बालाकोट एयरस्ट्राइक: घाव इतना गहरा कि 6 साल से लगातार है कर्फ्यू, हर तरफ खौफ
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बालाकोट पर भारतीय एयर स्ट्राइक के 6 साल बाद भी हर तरफ खौफ ही खौफ है. यहां दिन के उजाले में कभी-कभार ही कोई इंसान दिखाई देता है. कोई आतंकवादी यहां रात में नहीं रुकता.
एयर स्ट्राइक के छह साल बाद भी बालाकोट में खौफ की स्थिति है.पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी 2019 को भारत की ओर से की गई एयर स्ट्राइक का खौफ आज भी पाकिस्तान प्रशासन और आतंकवादियों के चेहरे पर देखने को मिल जाता है. बालाकोट के निकट जब्बा टाप इलाके के तालीम उल कुरान मदरसा और आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर के आसपास पाकिस्तान फौज ने छह साल बीतने के बावजूद सख्त कर्फ्यू लगा रखा है. किसी भी आम या खास शख्स को उधर जाने की इजाजत नहीं है.
पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन और पाकिस्तान प्रशासन में इस एयर स्ट्राइक का खौफ इस कदर है कि आतंकवादी कभी कभार वहां दिन में ट्रेनिंग लेने आ जाते हैं. लेकिन शाम का धुंधलका फैलने से पहले ही वे वापस लौट जाते हैं. आतंकवादी संगठनों के बड़े सरगना अब यहां न तो दिन में और न ही रात के अंधेरे में आना पसंद करते हैं. इस इलाके से दूर की बस्तियों में आतंकवादी सरगनाओ ने अपने घोंसले बना रखे हैं जिससे कि इंसानी बस्ती होने के कारण वहां कोई स्ट्राइक ना हो सके.
अब नहीं आते सरगना
आतंकवादियों का प्रशिक्षण केंद्र भी इस जगह से दूर कर दिया गया है. नए आतंकवादियों को दिन में यहां लाकर उन्हें आरंभिक प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन इन्हें प्रशिक्षण देने कोई भी बड़ा आतंकी सरगना या फौज का अफसर नहीं आता. नये आतंकवादियों को यह प्रशिक्षण भी प्रतिदिन नहीं दिया जाता यानी उनके आने का कोई समय निश्चित नहीं होता. तालीम उल कुरान मदरसा भी वीरान पड़ा है क्योंकि दूर बस्तियों के लोग भी इस मदरसे में अपने बच्चों को भेजने से परहेज करते हैं.
आतंकवादियों का प्रशिक्षण केंद्र भी इस जगह से दूर कर दिया गया है. नए आतंकवादियों को दिन में यहां लाकर उन्हें आरंभिक प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन इन्हें प्रशिक्षण देने कोई भी बड़ा आतंकी सरगना या फौज का अफसर नहीं आता. नये आतंकवादियों को यह प्रशिक्षण भी प्रतिदिन नहीं दिया जाता यानी उनके आने का कोई समय निश्चित नहीं होता. तालीम उल कुरान मदरसा भी वीरान पड़ा है क्योंकि दूर बस्तियों के लोग भी इस मदरसे में अपने बच्चों को भेजने से परहेज करते हैं.
पाकिस्तानी फौज को लगता है कि चूकि यह इलाका भारतीय वायु सेना के रडार पर आ चुका है. ऐसे में यहां रिस्क लेना ठीक नहीं है. यही कारण है कि इस इलाके में पाकिस्तानी फौज की गस्त के दौरान कोई सीनियर अफसर भी नहीं रुकता है. यानी आतंकवादी हो या पाकिस्तानी फौज का बड़ा अधिकारी सबको यहां डर लगता है.
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संतोष कुमार
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स... और पढ़ें
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