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Marburg Virus: दुनिया पर मंडराया मारबर्ग वायरस का खतरा, शरीर से पसीने की तरह निकलने लगता है खून, WHO ने बुलाई आपात बैठक

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मारबर्ग वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर-AFP)

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मारबर्ग वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर-AFP)

Marburg Virus Alert: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मारबर्ग वायरस इबोला फैमिली का वायरस है, जो बेहद घातक है. य ...अधिक पढ़ें

जिनेवा. दुनिया अभी कोरोना वायरस के कहर से उबरी भी नहीं है कि एक और खतरनाक वायरस मारबर्ग ने चिंता बढ़ा दी है. इस मारबर्ग वायरस से अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में अब तक कम से कम 9 लोगों की मौत हो चुकी है. इबोला से मिलते-जुलते इस बेहद घातक वायरस के लिए कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है. ऐसे में इसे रोकने के लिए प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है.

इस नए वायरस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भी चिंता बढ़ा दी है और उसने इसे लेकर एक आपात बैठक बुलाई है. संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ‘इक्वेटोरियल गिनी में नए मारबर्ग वायरस के प्रकोप पर चर्चा करने के लिए मारबर्ग वायरस वैक्सीन कंसोर्टियम (MARVAC) की एक तत्काल बैठक बुलाएगा.” संगठन ने इसके साथ ही बताया कि यह बैठक भारतीय समयानुसार मंगलवार शाम 7:30 बजे (1400 जीएमटी) होगी.

कितना खतरनाक है मारबर्ग वायरस
दरअसल WHO के मुताबिक, मारबर्ग एक बेहद घातक वायरस है, जो चमगादड़ों से लोगों में पहुंचता है और फिर एक व्यक्ति से दूसरे में फैल जाता है. इससे संक्रमित व्यक्ति को रक्तस्रावी बुखार (Haemorrhagic Fever) आता है और धीरे-धीरे उसकी स्थिति गंभीर हो जाती है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि अब तक सामने मिले मरीज़ों में से 88 फीसदी की मौत हो गई.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की अफ्रीका ईकाई के निदेशक डॉ. मतशिदिसो मोइति ने बताया, ‘मारबर्ग वायरस बहुत ज्यादा संक्रामक है, जो कि इबोला वायरस की फैमिली से ही संबंध रखता है. यह वायरस इंसानों में फ्रूट बैट से पहुंचा है और इससे संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 88 प्रतिशत है. इस वायरस से संक्रमित होने के बाद अचानक लक्षण दिखने शुरू होते हैं.’

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एजेंसी ने साथ ही बताया कि इक्वेटोरियल गिनी में ‘बुखार, थकान और खून भरी उल्टी तथा दस्त जैसे लक्षणों वाले 16 संदिग्ध मामले भी सामने आए हैं और इसे लेकर बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है.

क्या हैं इसके लक्षण
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) ने बताया है कि, मारबर्ग वायरस के लक्षण 2 से लेकर 21 दिनों की अवधि के बीच अचानक शुरू होते हैं. इसके प्रमुख लक्षण बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द होते हैं. इन लक्षणों के कुछ दिनों बाद छाती, पीठ और पेट पर दाने निकल आते हैं. इसके अलावा उल्टी, सीने में दर्द, गले में खराश, पेट में दर्द और दस्त इस वायरस के लक्षण हो सकते हैं.

इस वायरस को लेकर सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये लक्षण तेजी से गंभीर हो जाते हैं. इसके बाद पीलिया, अग्न्याशय की सूजन, बेहद तेजी से वजन घटना, लिवर फेलियर, बहुत ज्यादा खून बहना और मल्टी ऑर्गन डिस्फंक्शन जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. गंभीर संक्रमण होने पर व्यक्ति की मौत हो सकती है.

यह मारबर्ग वायरस कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डब्ल्यूएचओ ने इस वायरस से प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन का ऐलान किया है और इसका प्रसार रोकने के लिए वहां आपातकाली स्वास्थ्य विशेषज्ञ, संक्रमण का प्रसार रोकने वाली टीमें और लैब तैनात कर दी हैं.

Tags: Virus, WHO

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