म्यांमार तख्तापलट: सेना ने किया धमकी से इनकार, कहा- हमारे बयान को गलत समझा गया

सेना ने सार्वजनिक तौर पर इस बात की कई बार शिकायत की है कि चुनाव में धांधली हुई है. (फाइल फोटो: AP)
Myanmar coup: बयान में कहा गया कि जनरल मिन के भाषण का गलत अर्थ निकाला गया. पिछले वर्ष आठ नवंबर को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ पार्टी को 476 सीटों में से 396 सीटें मिली थीं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 31, 2021, 12:16 PM IST
नेपीता. म्यांमार की सेना (Myanmar Army) ने शनिवार को इस बात से इनकार किया कि उसके प्रमुख ने चुनाव में धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद तख्तापलट (Coup) की धमकी दी थी. सेना ने कहा कि मीडिया ने उसकी बात का गलत अर्थ निकाला है. पिछले हफ्ते म्यांमार में तब तनाव के हालात बन गए थे जब सेना के प्रवक्ता ने कहा था कि नवंबर में हुए चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी (Election Fraud) की उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया तो तख्तापलट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग (General Min Aung Hlaing) ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि यदि कानूनों को उचित तरीके से लागू नहीं किया जाएगा तो संविधान को रद्द किया जा सकता है. इसे लेकर आशंका तब और भी बढ़ गई जब कई बड़े शहरों में सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया गया. सेना ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, ‘कुछ संगठनों और मीडिया’ ने यह बात बिना किसी आधार के कही कि सेना ने संविधान को रद्द करने की धमकी दी है.
यह भी पढ़ें: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किए अमेरिका-रूस परमाणु सशस्त्र संधि विधेयक पर हस्ताक्षर
बयान में कहा गया कि जनरल मिन के भाषण का गलत अर्थ निकाला गया. पिछले वर्ष आठ नवंबर को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ पार्टी को 476 सीटों में से 396 सीटें मिली थीं. वहीं, सेना समर्थित ‘यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट’ पार्टी को महज 33 सीटें मिली थीं. म्यांमार में 1962 में तख्तापलट हुआ था. इस तख्तापलट के बाद सेना ने देश पर 49 सालों तक राज किया.
सेना ने सार्वजनिक तौर पर इस बात की कई बार शिकायत की है कि चुनाव में धांधली हुई है. साथ ही सेना ने सरकार औऱ यूनियन इलेक्शन कमीशन से चुनाव की दोबारा समीक्षा किए जाने की बात कही है. कह गया है कि 314 टाउनशिप्स की वोटर लिस्ट में 80 लाख से ज्यादा अनियमितताएं देखी गईं हैं. इनके चलते मतदाताओं ने एक से ज्यादा बैलेट दाखिल कर दिए या वोटिंग में दूसरी कोई गड़बड़ी की गईं हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने कह दिया है कि धांधली के समर्थन में कोई भी सबूत नहीं मिला है. राजधानी नेपीता में सोमवार से संसद का नया सत्र शुरू होने जा रहा है.
(भाषा इनपुट के साथ)
कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग (General Min Aung Hlaing) ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि यदि कानूनों को उचित तरीके से लागू नहीं किया जाएगा तो संविधान को रद्द किया जा सकता है. इसे लेकर आशंका तब और भी बढ़ गई जब कई बड़े शहरों में सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया गया. सेना ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, ‘कुछ संगठनों और मीडिया’ ने यह बात बिना किसी आधार के कही कि सेना ने संविधान को रद्द करने की धमकी दी है.
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बयान में कहा गया कि जनरल मिन के भाषण का गलत अर्थ निकाला गया. पिछले वर्ष आठ नवंबर को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ पार्टी को 476 सीटों में से 396 सीटें मिली थीं. वहीं, सेना समर्थित ‘यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट’ पार्टी को महज 33 सीटें मिली थीं. म्यांमार में 1962 में तख्तापलट हुआ था. इस तख्तापलट के बाद सेना ने देश पर 49 सालों तक राज किया.
सेना ने सार्वजनिक तौर पर इस बात की कई बार शिकायत की है कि चुनाव में धांधली हुई है. साथ ही सेना ने सरकार औऱ यूनियन इलेक्शन कमीशन से चुनाव की दोबारा समीक्षा किए जाने की बात कही है. कह गया है कि 314 टाउनशिप्स की वोटर लिस्ट में 80 लाख से ज्यादा अनियमितताएं देखी गईं हैं. इनके चलते मतदाताओं ने एक से ज्यादा बैलेट दाखिल कर दिए या वोटिंग में दूसरी कोई गड़बड़ी की गईं हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने कह दिया है कि धांधली के समर्थन में कोई भी सबूत नहीं मिला है. राजधानी नेपीता में सोमवार से संसद का नया सत्र शुरू होने जा रहा है.
(भाषा इनपुट के साथ)