PAK: गुरूद्वारा ननकाना साहिब में तोड़फोड़ के लिए 3 व्यक्ति दोषी करार, 2 साल की जेल

पाकिस्तान के गुरूद्वारा ननकाना साहिब में तोड़फोड़ के लिए तीन लोग दोषी करार दिए गए हैं. फोटोः AFP
Gurdwara Nankana Sahib vandalizing Case: पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी अदालत ने मंगलवार को देश के पंजाब प्रांत (Punjab Provice) में गुरुद्वारा ननकाना साहिब में विध्वंस करने के लिए तीन लोगों को दो साल कैद की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है जहां सिखों के पहले गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev's Birth Place) का जन्म हुआ था.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 12:09 PM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की एक अदालत ने गुरूद्वारा ननकाना साहिब (Gurdwara Nankana Sahib) में तोड़फोड़ के मामले में तीन दोषियों (Three People Convicted) को दो साल (Two Years Jail) तक की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी अदालत ने मंगलवार को देश के पंजाब प्रांत में गुरूद्वारा ननकाना साहिब में विध्वंस करने के लिए तीन लोगों को दो साल कैद की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है जहां सिखों के पहले गुरु नानक देव का जन्म हुआ था.
क्यों हुई थी यह घटना?
गुरुद्वारे को तोड़ने का मुख्य आरोपी चिश्ती के भाई मोहम्मद हसन ने सितंबर, 2020 में एक सिख किशोरी जगजीत कौर का कथित रूप से अपहरण कर और उसे इस्लाम में परिवर्तित करने के बाद उससे शादी की थी. इस मामले में चिश्ती ने दावा किया था कि गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी से शादी करने के लिए उसके भाई हसन को पुलिस ने पीटा था जिसके चलते उसने भीड़ को गुरूद्वारा तोड़ने के लिए उकसाया था. फिलहाल जगजीत कौर अपने नए नाम आयशा के साथ लाहौर में दारुल अमन (सरकारी आश्रय गृह) में रह रही है. उसने कथित तौर पर अपने घर लौटने और वापस लौटने से इनकार कर दिया है.
हसन पर तलाक देने के लिए दबाव डाला जा रहा हैहसन पर पुलिस और अधिकारियों द्वारा उसे तलाक देने के लिए दबाव डाला जा रहा है. भारत ने गुरुद्वारे में हुई बर्बरता की घटना की कड़ी निंदा की थी और पाकिस्तान सरकार से वहां सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग भी की थी. मुख्य आरोपी इमरान चिश्ती मत्स्य विभाग में काम करने वाला एक सरकारी कर्मचारी था जिसने अपने भाई का बदला लेने के लिए भीड़ को भड़का कर गुरुद्वारे को तोड़ने का काम किया.
जनवरी 2020 में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हुआ था हमला
जनवरी 2020 में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हिंसक भीड़ ने हमला किया और पथराव कर इसे नुकसान पहुंचाया था. भीड़ ने इस गुरुद्वारे को तोड़कर गुलाम-ए- मुस्तफा मजार (shrine) बनाने की धमकी दी थी. कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने मंगलवार को इस मामले के मुख्य आरोपी इमरान चिश्ती को दो साल कैद दी गई और साथ ही उस पर 10 हजार पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के समय सभी संदिग्ध अदालत में मौजूद थे. सुनवाई के बाद किसी भी तरह की हिंसक घटना को होने से रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय किए गए थे. इमरान चिश्ती और अन्य संदिग्धों को पिछले साल गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद आतंकवाद और ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान में अशांति फैलाने के लिए ISIS को समर्थन दे रहा है भारत: PM इमरान खान
पाकिस्तान: छात्राओं के जींस, कुर्ती और गहना पहनने पर बैन, छात्रों पर भी लगी पाबंदियां
गुरूद्वारे को नुक्सान पहुँचाने के लिए मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अहमद को छह महीने कैद की सजा दी गई जबकि सबूतों के अभाव में चार आरोपियों को छोड़ दिया गया.
क्यों हुई थी यह घटना?
गुरुद्वारे को तोड़ने का मुख्य आरोपी चिश्ती के भाई मोहम्मद हसन ने सितंबर, 2020 में एक सिख किशोरी जगजीत कौर का कथित रूप से अपहरण कर और उसे इस्लाम में परिवर्तित करने के बाद उससे शादी की थी. इस मामले में चिश्ती ने दावा किया था कि गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी से शादी करने के लिए उसके भाई हसन को पुलिस ने पीटा था जिसके चलते उसने भीड़ को गुरूद्वारा तोड़ने के लिए उकसाया था. फिलहाल जगजीत कौर अपने नए नाम आयशा के साथ लाहौर में दारुल अमन (सरकारी आश्रय गृह) में रह रही है. उसने कथित तौर पर अपने घर लौटने और वापस लौटने से इनकार कर दिया है.
हसन पर तलाक देने के लिए दबाव डाला जा रहा हैहसन पर पुलिस और अधिकारियों द्वारा उसे तलाक देने के लिए दबाव डाला जा रहा है. भारत ने गुरुद्वारे में हुई बर्बरता की घटना की कड़ी निंदा की थी और पाकिस्तान सरकार से वहां सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग भी की थी. मुख्य आरोपी इमरान चिश्ती मत्स्य विभाग में काम करने वाला एक सरकारी कर्मचारी था जिसने अपने भाई का बदला लेने के लिए भीड़ को भड़का कर गुरुद्वारे को तोड़ने का काम किया.
जनवरी 2020 में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हुआ था हमला
जनवरी 2020 में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हिंसक भीड़ ने हमला किया और पथराव कर इसे नुकसान पहुंचाया था. भीड़ ने इस गुरुद्वारे को तोड़कर गुलाम-ए- मुस्तफा मजार (shrine) बनाने की धमकी दी थी. कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने मंगलवार को इस मामले के मुख्य आरोपी इमरान चिश्ती को दो साल कैद दी गई और साथ ही उस पर 10 हजार पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सजा सुनाए जाने के समय सभी संदिग्ध अदालत में मौजूद थे. सुनवाई के बाद किसी भी तरह की हिंसक घटना को होने से रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय किए गए थे. इमरान चिश्ती और अन्य संदिग्धों को पिछले साल गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद आतंकवाद और ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
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गुरूद्वारे को नुक्सान पहुँचाने के लिए मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अहमद को छह महीने कैद की सजा दी गई जबकि सबूतों के अभाव में चार आरोपियों को छोड़ दिया गया.