पाकिस्तान ने अपने पूर्व खुफिया एजेंसी चीफ असद दुर्रानी को बता दिया भारत का 'जासूस'

ISI के पूर्व चीफ असद दुर्रानी (फाइल फोटो)
Asad Durrani Latest News and Pakistan: पाकिस्तान ने अपनी खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व चीफ असद दुर्रानी को भारतीय खुफिया एजेंसी RAW से रिश्ते बता दिए हैं. दुर्रानी ने RAW के पूर्व चीफ एएस दुलत के साथ मिलकर एक किताब लिखी थी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 11:02 AM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के चीफ रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल असद दुर्रानी (Former ISI chief Asad Durrani) को भारत का जासूस बता दिया है. रक्षा मंत्रालय दुर्रानी का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) से नहीं हटाने का आग्रह किया है. रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट में दाखिल एक जवाब में कहा है कि उसके पास इस बात के पुख्ता सबूत है कि दुर्रानी के 2008 से भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) से रिश्ते रहे थे.
दुर्रानी से बेहद नाराज है पाक सरकार
दरअसल, दुर्रानी ने RAW के पूर्व चीफ रहे अमरजीत सिंह दुलत (A S Dulat) के साथ मिलकर ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ नामक एक किताब लिखी थी. इस किताब के छपने के बाद पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर दुर्रानी का नाम ECL में रखने का आग्रह किया था. दुर्रानी ने इस फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 2019 में चुनौती दी थी.
रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा है कि पूर्व ISI चीफ का नाम नो फ्लाई लिस्ट में इसलिए रखा गया है क्योंकि वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.किताब से हुई थी पाकिस्तान की किरकिरी
दुलत और दुर्रानी की हार्पर कॉलिंस से प्रकाशित किताब के बात ऐसी कई जानकारी सामने आई थी जिससे पाकिस्तान सेना हिल गई थी. किताब में दुर्रानी के हवाले से लिखा गया है कि आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के अभियान को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच डील हुई थी.
दुर्रानी से बेहद नाराज है पाक सरकार
दरअसल, दुर्रानी ने RAW के पूर्व चीफ रहे अमरजीत सिंह दुलत (A S Dulat) के साथ मिलकर ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ नामक एक किताब लिखी थी. इस किताब के छपने के बाद पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर दुर्रानी का नाम ECL में रखने का आग्रह किया था. दुर्रानी ने इस फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 2019 में चुनौती दी थी.
रक्षा मंत्रालय ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा है कि पूर्व ISI चीफ का नाम नो फ्लाई लिस्ट में इसलिए रखा गया है क्योंकि वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.किताब से हुई थी पाकिस्तान की किरकिरी
दुलत और दुर्रानी की हार्पर कॉलिंस से प्रकाशित किताब के बात ऐसी कई जानकारी सामने आई थी जिससे पाकिस्तान सेना हिल गई थी. किताब में दुर्रानी के हवाले से लिखा गया है कि आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के अभियान को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच डील हुई थी.