अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुअलडेज़ मार्कोस के साथ. (फोटो: ट्विटर )
वॉशिंगटन. चीन-ताइवान संघर्ष (China Taiwan Conflict) के बीच अमेरिका ने फिलीपींस को ताइवान का साथ देने के लिए अपनी ओर कर लिया है, ऐसे में यह चीन के लिए यह एक चिंताजनक खबर है. विवाद की जड़ तब शुरू हुआ, जब अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ने चीन की लाख धमकियों को ठुकराते हुए ताइवान का दौरा किया. तभी से चीन ने ताइवान के क्षेत्र में अपनी हरकत तेज कर दी है. हालांकि अमेरिका ताइवान के साथ अब भी खड़ा है और इस जंग के माहौल को खत्म करने का प्रयास भी कर रहा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका में फिलीपींस के राजदूत, जोस मैनुअल रोमुअलडेज़ (Jose Manuel Romualdez) ने कहा है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देश ताइवान के साथ संघर्ष में अमेरिकी सेना को अपने सैन्य अड्डों का उपयोग करने की अनुमति देगा, बशर्ते अमेरिका फिलीपींस की भी सुरक्षा का वादा करे.
निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोमुअलडेज़ ने बताया कि 2014 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय संवर्धित रक्षा सहयोग (Defense Cooperation Agreement) समझौते के कारण अमेरिका को फिलीपींस में पांच स्थानों पर सैन्य उपस्थिति रखने की अनुमति है. उन्होंने कहा कि मनीला और वाशिंगटन उन ठिकानों की संख्या बढ़ाने के लिए भी बातचीत कर रहा है, जिनका अमेरिकी सेना इस्तेमाल कर सकती है. रोमुअलडेज़ ने आगे कहा कि फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते (Rodrigo Duterte) ने ताइवान के संघर्ष के दौरान अमेरिका को अपने देश के सैन्य ठिकानों के इस्तेमाल को लेकर अपना विचार रखा था, लेकिन इस मुद्दे पर औपचारिक बातचीत के बहुत कम संकेत मिले हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा विभाग को डर है कि अमेरिकी बलों के पास क्षेत्रीय सैन्य टकराव में ईंधन भरने और फिर से हमला करने के लिए पर्याप्त रसद क्षमता नहीं है. फिलीपींस के सैन्य अड्डों का उपयोग करने से सैनिकों को पीएलए के खिलाफ जरूरी लॉजिस्टिक फुटप्रिंट के साथ मदद मिलेगी.
दरअसल, चीन फिलीपींस को भी दक्षिण चीन सागर के विवाद को लेकर हड़काता रहता है. अमेरिका ने फिलीपींस के साथ एक रक्षा समझौता किया है कि अगर दक्षिण चीन सागर में हमला हुआ तो अमेरिका फिलीपींस की रक्षा करेगा. यह समझौता अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा किया गया था. आपको बता दें कि 2009 के बाद से, बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में अपने दावों को मजबूत करने का प्रयास किया है, और इसके परिणामस्वरूप चीन और फिलीपींस के बीच संबंध लगातार खराब होते गए हैं. 2021 में फिलीपींस के रक्षा मंत्री ने चीन के तटरक्षक बलों पर उत्पीड़न और डराने-धमकाने का आरोप लगाया था.
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