पाकिस्तान में भ्रष्टाचार निरोधक एक अदालत ने तोशखाना मामले में बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी (Yusuf Raza Gillani) को दोषी करार दिया. इसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. तोशखाना घूस मामले से राजकोष को भारी नुकसान होने की बात कही गई है. आरोप है कि इन तीनों के शासनकाल में जमकर करप्शन हुआ था और घूस ली गई थी.
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस असगर अली ने शरीफ (70) की चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा. जस्टिस असगर ने मामले में आरोपी सभी नेताओं से सात दिन के अंदर अदालत के समक्ष पेश होने को कहा. शरीफ फिलहाल लंदन में अपना इलाज करा रहे हैं. तोशखाना घूस मामला कथित तौर पर गिलानी (68) द्वारा जरदारी (65) और शरीफ के लिये नियमों में ढील देने से संबंधित है जिससे वह विदेशों से तोहफे में मिली गाड़ियों को खरीद सकें. तोशखाना वह विभाग है जो पाकिस्तान के शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों को दूसरे देशों से मिलने वाले उपहारों का संग्रह करता है. ये सारे तोहफे राष्ट्रीय संपत्ति होते हैं जिन्हें खुली नीलामी में ही बेचा जा सकता है.
तोशखाना ने शरीफ ने 15% कीमत पर खरीदीं लग्जरी गाड़ियां
शरीफ पर आरोप है कि उन्होंने ये लग्जरी गाड़ियां तोशखाना से उनकी कीमत का सिर्फ 15 प्रतिशत मूल्य चुकाकर हासिल कर लीं. इसी तरह जरदारी और गिलानी पर भी लग्जरी गाड़ियां और तोहफे हासिल करने का आरोप है. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने मार्च में तोशखाना के नियमों के कथित रूप से उल्लंघन पर मामला दर्ज किया था कि इससे राजकोष को काफी नुकसान हुआ. एनएबी के मुताबिक गिलानी ने जरदारी और नवाज के इन गाड़ियों को हासिल करने का रास्ता साफ किया.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2020, 08:28 IST