‘कुलभूषण मामले में नहीं हुआ कोई समझौता, PAK कानून के तहत होगा फैसला’

पाकिस्तान जेल में बंद भारत के कुलभूषण जाधव
पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कूलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में कोई समझौता नहीं किया गया है. जाधव के बारे में निर्णय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले का सम्मान करते हुए पाकिस्तानी कानूनों के तहत किया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: November 14, 2019, 5:14 PM IST
इस्लामाबाद. भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर बयानबाजी शुरू कर दी है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कूलभूषण के मामले में कोई समझौता नहीं किया गया है. जाधव के बारे में निर्णय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले का सम्मान करते हुए पाकिस्तानी कानूनों के तहत किया जाएगा. पाकिस्तान रेडियो की तरफ से यह जानकारी दी गई है.
इससे पहले पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) ने बुधवार को कहा था कि उसका देश (पाकिस्तान) मृत्युदंड की सजा पाए कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार करने जा रहा है. सेना का यह बयान इन खबरों के बीच आया है कि पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने के लिए सेना कानून में संशोधन की तैयारी कर रही है.
हालांकि पाकिस्तान सशस्त्र बल के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इन खबरों को बस ‘अटकलें’ करार दिया कि सरकार जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ एक दीवानी अदालत में अपील दायर करने की इजाजत देने के लिए थल सेना कानून में संशोधन की योजना बना रही है.मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार कानून में संशोधन से सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दीवानी अदालतों में समाधान मांगने की प्रक्रिया की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी. आईसीजे ने 17 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की अवश्य ही समीक्षा करनी चाहिए.
गफूर ने कहा था कि जाधव के मामले में आईसीजे फैसले को लागू करने के लिए पाकिस्तान सेना कानून में संशोधन की खबरें ‘गलत’ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. अंतिम स्थिति सही समय पर साझा की जाएगी.’
पाकिस्तान ने जाधव को ईरान से किया था अगवा
अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) के खिलाफ पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे. भारत ने दलील दी थी कि उसके नागरिक को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से इनकार करना राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन है.
ICJ ने मौत की सजा पर लगाई थी रोक
इस मामले में भारत के आवेदन को स्वीकार करने पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज करते हुए आईसीजे ने 42 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि मौत की सजा के तामील पर लगातार स्थगन से जाधव के दंड की समीक्षा की अपरिहार्य स्थिति पैदा होती है. जाधव को सुनाये गये दंड से दोनों पड़ोसी देशों में तनाव पैदा हो गया है. हालांकि आईसीजे ने सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई समेत भारत की कई मांगें खारिज कर दी थी.
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इससे पहले पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) ने बुधवार को कहा था कि उसका देश (पाकिस्तान) मृत्युदंड की सजा पाए कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार करने जा रहा है. सेना का यह बयान इन खबरों के बीच आया है कि पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने के लिए सेना कानून में संशोधन की तैयारी कर रही है.
No deal to be made on issue of #KulbhushanJadhav (in file pic), says Foreign Office. The decisions about him will be made in accordance with Pakistani laws while honouring verdict of International Court of Justice (ICJ) in the case: Radio Pakistan pic.twitter.com/4kn2w7ZOak
— ANI (@ANI) November 14, 2019
हालांकि पाकिस्तान सशस्त्र बल के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इन खबरों को बस ‘अटकलें’ करार दिया कि सरकार जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ एक दीवानी अदालत में अपील दायर करने की इजाजत देने के लिए थल सेना कानून में संशोधन की योजना बना रही है.मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार कानून में संशोधन से सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दीवानी अदालतों में समाधान मांगने की प्रक्रिया की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी. आईसीजे ने 17 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की अवश्य ही समीक्षा करनी चाहिए.
गफूर ने कहा था कि जाधव के मामले में आईसीजे फैसले को लागू करने के लिए पाकिस्तान सेना कानून में संशोधन की खबरें ‘गलत’ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. अंतिम स्थिति सही समय पर साझा की जाएगी.’
पाकिस्तान ने जाधव को ईरान से किया था अगवा
अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) के खिलाफ पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे. भारत ने दलील दी थी कि उसके नागरिक को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से इनकार करना राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन है.
ICJ ने मौत की सजा पर लगाई थी रोक
इस मामले में भारत के आवेदन को स्वीकार करने पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज करते हुए आईसीजे ने 42 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि मौत की सजा के तामील पर लगातार स्थगन से जाधव के दंड की समीक्षा की अपरिहार्य स्थिति पैदा होती है. जाधव को सुनाये गये दंड से दोनों पड़ोसी देशों में तनाव पैदा हो गया है. हालांकि आईसीजे ने सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई समेत भारत की कई मांगें खारिज कर दी थी.
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