर्की के एक निवासी को उनकी घायल बिल्ली लॉरेंज को खोजा. बिल्ली वापस मिलने पर महिला अपने आंसुओं को छिपा न सकी. भूकंप जैसी घातक आपदाएं लोगों को सदमे की स्थिति में छोड़ देती हैं लेकिन यह उन जानवरों के लिए भी उतना ही कठिन है जो उस त्रासदी में फंस गए हैं. इनमें से अधिकांश जानवर न केवल घायल और प्यासे थे, बल्कि भयभीत भी थे.

Tags: Earthquake, Syria, Turkey

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें