जिस रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी पर लगा है US में हैकिंग का आरोप पुतिन ने उसकी जमकर तारीफ की

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फोटो सौ. न्यूज18 इंग्लिश)
US Cyber Attack: अमेरिकी एजेंसियों और सरकारी विभागों पर हुए साइबर अटैक के पीछे रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी का हाथ बताया जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने रविवार को इसी एजेंसी की जमकर तारीफ की.
- News18Hindi
- Last Updated: December 21, 2020, 2:28 PM IST
मॉस्को. अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हैकिंग (Cyber attack) की घटना के पीछे रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी से जुड़े हैकर्स का हाथ होने का दावा किया जा रहा है. अमेरिकी (US) ख़ुफ़िया एजेंसियों के संवेदनशील डेटा की चोरी के मामले में पता चला है कि ये कई महीनों से जारी था और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) प्रशासन को इस हैकिंग (Cyber hack) की खबर ही नहीं थी. रविवार को इसी रूसी ख़ुफ़िया एजेंसी की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने जमकर तारीफ की, और इन्हें देश का भविष्य बताया.
CNN के मुताबिक CIA, FBI और होमलैंड सिक्योरिटी समेत कई अन्य सुरक्षा एजेंसियों के डेटा में रूस (Russia) और चीन (China) के हैकर्स ने लगातार कई महीनों तक सेंध लगाई थी. हैकर्स लगातार डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेन्स, स्टेट डिपार्टमेंट, जस्टिस डिपार्टमेंट, डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलीजेंस जैसे अहम विभागों की फाइलें चोरी हुईं लेकिन CIA के साइबर सेल को इसकी कोई खबर ही नहीं थी. पुतिन ने रविवार को कहा रूसी फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस SVR की तारीफ करते हुए कहा कि देश की रक्षा और दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए इस एजेंसी ने हमेशा नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं.
पुतिन खुद भी रहे हैं KGB एजेंट
ख़ुफ़िया एजेंसी की 100वीं सालगिरह के मौके पर पुतिन ने कहा कि जो भी रूस की सुरक्षा के लिए अपना योगदान दे रहा है मैं उसे बधाई देता हूं, मैं उनके साथ खड़ा हूं. ये देश को अंदरूनी और बाहरी खतरों से बचा रहे हैं और सुरक्षा में अहम योगदान दे रहे हैं. इस देश को सुरक्षित रखना ही हमारी सबसे प्रमुख जिम्मेदारी है और इससे जिंदगी भर बचा नहीं जा सकता. इन्फोर्मेशन सोसायटी सबसे अहम योगदान दे रही है. पुतिन ने एजेंसी से जुड़े नए हैकर्स की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है और इससे रूसी फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस को इससे काफी फायदा पहुंच रहा है. पुतिन ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए कुछ नियम-कानून तोड़ने पड़ते हैं और कुछ नए तरीके इजाद करने पड़ते हैं, ये सब जायज है और सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे कदम उठाने चाहिए.
साइबर हमले के पीछे रूस नहीं चीन का हाथ!
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में हुए साइबर हमले के लिए रूस के बजाए चीन पर शक जताया है, जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री एवं अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है. ट्रंप ने साइबर हमले के बारे में पहली बार शनिवार को सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करते हुए रूस को जिम्मेदार ठहराए जाने के विचार का उपहास उड़ाया और इस साइबर हमले को खास तवज्जो नहीं दी, जबकि देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सचेत किया है कि इससे सरकारी और निजी नेटवर्कों को 'गंभीर' खतरा हो सकता है.

ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया, 'साइबर हैक वास्तविकता के बजाए फर्जी समाचार मीडिया में अधिक बड़ा है. मुझे पूरी जानकारी दी गई है और सब कुछ नियंत्रण में है.' उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया 'चीन का हाथ होने की संभावना पर चर्चा करने को लेकर डरा हुआ' है. इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा था कि यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि अमेरिका के खिलाफ सबसे खतरनाक साइबर हमले के पीछे रूस का ही हाथ था. यह स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स क्या चाह रहे थे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उनके मंसूबों में परमाणु हथियार से जुड़े रहस्य, उन्नत हथियारों की रूपरेखा, कोविड-19 टीके से संबंधित अनुसंधान और सरकार के प्रमुख नेताओं और बड़े उद्योगपतियों के बारे में जानकारी एकत्र करना शामिल हो सकता है. व्हाइट हाउस ने ट्रंप के दावों के आधार या बयान संबंधी प्रश्नों पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी है और उसने पोम्पिओ की टिप्पणियों के बारे में भी अभी कुछ नहीं कहा है.
CNN के मुताबिक CIA, FBI और होमलैंड सिक्योरिटी समेत कई अन्य सुरक्षा एजेंसियों के डेटा में रूस (Russia) और चीन (China) के हैकर्स ने लगातार कई महीनों तक सेंध लगाई थी. हैकर्स लगातार डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेन्स, स्टेट डिपार्टमेंट, जस्टिस डिपार्टमेंट, डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलीजेंस जैसे अहम विभागों की फाइलें चोरी हुईं लेकिन CIA के साइबर सेल को इसकी कोई खबर ही नहीं थी. पुतिन ने रविवार को कहा रूसी फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस SVR की तारीफ करते हुए कहा कि देश की रक्षा और दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए इस एजेंसी ने हमेशा नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं.
Putin celebrates 100th anniversary of Russian spy agency behind major US cyberattack https://t.co/5IEHiPDAL9
— Daily Mail Online (@MailOnline) December 21, 2020
पुतिन खुद भी रहे हैं KGB एजेंट
ख़ुफ़िया एजेंसी की 100वीं सालगिरह के मौके पर पुतिन ने कहा कि जो भी रूस की सुरक्षा के लिए अपना योगदान दे रहा है मैं उसे बधाई देता हूं, मैं उनके साथ खड़ा हूं. ये देश को अंदरूनी और बाहरी खतरों से बचा रहे हैं और सुरक्षा में अहम योगदान दे रहे हैं. इस देश को सुरक्षित रखना ही हमारी सबसे प्रमुख जिम्मेदारी है और इससे जिंदगी भर बचा नहीं जा सकता. इन्फोर्मेशन सोसायटी सबसे अहम योगदान दे रही है. पुतिन ने एजेंसी से जुड़े नए हैकर्स की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है और इससे रूसी फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस को इससे काफी फायदा पहुंच रहा है. पुतिन ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए कुछ नियम-कानून तोड़ने पड़ते हैं और कुछ नए तरीके इजाद करने पड़ते हैं, ये सब जायज है और सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे कदम उठाने चाहिए.
साइबर हमले के पीछे रूस नहीं चीन का हाथ!
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में हुए साइबर हमले के लिए रूस के बजाए चीन पर शक जताया है, जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री एवं अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया है. ट्रंप ने साइबर हमले के बारे में पहली बार शनिवार को सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करते हुए रूस को जिम्मेदार ठहराए जाने के विचार का उपहास उड़ाया और इस साइबर हमले को खास तवज्जो नहीं दी, जबकि देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सचेत किया है कि इससे सरकारी और निजी नेटवर्कों को 'गंभीर' खतरा हो सकता है.
ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया, 'साइबर हैक वास्तविकता के बजाए फर्जी समाचार मीडिया में अधिक बड़ा है. मुझे पूरी जानकारी दी गई है और सब कुछ नियंत्रण में है.' उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया 'चीन का हाथ होने की संभावना पर चर्चा करने को लेकर डरा हुआ' है. इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा था कि यह बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि अमेरिका के खिलाफ सबसे खतरनाक साइबर हमले के पीछे रूस का ही हाथ था. यह स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स क्या चाह रहे थे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि उनके मंसूबों में परमाणु हथियार से जुड़े रहस्य, उन्नत हथियारों की रूपरेखा, कोविड-19 टीके से संबंधित अनुसंधान और सरकार के प्रमुख नेताओं और बड़े उद्योगपतियों के बारे में जानकारी एकत्र करना शामिल हो सकता है. व्हाइट हाउस ने ट्रंप के दावों के आधार या बयान संबंधी प्रश्नों पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी है और उसने पोम्पिओ की टिप्पणियों के बारे में भी अभी कुछ नहीं कहा है.