पाकिस्तान (Pakistan) में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर हुई लापरवाही का मामला सामने आया है. इस मामले में वहां की महिला पत्रकार मोना खान का कहना है कि इस्लामाबाद के एफ-टैन (F-10) इलाके में स्थित एक मशहूर अस्पताल में कोरोना के मरीज को टायफायड (Typhoid) का मरीज समझ कर तीन दिन तक अस्पताल में रखा, जिसमें स्टाफ के अलावा हजारों लोग उसके करीब से गुजरे. इसकी वजह से इस्लामाबाद के नागरिकों के लिए गंभीर खतरे की आशंका पैदा हो गई है.
'डेली पाकिस्तान' की खबर के मुताबिक पत्रकार मोना खान ने कहा है कि अस्पताल की लापरवाही अब पूरा इस्लामाबाद भुगतेगा. गौरतलब है कि तीन दिन पहले एक 18 वर्षीय लड़की संक्रामक लक्षणों के साथ एक मशहूर अस्पताल में गई थी. अस्पताल की ओर से उसका टायफायड का इलाज शुरू कर दिया गया. मगर रात को जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उसे पिम्स अस्पताल (PIMS Hospital Islamabad) रेफर कर दिया गया. इसके बाद उसके टेस्ट किए गए तो उसे कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई. लड़की का इस समय पिम्स में आइसोलेशन वार्ड में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि 'सवाल यह है कि लड़की तीन दिन से एक मशहूर अस्पताल में रही है. वहां हजारों लोग आते हैं जिनको वायरस लग चुका होगा.
उन्होंंने आशंका जताई कि अस्पताल का स्टाफ भी संक्रमित हुआ होगा, क्योंकि वह लड़की का टायफायड का इलाज कर रहा था. वहीं लड़की को जिस कमरे में रखा गया था, उसके पास वाला वार्ड नवजात बच्चों का है. ऐसे में वे भी संक्रमित हो सकते हैं. मोना खान ने कहा है कि 'अस्पताल के स्टाफ और मौजूदा मरीजों को बिना देरी के जांच कराना चाहिए. अन्यथा पूरे इस्लामाबाद को नुकसान पहुंच सकता है. इस घटना का प्रशासन और पुलिस नोटिस लें.'
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FIRST PUBLISHED : March 27, 2020, 16:28 IST