पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने रैलियों में पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ भाषण दिए. (AP)
इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत के कश्मीरियों (Kashmir Issue) की जान लेने वाले आतंकियों का समर्थन के लिए 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाया. वहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) ने ही इसका विरोध किया है. POK के लोगों ने पाकिस्तान की तरफ से 5 फरवरी को कश्मीर एकता दिवस (Kashmir Solidarity Day) मनाए जाने को ढोंग बताते हुए ‘फ्रॉड-डे’ मनाकर इसका विरोध किया है.
POK के बाघ, मोंग और हजीरा आदि दर्जनों जगह पर पाकिस्तान के विरोध में रैलियां निकाली गई हैं. रैलियों में लोगों ने इस्लामाबाद पर कश्मीर को लेकर डबल स्टैंडर्ड अपनाने के आरोप लगाए हैं. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने रैलियों में पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ भाषण दिए. इस दौरान उन्होंने श्रीनगर और इस्लामाबाद के इंफ्रास्ट्रक्चर की तुलना की. उन्होंने कहा, श्रीनगर में पाकिस्तान की राजधानी से भी ज्यादा अच्छी सुविधाएं हैं. ऐसे में पाकिस्तानी हुकूमत किस तरह की एकजुटता की बात कर रही है?
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एक युवा नेता साजिद अमीन ने कहा, ‘मैं मुजफ्फराबाद, रावलकोट और मीरपुर की तुलना श्रीनगर से नहीं करूंगा, लेकिन श्रीनगर की तुलना इस्लामाबाद के साथ की जाएगी. जिस तरह के हॉस्पिटल श्रीनगर शहर में हैं, ऐसी सुविधाएं इस्लामाबाद में भी मौजूद नहीं हैं. काश मैं कह सक सकता कि रावलपिंडी और इस्लामाबाद में ऐसी यूनिवर्सिटी होती, जिसकी तुलना श्रीनगर यूनिवर्सिटी से की जा सकती.’
1990 से कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर झूठ फैला रहा पाक
पाकिस्तान 1990 से हर साल 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मना रहा है. इसके जरिए वह कथित तौर पर कश्मीर की आजादी के लिए लड़ रहे आतंकियों को क्रांतिकारी बताकर कश्मीर अलगाववाद आंदोलन का समर्थन करता है. इसकी शुरुआत के साल से ही एंटी-इंडिया ग्रुप्स और लोग इस दिन का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में लोगों को अपना समर्थन करने और हिंसा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए उन्हें अपने साथ जोड़ने में करते हैं.
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आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद बदली है तस्वीर
पाकिस्तान के कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के प्रयास साल 2019 के बाद से फेल हो रहे हैं. साल 2019 में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए को खत्म कर दिए जाने के बाद से माहौल बदला है. स्थानीय निवासियों ने भी अपनी राय भारत को लेकर बदली है, जिससे पाक परस्त एजेंडे को लागू करने में जुटे अलगाववादियों के मंसूबे फेल हो रहे हैं.
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