पद्म श्री से सम्मानित प्रोफेसर रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट (twitter/@LogicalIndians)
नई दिल्ली. विश्व की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक संस्कृत के प्रचार और प्रसार के लिए एक आयरिश प्रोफेसर रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट (Rutger Kortenhorst) को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से नवाजा गया है. प्रोफेसर रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट का नाम उन 128 लोगों में शामिल है, जिन्हें देश के पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इस साल 4 पद्मविभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्म श्री प्रदान किए गए हैं. इन 128 सम्मान पाने वालों में 9 लोग विदेशी हैं. इनमें से तीन भारतीय मूल के विदेशी है, जिन्हें यह सम्मान हासिल हुआ है. इनमें सत्या नाडेला, मधुर जाफरी, और सुंदर पिचाई हैं. वहीं दूसरे देशों जैसे-रूस, पोलैंड, आयरलैंड और थाईलैंड के नागरिकों को भी यह सम्मान प्रदान किया गया है. इन्हीं में एक नाम रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट का भी है, जिन्होंने आयरिश स्कूलों में संस्कृत के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट का संस्कृत से नाता तब जुड़ा जब वह महज 21 साल के थे. वह अद्वेत वेदांत दर्शन से जुड़े रहे हैं और 2006-07 में रामचंद्र भट्ट के अतिथि रहे. जहां उन्हें तैत्तिरीय उपनिषद, व्याकरण, विवेकचूणामणि और साथ ही बोली जानी वाली संस्कृत सीखने का मौका मिला. आयरलैंड में इसे सिखाने की शुरुआत करने से पहले उन्होंने सालों तक लग कर इस भाषा का अध्ययन किया. संस्कृत सिखाने के लिए उन्होंने वाइस प्रिसिंपल के पद से इस्तीफा दे दिया. उनके स्कूल में हर उम्र के छात्रों को संस्कृत सिखाई जाती है. 2016 में उन्होंने 12-15 साल के बच्चों को आसानी से भाषा ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए संस्कृत का एक लघु पाठ्यक्रम तैयार किया. वर्ष 2020 में रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations) ने विश्व संस्कृत पुरस्कार से सम्मानित किया.
अगस्त 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में संस्कृत सप्ताह के दौरान रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट के योगदान का उल्लेख किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अगस्त 2021 को प्रसारित मन की बात कार्यक्रम की कड़ी में रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट की प्रशंसा की. पीएम मोदी ने कहा कि ‘हाल ही में मुझे ऐसे कई लोगों के बारे में पता चला, जो विदेशों में संस्कृत पढ़ाने के प्रेरक कार्य में लगे हुए हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं-रटगर कोर्टेनहॉर्स्ट, जो संस्कृत के जाने-माने विद्वान और आयरलैंड में शिक्षक हैं. जो वहां के बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं. संस्कृत भाषा भी भारत और आयरलैंड के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.’
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