कोरोना वैक्सीन Pfizer का दिखा साइड इफेक्ट, नॉर्वे में 23 लोगों की मौत

प्रतीकात्मक तस्वीर.
फाइजर (Pfizer) की कोरोना वायरस वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के बाद मरने वालों की तादाद 23 पहुंच गई है. मारे गए सभी लोग 80 साल के ऊपर हैं. इस बीच बेल्जियम में भी एक व्यक्ति की कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मौत हो गई है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 16, 2021, 8:31 PM IST
ओस्लो. विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर अभी भी जारी है. इसके लिये दुनियाभर में वैक्सीन भी बनाई गई हैं लेकिन कहीं कहीं इनका साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहा है. नॉर्वे में फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने के बाद मरने वालों की संख्या 23 पहुंच गई है, जिनमें 13 लोग ऐसे हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उनकी मौत कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट की वजह से हुई. इस बीच इतनी मौतों के बाद नार्वे ने अपनी वैक्सीन लगवाने की गाइडलाइन को तत्काल प्रभाव से बदल दिया है. वहीं, बेल्जियम के एक शख्स की फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद 5 दिन बाद मौत हो गई. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि वह नार्वे में मौतों पर नजदीकी नजर बनाए हुए है.
कोरोना वैक्सीन से 23 लोगों की मौत से हिले नार्वे ने अपनी कोरोना वैक्सीन लगाने की गाइडलाइन को बदल दिया है. हालांकि इन मौतों के बाद भी नार्वे ने वैक्सीन को लगवाने काम जारी रखने का फैसला किया है. नार्वे में मारे गए सभी लोग 80 साल के ऊपर थे और नर्सिंग होम में भर्ती थे. नॉर्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने कहा, 'डॉक्टरों को निश्चित रूप से सतर्कतापूर्वक ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना है. जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और अंतिम सांसें गिन रहे हैं, उन्हें एक-एक करके जांच करने के बाद ही टीका लगाया जाए.'
वहीं, WHO ने कहा है कि वह नॉर्वे में मौतों को लेकर हो रही जांच पर नजर बनाए हुए है. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा, 'हम नार्वे की घटनाओं पर पूरी नजर रखे हुए हैं और वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. हम सभी 23 मौतों के कारणों और उसकी परिस्थितियों की जांच पर नजदीकी से नजर रखेंगे.' इससे पहले नार्वे ने 13 लोगों के वैक्सीन के दुष्प्रभाव से मौतों की पुष्टि की थी. हालांकि अब वैक्सीन लगवाने के बाद मरने वालों की संख्या 23 हो गई है.ये भी पढ़ें: ब्रिटेन को कोरोना वायरस के दक्षिण अमेरिकी स्ट्रेन का डर, उड़ानों पर लगाई पाबंदी
नए साल की शुरुआत से लगाई जा रही वैक्सीन
नॉर्वे में नए साल के 4 दिन बाद फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन को लगाने का काम शुरू किया गया था. अब तक देश में 33 हजार लोगों को यह कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा चुकी है. नॉर्वे में इस बात की पहले ही घोषणा की जा चुकी थी कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट होंगे. मैडसेन ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन मरीजों को वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा जिससे वे गंभीर रूप से बीमार हो गए. इससे आगे चलकर उनकी मौत हो गई.
कोरोना वैक्सीन से 23 लोगों की मौत से हिले नार्वे ने अपनी कोरोना वैक्सीन लगाने की गाइडलाइन को बदल दिया है. हालांकि इन मौतों के बाद भी नार्वे ने वैक्सीन को लगवाने काम जारी रखने का फैसला किया है. नार्वे में मारे गए सभी लोग 80 साल के ऊपर थे और नर्सिंग होम में भर्ती थे. नॉर्वे की मेडिसिन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टेइनार मैडसेन ने कहा, 'डॉक्टरों को निश्चित रूप से सतर्कतापूर्वक ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें वैक्सीन लगाया जाना है. जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं और अंतिम सांसें गिन रहे हैं, उन्हें एक-एक करके जांच करने के बाद ही टीका लगाया जाए.'
वहीं, WHO ने कहा है कि वह नॉर्वे में मौतों को लेकर हो रही जांच पर नजर बनाए हुए है. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा, 'हम नार्वे की घटनाओं पर पूरी नजर रखे हुए हैं और वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. हम सभी 23 मौतों के कारणों और उसकी परिस्थितियों की जांच पर नजदीकी से नजर रखेंगे.' इससे पहले नार्वे ने 13 लोगों के वैक्सीन के दुष्प्रभाव से मौतों की पुष्टि की थी. हालांकि अब वैक्सीन लगवाने के बाद मरने वालों की संख्या 23 हो गई है.ये भी पढ़ें: ब्रिटेन को कोरोना वायरस के दक्षिण अमेरिकी स्ट्रेन का डर, उड़ानों पर लगाई पाबंदी
नए साल की शुरुआत से लगाई जा रही वैक्सीन
नॉर्वे में नए साल के 4 दिन बाद फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन को लगाने का काम शुरू किया गया था. अब तक देश में 33 हजार लोगों को यह कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा चुकी है. नॉर्वे में इस बात की पहले ही घोषणा की जा चुकी थी कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट होंगे. मैडसेन ने कहा कि ऐसा लगता है कि इन मरीजों को वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा जिससे वे गंभीर रूप से बीमार हो गए. इससे आगे चलकर उनकी मौत हो गई.