इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की एक स्थानीय अदालत ने चारसद्दा जिले के रहने वाले एक व्यक्ति को ईशनिंदा (blasphemy) का दोषी ठहराया है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की एक कोर्ट ने इंटरनेट पर वीडियो अपलोड कर ईशनिंदा करने का आरोप लगाते हुए उसे मौत की सजा सुनाई है. इस बारे में द डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने 42 वर्षीय बशीर मस्तान को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत दोषी ठहराया है.
पाकिस्तानी दैनिक के अनुसार इस मौत की सजा के साथ, उस व्यक्ति पर 100,000 पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया गया. अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाते हुए आदेश दिया कि जब तक उच्चाधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर लेते तब तक सजा को अंजाम नहीं दिया जाना चाहिए.
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खबर में कहा गया है यह आरोपी व्यक्ति एक वीडियो में देखा गया था जिसमें उसने कथित तौर पर खुद को नबी होने का दावा किया था. इस वीडियो के कारण लोगों में आक्रोश फैल गया था. इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने ईशनिंदा के मामलों को लेकर चिंता जताई थी.
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पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने कहा था कि इस आरोप की आड़ में सांप्रदायिक और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एचआरसीपी का मानना है कि राज्य ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से छोड़ दिया है. समूह ने कहा कि आरोपी को भीड़ की दया के लिए छोड़ दिया जाता है और उसके बाद कानूनी प्रक्रियाएं होती हैं.
अधिकार समूह ने कहा था कि पुलिस को ईशनिंदा के मामले दर्ज करने से भी बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब ऐसी शिकायतें अक्सर व्यक्तिगत प्रतिशोध द्वारा गढ़ी और प्रेरित की जाती हैं, तब ऐसे मामलोंं में सतर्कता बरतनी चाहिए. पूरी जानकारी रखते हुए ऐसे मामलों में संवेदनशीलता होनी चाहिए.
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