अर्मेनिया के खिलाफ जंग में अजरबैजान की तरफ से लड़ रही है पाकिस्तानी सेना, आतंकी भी भेजे

आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध जारी है.
Azerbaijan and Armenia war: दोनों देशों के बीच 4400 वर्ग किलोमीटर के इस क्षेत्र को अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, लेकिन फिलहाल यहां अर्मेनिया का कब्जा है. इस क्षेत्र को अपना बनाने के लिए अर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध कर रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: September 30, 2020, 6:55 PM IST
नई दिल्ली. अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) के बीच विवादित नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) को लेकर लड़ाई जारी है. अब इस लड़ाई में आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान की भूमिका का खुलासा हुआ है. न्यूज वेबसाइट डीएनए ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि इस लड़ाई में पाकिस्तान की सेना (Pakistani Army) अजरबैजान की तरफ से शामिल हो गई है.
एक टेलीफोनिक बातचीत में यह सामने आया है कि पाकिस्तानी सेना अजरबैजान की तरफ से युद्ध लड़ रही है. इसके अलावा, पाकिस्तान से हजारों आतंकी भेजने की खबरें भी हैं. ये आतंकवादी गृहयुद्ध से प्रभावित सीरिया और लीबिया के रास्ते नागोरनो-काराबाख भेजे जा रहे हैं. दरअसल, अर्मेनिया- अजरबैजान काफी समय से नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्र को लेकर टकरा गए हैं. अर्मेनिया ने दावा किया है कि उसने इस युद्ध में अब तक अजरबैजान के 22 टैंकों और ड्रोन को मार गिराया है. कई दिनों से जारी इस युद्ध में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हो चुके हैं.
अजरबैजान को मिला तुर्की का समर्थन
अजरबैजान को सिर्फ पाकिस्तानी सेना का नहीं बल्कि तुर्की की सेना का भी समर्थन मिल चुका है. जानकारी के लिए बता दें कि दोनों देशों के बीच 4400 वर्ग किलोमीटर के इस क्षेत्र को अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, लेकिन फिलहाल यहां अर्मेनिया का कब्जा है. इस क्षेत्र को अपना बनाने के लिए अर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध कर रहे हैं. इस लड़ाई में कूदे तुर्की पर अर्मेनिया ने आरोप लगाया है कि तुर्की द्वारा एक फाइटर जेट ने उसके युद्धक विमान को मार गिराया. अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारे एयरस्पेस में तुर्की के F-16 फाइटर जेट ने हमारे सुखोई SU-25 को मार गिराया है.रूस और अमेरिका ने की विराम लगाने की अपील
इन दोनों देशों के बीच जारी जंग के तेजी से फैसले की आशंका जताई जा रही है. अमेरिका और रूस दोनों ही अर्मेनिया और अजरबैजान से युद्ध पर पूर्ण विराम लगाने की अपील कर चुके हैं. हालांकि इन अपीलों के बावजूद युद्ध लगातार जारी है.
एक टेलीफोनिक बातचीत में यह सामने आया है कि पाकिस्तानी सेना अजरबैजान की तरफ से युद्ध लड़ रही है. इसके अलावा, पाकिस्तान से हजारों आतंकी भेजने की खबरें भी हैं. ये आतंकवादी गृहयुद्ध से प्रभावित सीरिया और लीबिया के रास्ते नागोरनो-काराबाख भेजे जा रहे हैं. दरअसल, अर्मेनिया- अजरबैजान काफी समय से नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्र को लेकर टकरा गए हैं. अर्मेनिया ने दावा किया है कि उसने इस युद्ध में अब तक अजरबैजान के 22 टैंकों और ड्रोन को मार गिराया है. कई दिनों से जारी इस युद्ध में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हो चुके हैं.
अजरबैजान को मिला तुर्की का समर्थन
अजरबैजान को सिर्फ पाकिस्तानी सेना का नहीं बल्कि तुर्की की सेना का भी समर्थन मिल चुका है. जानकारी के लिए बता दें कि दोनों देशों के बीच 4400 वर्ग किलोमीटर के इस क्षेत्र को अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, लेकिन फिलहाल यहां अर्मेनिया का कब्जा है. इस क्षेत्र को अपना बनाने के लिए अर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध कर रहे हैं. इस लड़ाई में कूदे तुर्की पर अर्मेनिया ने आरोप लगाया है कि तुर्की द्वारा एक फाइटर जेट ने उसके युद्धक विमान को मार गिराया. अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारे एयरस्पेस में तुर्की के F-16 फाइटर जेट ने हमारे सुखोई SU-25 को मार गिराया है.रूस और अमेरिका ने की विराम लगाने की अपील
इन दोनों देशों के बीच जारी जंग के तेजी से फैसले की आशंका जताई जा रही है. अमेरिका और रूस दोनों ही अर्मेनिया और अजरबैजान से युद्ध पर पूर्ण विराम लगाने की अपील कर चुके हैं. हालांकि इन अपीलों के बावजूद युद्ध लगातार जारी है.