इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की माली हालत हर दिन खराब होती जा रही है. पड़ोसी मुल्क अब दिवालिया होने (Defaulter) के कगार पर पहुंच गया है. पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी (Shabbar Zaidi) ने ये दावा किया है. जैदी ने इमरान सरकार के उस दावे को भी गलत बताया, जिसमें कहा गया था कि देश बहुत अच्छा कर रहा है. जल्द ही इसके रिजल्ट जनता को देखने को मिलेंगे.
फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी (Shabbar Zaidi) ने गुरुवार को हमदर्द विश्वविद्यालय में दिए एक भाषण में कहा, ‘मेरा मानना है कि हमारा देश इस वक्त दिवालिया हो गया है. यही स्वीकार करना बेहतर है. लोगों के लिए अर्थव्यवस्था को लेकर तरह-तरह के दावे करने से बेहतर है कि इस समस्या से निकलने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं. देश के लोगों को धोखे में रखना भी सही नहीं है.’
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वहीं, दूसरी ओर फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के पूर्व अध्यक्ष के बयान के बाद पाकिस्तान की सियासत गरमा गई. हालांकि, बाद में उन्होंने कई ट्वीट कर मामले में सफाई दी. जैदी ने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया. दिवालियापन चिंता का विषय है, जिसका समाधान हमें खोजना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके बयान में से केवल तीन-चार मिनट का चयन कर उसे वायरल किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है.
हर एक पाकिस्तानी के ऊपर लगभग 75 हजार रुपये का कर्ज
पाकिस्तान में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि उसके पास चीन के कर्ज को चुकाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. पाकिस्तान ने चीन के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी भारी मात्रा में कर्ज लिया हुआ है. पाकिस्तान पर घरेलू और विदेशी कर्ज 50 हजार अरब रुपये से भी ज्यादा हो चुका है. एक साल पहले हर एक पाकिस्तानी के ऊपर लगभग 75 हजार रुपये का कर्ज था.
इस वित्तीय वर्ष के आखिरी में पाकिस्तान के ऊपर कुल विदेशी कर्ज 14 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा. इसमें लगभग आधा कर्ज चीन के वाणिज्यिक बैंकों का है. पाकिस्तान ने इन बैंकों से मुख्य रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से संबंधित परियोजनाओं के लिए कर्ज लिया हुआ है.
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पाकिस्तान पर इन देशों और संस्थाओं का कर्ज
पाकिस्तान के सरकारी खजाने पर पहले से ही 2.6 अरब डॉलर के कई देशों का उधार, चीनी सरकार और वाणिज्यिक बैंकों के 9.1 अरब डॉलर का कर्ज, 1 अरब डॉलर के यूरोबॉन्ड/सुकुक और आईएमएफ के 1 अरब डॉलर के भुगतान का दबाव है। पाकिस्तान पर पेरिस क्लब का 33.1 बिलियन डॉलर का मल्टीलेटरल कर्ज, यूरोबॉन्ड और सुकुक जैसे अंतरराष्ट्रीय बांडों का 12 अरब डॉलर बकाया है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात और चीन से भी तीन-तीन अरब डॉलर की सुरक्षित जमा राशि हासिल की है. वहीं, 3 बिलियन डॉलर की एक और किश्त सऊदी अरब से मिलने जा रही है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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