पाकिस्तान द्वारा खरीदे गए चीनी ड्रोन में आई कई बड़ी खराबी.
नई दिल्ली. पाकिस्तान की ऑल वेदर फ्रेंड चीन उसकी सामरिक ताकत में इजाफा करने में लगा हुआ है. नई तकनीक के आधुनिक हथियारों के नाम पर पाकिस्तान की तीनों सेना के अंगों को मजबूत करने में जुटा है. इसी कड़ी में चीन ने पाकिस्तान को CH-4 यूएवी दिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक चीनी ने पाकिस्तान के साथ CH-4 के दो वेरियंट CH-4A, जो इंटेलिजेंस सर्वेलांस के लिए है और CH-4B, जो अटैक आर्मड ड्रोन है, उसे देने का करार किया था. इसकी सप्लाई जनवरी 2021 से शुरू की जा चुकी है. पाकिस्तान इस तरह के 12 से 24 ड्रोन ले रहा है, लेकिन जिस बात का डर चीन के साथ सैन्य उपकरणों के साथ बनी रहती है उस डर को अब पाकिस्तान झेलने लगा है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी CH-4 ड्रोन के ढांचे में क्रैक आने लगे हैं. इस बात की जानकारी पाकिस्तान की तरफ से चीन को दी गई है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक यूएवी के एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड का डायग्नल ब्रेसिंग सपोर्ट एक यूएवी में टूटा मिला है, जबकि दूसरे में टर्बो चार्जर स्पॉट को इंजन माउंट से जुड़े मफलर स्पाट के साथ क्रैक मिला है. यही नहीं चीन ने जो आर्मड ड्रोन के साथ AR-2 एयर टू ग्राउंड मिसाइल दी है वो तो ट्रायल के दौरान ही फुस्स हो गए.
पाकिस्तान ने वापस भेजा मिसाइल
रिपोर्ट के मुताबिक जब पाकिस्तान वायुसेना ने AR-2 मिसाइल का पावर ऑन सेल्फ चेक के टेस्ट के लिए इंटीग्रेटेड चेक इक्विपमेंट के साथ जोड़ा गया तो मिसाइल के सीकर यानी की फायर करने के बाद अपने टार्गेट का पीछे कर उसे नष्ट करने वाली तकनीक फेल हो गई,जिन्हें पाकिस्तान ने वापस चीन भेज दिया है. AR -2 एक शॉर्ट रेंज सेमी एक्टिव लेजर एयर टू सर्फेस मिसाइल है जो कि CH-4 ड्रोन के अलावा चीनी अटैक हैलिकॉप्टर से भी दागा जा सकता है. इससे 8 किलोमीटर दूर से भी सैनिक, बख्तरबंद बंद गाड़ियों , मकानों और बंकर को निशाना बना सकता है. ये समस्या सिर्फ पाकिस्तान को दिए गए CH-4 ड्रोन के साथ नहीं है. चीन ने जिस-जिस देश को ये ड्रोन आधुनिक तकनीक के नाम पर बेचा वो सभी परेशान हैं. यहां तक की कई देश में तो इसके संचालन को ही बंद कर दिया.
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रिपोर्ट के मुताबिक साउदी अरब को भी चीन ने ये ड्रोन बेचे थे, लेकिन अब तकनीकी खराबी के चलते वो जमीन पर पड़े हैं. साउदी अरब की वायुसेना ने 2014 में लॉंग रेंज लॉंग इंड्यूरेंस CH-4 UAV खरीदे थे लेकिन बार-बार तकनीकी खराबी आने की वजह से इन्हें ऑपरेशन से बाहर कर दिया है. इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक सऊदी अरब की वायुसेना चीन से लिए CH-4 यूएवी का इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन अब रायल साउदी एयरफोर्स ने सभी को ग्राउंड कर दिया. ये कोई पहली बार नहीं है कि CH-4 ड्रोन को तकनीकी खराब या मेंटेनेन्स की कमी के चलते ग्राउंडेड किया गया हो. कुछ साल पहले इराक की वायुसेना को भी अपने 10 CH-4 ड्रोन की पूरी फ्लीट को मेंटेनेन्स और तकनीकी खराबी के चलते ग्राउंड करना पड़ा था. यही नहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जॉर्डन एयरफोर्स ने तो इसी दिक्कतों के चलते अपने 6 CH-4 ड्रोन को सेल पर लगा दिया था.
जॉर्डन एयरफ़ोर्स ने 2016 में UACV CH-4 चीन से खरीद की थी और महज तीन साल के बाद 2019 में उसे एयरफ़ोर्स से बाहर का रास्ता दिखने के साथ सेल पर भी लगा दिया था. अल्जीरियाई वायुसेना के CH-4 तो 2013 में टेस्टिंग के दौरान ही क्रैश हो गया था. दूसरा CH-4 2014 में लैंडिंग के दौरान कंट्रोल से बाहर होने के चलते दुर्घटनाग्रस्त हुआ और तीसरा UACV भी इसी तरह से क्रैश हो गया था.
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Tags: China, Drone, Pakistan news
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