पेरिस. फ्रांस में मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है. इस जीत के बाद वह दूसरी बार फ्रांस के राष्ट्रपति बनेंगे. मैक्रों ने देश की धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन (Marine Le Pen) को अच्छे अंतर से हराया. मैक्रों को जहां 58% वोट मिले वहीं पेन को सिर्फ 42 फीसदी ही वोट मिले.
फ्रांस में रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ. इससे पहले मरीन ले पेन ने रविवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ में हार स्वीकार कर ली. उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को विजयी मान लिया. पेन ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में उनका अभूतपूर्व प्रदर्शन ‘अपने आप में एक शानदार जीत’ को दर्शाता है. फ्रांस की विभिन्न मतदान एजेंसियां मैक्रों की जीत का अनुमान जता रही थीं.
इमैनुएल मैक्रों ने पिछले चुनाव में धुर दक्षिणपंथी नेता मैरीन ली पेन को हराकर राष्ट्रपति चुनाव जीता था. धुर दक्षिणपंथी नेता मैरीन ली पेन फ्रांस के राष्ट्रपति पद की होड़ में तीसरी बार मैदान में उतरी थीं. जनमत सर्वेक्षणों में कई फ्रांसीसी नागरिक राष्ट्रपति के तौर पर उनकी प्रशंसा की थी. उन्हें कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संघर्ष जैसे प्रमुख वैश्विक संकटों का सामना करने के लिए पद के योग्य माना था.
मैक्रों बोले- मैं एक निष्पक्ष समाज चाहता हूं
इतिहास रचने के बाद इमैनुएल मैक्रों अपनी पत्नी ब्रिगिट और अपने बच्चों के साथ एफिल टॉवर के पास चैंप डे मार्स पर सजे मंच पर पहुंचे. उन्होंने राष्ट्रगान गाया. इसके बाद लोगों को संबोधित किया. मैक्रों ने कहा, ‘मैं एक निष्पक्ष समाज चाहता हूं. ऐसा समाज जहां, महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता हो. आने वाले वर्ष निश्चित रूप से कठिन होंगे, लेकिन वे ऐतिहासिक होंगे. हमें नई पीढ़ियों के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा.’
उन्होंनें कहा कि धन्यवाद प्यारे दोस्तों, सबसे पहले धन्यवाद. आप सभी ने अगले पांच वर्षों के लिए मुझ पर अपना विश्वास जताया. मुझे पता है कि मैं आपका ऋणी हूं.
सिविल सर्वेंट की नौकरी छोड़ राजनीति में आए मैक्रों
मैक्रों ने फ्रांस के संभ्रांत स्कूल इकोले नेशनल डी’एडमिनिस्ट्रेशन में पढ़ाई की है. वह पहले सीनियर सिविल सर्वेंट थे. फिर कुछ वर्षों के लिए रोथ्सचाइल्ड में एक बैंकर के रूप में काम किया. उसके बाद वह समाजवादी राष्ट्रपति फ्रांसिस ओलांद के आर्थिक सलाहकार बने. वह 2014 से 2016 तक ओलांद की सरकार में अर्थव्यवस्था मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद वह पर्दे के पीछे से काम करने वाले की भूमिका से निकलकर राजनीतिक परिदृश्य पर आये.
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने मैक्रों को दी शुभकामनाएं
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भी मैक्रों को बधाई दी है. बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया, ‘फ्रांस हमारे सबसे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है. मैं उन मुद्दों पर मिलकर काम करना जारी रखने की आशा करता हूं जो हमारे दोनों देशों और दुनिया के लिए सबसे अधिक मायने रखते हैं.’
जर्मन चांसलर ने दी शुभकामनाएं
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने मैक्रों के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा मुझे खुशी है कि हम आपस में सहयोग जारी रखेंगे. वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा- कनाडा और फ्रांस के लिए जरूरी मुद्दों पर काम को जारी रखने के लिए एक्साइटेड हैं.
भारत के लिए इस चुनाव के मायने
फ्रांस के साथ भारत के बहुत अच्छे रिश्ते हैं। फ्रांस की अब तक की कोई सरकार कभी भारत विरोधी नहीं रही. मैक्रों अपनी रैलियों में साफ कर चुके हैं कि भारत उनके एजेंडे में फर्स्ट प्रायोरिटी के तौर पर है. फ्रांस ने हमेशा UN में भारत की परमानेंट मेंबरशिप का सपोर्ट किया है.
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Tags: Emmanuel Macron, France
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