Benazir भुट्टो हत्या मामला: पीपीपी ने निचली अदालत के फैसले को दी चुनौती (फाइल फोटो)
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने आतंकवाद निरोधक अदालत के उस फैसले को सोमवार को चुनौती दी जिसमें उसने बेनजीर भुट्टो हत्या मामले में पांच पाकिस्तानी तालिबान संदिग्धों को मुक्त करने के साथ ही पूर्व सैन्य शासक परवेज़ मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित कर दिया था.
पीपीपी प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी के लियाकत बाग में एक चुनावी रैली के दौरान हुई गोलीबारी एवं बम हमले में मौत हो गई थी. इसके साथ ही 20 से अधिक अन्य व्यक्ति भी मारे गए थे.
रावलपिंडी की आतंकवादी निरोधक अदालत ने सबूत के अभाव का उल्लेख करते हुए तहरीके तालिबान पाकिस्तान के पांच संदिग्धों को रिहा कर दिया था. अदालत ने साथ ही अधिकारियों को मुशर्रफ की संपत्ति ज़ब्त करने का आदेश दिया था और उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था.
पीपीपी के वरिष्ठ अधिवक्ता लतीफ खोसा ने 31 अगस्त के फैसले के खिलाफ लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ में तीन अपील दायर की. उन्होंने एक अपील में अदालत से मुशर्रफ के खिलाफ अनुपस्थिति में मामला चलाने एवं दोषी ठहराने के लिए कहा. खोसा ने कहा कि भुट्टो ने अपने एक पत्र में लिखा था कि अगर उनकी हत्या होती है तो इसके लिए मुशर्रफ ज़िम्मेदार होंगे.
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