इस्लामाबाद. पाकिस्तान की पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी को पुलिस अधिकारियों ने ‘पीटा’ और उन्हें अपने साथ ले गये. मजारी की बेटी ने शनिवार को यह जानकारी दी. पिछले महीने इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये प्रधानमंत्री पद से हटाने के बाद से पूर्व मंत्री मजारी, सेना की आलोचना करती रही हैं. भ्रष्टाचार रोधी अधिकारियों द्वारा मजारी की गिरफ्तारी के बाद एक राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, लेकिन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज के हस्तक्षेप से यह जल्द ही शांत हो गया, जिन्होंने पुलिस को उन्हें हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया. हमजा ने 59 वर्षीय मजारी की गिरफ्तारी में शामिल उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं.
हमजा ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता की गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया था. उनका इशारा परोक्ष तौर पर यह था कि उनकी नजरबंदी के पीछे ‘अन्य ताकते हैं.’ इससे पहले मजारी की बेटी ईमान जैनब मजारी-हजीर ने ट्वीट किया कि उनकी मां को ‘भ्रष्टाचार रोधी’ अधिकारियों ने गिरफ्तार किया. उस समय मजारी के खिलाफ आरोप घोषित नहीं किये गए थे. मजारी-हजीर ने कहा, “पुरुष पुलिस अधिकारियों ने मेरी मां को पीटा और उन्हें अपने साथ ले गए. मुझे केवल इतना बताया गया कि लाहौर की भ्रष्टाचार रोधी इकाई उन्हें ले गई.”
मजारी के खिलाफ पुलिस का मामला 1970 का है
भ्रष्टाचार रोधी प्रतिष्ठान (एसीई) के अधिकारियों ने ‘डॉन न्यूज’ से कहा कि शिरीन को हिरासत में लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक मजारी के खिलाफ पुलिस का मामला 1970 का है जब वह सात साल की थी. उनके परिवार पर प्रांतीय राजधानी लाहौर से 400 किलोमीटर दूर डीजी खान जिले में 800 कनाल (100 एकड़) जमीन हड़पने का आरोप है. दशकों की न्यायिक देरी के बाद, इस साल मार्च में इस मामले में पुलिस में मामला दर्ज किया गया.
प्रधानमंत्री के पूर्व विशेष सहायक शाहबाज गिल ने पाकिस्तान तहरीक-ए -इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं से कोहसार पुलिस थाने पहुंचने को कहा है जहां मजारी को रखा गया है. पीटीआई के नेताओं ने कहा कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक विद्वेष के कारण की गई है.
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