इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान सरकार (Imran Khan Government) ने भारत (India) के गेहूं को अफगानिस्तान (Afghanistan) भेजने के लिए अपने सभी रास्ते खोल दिए हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कैबिनेट की बैठक के बाद सभी मंत्रालयों को सहायता देने का निर्देश दिया. पिछले महीने अफगानिस्तान को लेकर रूस में आयोजित हुए मॉस्को फॉर्मेट के दौरान भारत ने तालिबान के नेताओं से मुलाकात की थी. बैठक में दौरान भारत ने अफगानिस्तान को तत्काल मानवीय मदद देने की पेशकश की थी. तालिबान शासन के आने के बाद अफगानिस्तान में ये भारत की तरफ से पहली मदद होगी. इससे पहले ईरान, यूएई और पाकिस्तान जैसे देशों ने अफगानिस्तान में रसद और मेडिकल सप्लाई भेजी हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में करीब 4 करोड़ लोगों के सामने विकट खाद्य संकट पैदा हो सकता है जबकि करीब 90 लाख पहले से भुखमरी की कगार पर आ चुके हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान अंतर-मंत्रालयी समन्वय प्रकोष्ठ (एआईसीसी) की बैठक के दौरान सभी मंत्रालयों को अफगानिस्तान को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने का निर्देश दिया. उन्होंने 5 बिलियन रुपये की मानवीय सहायता के तत्काल शिपमेंट का आदेश दिया, जिसमें 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं, आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति, शीतकालीन आश्रय और अन्य आपूर्ति सहित खाद्य वस्तुएं शामिल हैं. बैठक में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त सलाहकार श्री शौकत फयाज तारिन, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ मोईद यूसुफ और वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया.
बता दें कि पिछले महीने भारत ने मानवीय सहायता के रूप में अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने का अनुरोध किया था. भारत ने पाकिस्तान से वाघा बॉर्डर के जरिए भारतीय गेहूं को भेजने का अनुरोध किया था. अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर अहमद मुत्तकी ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री इमरान खान से भारत को पाकिस्तान के रास्ते गेहूं भेजने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि तालिबान सरकार भारत से मानवीय मदद लेने के लिये तैयार है.
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हाल में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में लाखों की संख्या में बच्चे इस साल के अंत तक भूख से मर सकते हैं. तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान के बदतर होते हालात पर WHO के बयान ने दुनिया ध्यान फिर से आकर्षित किया है. संगठन ने कहा है कि सर्दी के मौसम में अफगानिस्तान में तापमान कम होगा और भूख से बिलखते बच्चे जान गंवा सकते हैं.
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भूख से मर सकते हैं बच्चे
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक WHO ने कहा कि करीब 32 लाख अफगानी बच्चे साल के अंत तक विकट कुपोषण के शिकार होंगे. इनमें से करीब दस लाख बच्चों पर मौत का खतरा बुरी तरह मंडरा रहा है. संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि देश में फैलते संकट के बीच ये एक बड़ी लड़ाई होगी.
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