हिरासत में सैयद जकाउल्ला के बेटे सैयद मुहम्मद जीशान को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई है. (File Photo)
इस्लामाबाद. पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने एक व्हाट्सएप ग्रुप (Whatsapp Group) में ईशनिंदा सामग्री पोस्ट करने के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति को दोषी ठहराया और मौत की सजा सुनाई. ईशनिंदा (Blasphemy) मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जहां अप्रमाणित आरोप भी भीड़ और हिंसा को भड़का सकते हैं.
न्यूज़ एजेंसी AFP की एक रिपोर्ट के अनुसार सैयद मुहम्मद जीशान को शुक्रवार को पेशावर की एक अदालत ने इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम और आतंकवाद विरोधी अधिनियम (Anti-Terrorist Act) के तहत दोषी ठहराया. अदालत के आदेश में कहा गया है कि हिरासत में सैयद जकाउल्ला के बेटे सैयद मुहम्मद जीशान को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई है. उत्तर-पश्चिम शहर मर्दन के निवासी जीशान पर 1.2 मिलियन रुपये ($ 4,300) का जुर्माना भी लगाया गया. जीशान को अपील करने का अधिकार है.
सईद के वकील इबरार हुसैन ने एएफपी को बताया कि पंजाब प्रांत के तालागंग निवासी मुहम्मद सईद ने दो साल पहले संघीय जांच एजेंसी के पास एक आवेदन दायर किया था, जिसमें जीशान पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में ईशनिंदा (Blasphemy) सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था. उन्होंने कहा कि एफआईए ने जीशान के सेल फोन को जब्त कर लिया था और इसकी फोरेंसिक जांच ने उन्हें दोषी साबित कर दिया.
पाकिस्तान में एक मानवाधिकार और कानूनी सहायता समूह राष्ट्रीय न्याय और शांति आयोग के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में 774 मुसलमानों और विभिन्न अल्पसंख्यक धार्मिक समूहों के 760 सदस्यों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था. अधिकतर मामलों में इस कानून का दुरूपयोग रंजिश को साधने के लिए किया जाता रहा है.
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Tags: Blasphemy, Human rights, Pakistan
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