लाहौर में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान और पुलिस के बीच हिंसक झड़प (AP)
लाहौर. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के अध्यक्ष साद रिजवी (chief Saad Rizvi) की रिहाई की मांग को लेकर पाकिस्तान एक बार फिर जल उठा है. शुक्रवार को लाहौर से इस्लामाबाद के लिए निकाले जा रहे मार्च में सुरक्षा बलों-कट्टरपंथी इस्लामवादियों (Protesters) के बीच हुई हिंसक झड़प में दो पुलिसकर्मी समेत चार लोगों की मौत हो गई. जबकि पाकिस्तानी अखबार डॉन ने 3 पुलिसकर्मी के मारे जाने की बात कही है. इस दौरान 15 अन्य लोग घायल हो गए.
रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर हजारों समर्थकों ने ‘लंबे मार्च’ की शुरुआत की. रैली में शामिल लोग इस्लामाबाद जाना चााहते हैं ताकि वे रिजवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान सरकार पर दबाव बना सकें. पैंगबर मोहम्मद का कार्टून बनाने को लेकर फ्रांस के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बीच पिछले साल रिजवी को गिरफ्तार किया गया था.
सरकार ने प्रदर्शनकारियों (Angry mob) को लाहौर से आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की. साथ ही लाहौर के कई हिस्सों में मोबाइल सेवाएं निलंबित कर दीं गईं और सड़कों को बंद कर दिया गया.
सुरक्षा बलों ने टीएलपी समर्थकों को इस्लामाबाद की तरफ बढ़ने से रोकने के दौरान 2500 से अधिक आसू गैस के गोले दागे, जिसके बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए.
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि टीएलपी समर्थकों को इस्लामाबाद की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए 2500 से अधिक आसू गैस के गोले दागे गए. कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. 15 घायलों की हालत नाजुक है. वहीं, टीएलपी ने पुलिस के साथ झड़प में मारे गए अपने दो समर्थकों के शव की तस्वीरें साझा कीं.
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रैली को आगे बढ़ने से रोकने के लिए 7,000 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई. उन्होंने बताया कि मुख्य तौर पर झड़प टीएलपी मुख्यालय और मुल्तान रोड पर स्थित एमएओ कॉलेज के बाहर हुई.
अधिकारी ने कहा कि लाहौर आने-जाने वाले रास्तों को अवरोधक लगाकर बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है. रिजवी की पार्टी की तरफ से कहा गया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकाल रहे थे और पुलिस ने अचानक आसू गैस के गोले दागे.
इस बीच, इस्लामाबाद के मुख्य राजमार्ग को बड़े कंटेनर लगाकर बंद कर दिया गया और आसपास के मार्गों को भी बंद कर दिया गया ताकि राजधानी के करीब के शहरों और गांवों से प्रदर्शनकारी प्रवेश नहीं कर पाएं. लाहौर, इस्लामाबाद से करीब 350 किलोमीटर दूर है.
रिजवी की पार्टी के नेता अजमल कादरी ने शुक्रवार को कहा कि रिजवी की रिहाई को लेकर सरकार के साथ बातचीत नाकाम रहने के बाद उनके समर्थकों ने मार्च निकालने का निर्णय लिया.
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