Turkey Syria Earthquake Live Updates: तुर्किये और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में मृतकों की संख्या 6514 तक पहुंच गई है, जबकि 30000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस भूकंप से हुई तबाही के मद्देनजर तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने 10 प्रांतों में 3 महीने के आपातकाल की घोषणा की है.
अदन (तुर्किए). तुर्किये और पड़ोसी देश सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में मृतकों की संख्या 6514 तक पहुंच गई है, जबकि 30000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. वहीं भूकंप से हुई तबाही के मद्देनजर तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने 10 प्रांतों में 3 महीने के आपातकाल की घोषणा की है.
अधिक पढ़ें ...तुर्किये-सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6514 तक जा पहुंची है. वहीं इस आपदा में 30 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी बीएनओ न्यूज़ ने यह जानकारी दी है.
तुर्किए (तुर्की) और सीरिया की सीमा पर आए भीषण भूकंप (Deadly Earthquake) की वजह से 5500 से ज्यादा इमारतें धराशायी हो चुकी हैं. यहां सैंकड़ों लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका, जिनके लिए बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है. इसी दौरान राहत और बचाव कर्मियों को मलबे के ढेर में दो मासूम बच्चे दिखाई देते हैं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर
भूकंप के बाद मची तबाही से जूझते तुर्किये में अब बाढ़ की भी आफत आ गई है. यहां के हतय प्रांत में नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंचने की खबर है.
तुर्किये के गोकसुन में मंगलवार दोपहर एक और भूकंप के झटके के महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई, जिसका केंद्र गोकसुन से 23 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था.
सीरिया के हरम शहर में भकंप के बाद 24 घंटे से अधिक समय तक मलबे में दबे रहे दो भाई-बहनों को रेस्क्यू टीम ने को जीवित निकला.
तुर्किये और सीरिया में सोमवार तड़के आए 7.8 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप से दोनों देशों में मृतकों की संख्या बढ़कर 5100 के पार चली गई है, जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं. वहीं भूकंप से हुई तबाही के मद्देनजर तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने 10 प्रांतों में 3 महीने के आपातकाल की घोषणा की है.
तुर्किये का कहना है कि राहत और बचाव प्रयासों में सहायता के लिए दूसरे देशों से तीन हज़ार कर्मी आए हैं. भारत ने भी तुर्किये में विनाशकारी भूकंप से प्रभावित हुए लोगों के लिए दो विमानों के जरिये राहत सामग्री और मेडिकल दलों को भेजा है. इस भूकंप में अब तक 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
तुर्की और सीरिया (Turkeh-Syria Earthquake) में आए 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद के झटकों के कारण अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया भर के देशों ने बचाव प्रयासों में सहायता के लिए दलों को भेजा है. तुर्की की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि आपात सेवाओं के 24,400 से अधिक कर्मचारी राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. यह भी पढ़ें…
पाकिस्तान ने मंगलवार सुबह भूकंप से प्रभावित तुर्की जाने वाले भारतीय वायु सेना के विमानों को अपना हवाई क्षेत्र देने से इनकार कर दिया. यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान ने भारत को जरूरतमंद देशों को मानवीय सहायता भेजने से रोकने का प्रयास किया है. सीएनएन-न्यूज18 ने यह जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर…
भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने मंगलवार शाम संवाददाता सम्मेलन में भूकंप प्रभावित अपने देश के लिए भारत की तरफ से भेजी गई सहायता के लिए शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि भारत के लिए उनके पास बस एक ही शब्द है ‘दोस्त’… उन्होंने तुर्की के हालात की जानकारी देते हुए कहा, ‘पहले 7.7 और फिर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया. उसके बाद से अब तक भूकंप के 300 से ज्यादा झटके (Aftershocks) आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस आपदा में 21 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और इलाके के तीन एयरपोर्ट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हालात से निपटना आसान नहीं है. राहत और बचाव कार्य में 14 हजार से अधिक अधिकारियों तथा 5 हजार से ज्यादा सैन्यकर्मियों को लगाया गया है.
भारतीय विमानन नियामक ने तुर्की के लिए जाने वाली फ्लाइट्स के जरिये ही रसद और दूसरी सहायता सामग्री पहुंचाने को लेकर विमान कंपनियों के साथ बैठक की. इसी कड़ी में इंडिगो ने इस्तांबुल के लिए जाने वाले अपने बोइंग 777 विमान का उपयोग मुफ्त कार्गो ले जाने की पेशकश की है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि तुर्की और सीरिया में भूकंप से सवा दो करोड़ (23 मिलियन) लोग प्रभावित हो सकते हैं.
तुर्की में रह-रहकर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. सोमवार को एक के बाद एक करके तीन शक्तिशाली भूकंप आने के बाद अब तक 100 अधिक आफ्टरशॉक आ चुके हैं. इस बीच तुर्की के पूर्वी हिस्से में पांचवीं बार जोरदार भूकंप आया. भूकंप आने के बाद से तुर्की और सीरिया में अब तक 4800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तलाश एवं बचाव दल और विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों के दस्ते के साथ भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री का पहला जत्था तुर्किये के अडाणा एयरपोर्ट पर सुबह करीब 10:30 बजे पहुंचा. प्रशिक्षित चिकित्सकों और पैरामेडिक का एक दल भी आवश्यक दवाओं के साथ तुर्किये भेजे जाएगा.
यूरोपीय संघ : कम से कम 13 सदस्य देशों ने तुर्किये की मदद के लिए खोज एवं बचाव दल भेजने व अन्य सहायता देने की पेशकश की. आपातकालीन मानचित्रण सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉपरनिकस उपग्रह प्रणाली को सक्रिय किया. सीरिया के मानवीय सहायता कार्यक्रमों में भी सहयोग देने को तैयार होने की घोषणा की.
अमेरिका : खोज एवं बचाव अभियान में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य तुर्किये की मदद के लिए कैलिफोर्निया में लॉस एंजिलिस काउंटी के लगभग 100 दमकल कर्मियों और इंजीनियरों को विशेष रूप से प्रशिक्षित आधा दर्जन खोजी कुत्तों के साथ अंकारा रवाना किया.
रूस : सीरिया में तैनात रूसी सैनिकों ने 300 जवानों से लैस दस टुकड़ियों को मलबा हटाने और उसमें दबे जिंदा लोगों की तलाश करने के लिए भेजा. रूसी आपातकालीन मंत्रालय के बचाव दल भी सीरिया की उड़ान भरने को तैयार हैं. मानवीय सहायता के वितरण के लिए विभिन्न केंद्र स्थापित करने की योजना. तुर्किये को भी मदद की पेशकश की.
सोमवार को आए एक घातक भूकंप के बाद उत्तर-पश्चिमी सीरिया की जेल में कैदियों ने बगावत कर दी, जिसमें कम से कम 20 कैदी जेल से भाग गए. इस जेल के अधिकतर कैदी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े हैं. एक सूत्र ने एएफपी को यह जानकारी दी. जेल में कुर्द नेतृत्व वाली सेना के लड़ाके भी हैं. सूत्र ने कहा कि तुर्की सीमा के पास सीरिया के राजो शहर में सैन्य पुलिस जेल में लगभग 2,000 कैदी हैं, जिनमें से लगभग 1,300 के आईएस लड़ाके होने का संदेह है.
मध्य तुर्की क्षेत्र में मंगलवार को फिर से भूकंप का झटका महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई है. इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि सीरिया की सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी तुर्की में एक शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 20 हजार से ज्यादा हो सकती है. यूरोप के लिए डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी, कैथरीन स्मॉलवुड ने एएफपी को बताया, ‘दुर्भाग्य से, जो कि मरने वालों या घायल होने वालों की संख्या की शुरुआती रिपोर्ट आने वाले सप्ताह में काफी बढ़ जाएगी.’
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एर्दोआन को फोन किया और संकट की इस घड़ी में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सहयोगी तुर्किये के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा सहायता की पेशकश की. व्हाइट हाउस ने कहा कि वह तुर्किये के प्रयासों में मदद के वास्ते खोज एवं बचाव दल भेज रहा है.
तुर्किये के शहर अदन में एक क्षतिग्रस्त इमारत के पास पहुंचे इमरान बहूर तबाही का मंजर देख रो पड़े. उन्होंने कहा, ‘मेरा डेढ़ साल का पोता है. कृपया उनकी मदद करें… वे 12वीं मंजिल पर थे.’ भूकंप का केंद्र तुर्किये के शहर गजियांतेप से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर था. भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने शॉपिंग मॉल, स्टेडियम, मस्जिद और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है.
अधिकारियों को आशंका है कि सोमवार भोर से पहले आए भूकंप और बाद के झटकों से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी मंगलवार को भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं. बचावकर्मी बड़ी सावधानी से कंक्रीट के पत्थर और लोहे की छड़ों को हटा रहे हैं, ताकि मलबे में यदि कोई भी जीवित बचा हो तो उसे सुरक्षित निकाला जा सके. कई लोग अपने प्रियजनों की तलाश में क्षतिग्रस्त इमारतों के पास एकत्रित हो रहे हैं.
इस बीच भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने मंगलवार शाम संवाददाता सम्मेलन में भूकंप प्रभावित अपने देश के लिए भारत की तरफ से भेजी गई सहायता के लिए शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि भारत के लिए उनके पास बस एक ही शब्द है ‘दोस्त’…
फिरात सुनेल ने तुर्की के हालात की जानकारी देते हुए कहा, ‘पहले 7.7 और फिर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया. उसके बाद से अब तक भूकंप के 300 से ज्यादा झटके (Aftershocks) आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस आपदा में 21 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और इलाके के तीन एयरपोर्ट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हालात से निपटना आसान नहीं है. राहत और बचाव कार्य में 14 हजार से अधिक अधिकारियों तथा 5 हजार से ज्यादा सैन्यकर्मियों को लगाया गया है. यहां भूकंप से हजारों इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं.
सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा. भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं. विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्किये के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा.
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी.’ उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि हम इस विपदा वाले दिन को हमारी एकता और देश के प्रति एकजुटता पीछे छोड़ देगी.’ वहीं तुर्किए के उपराष्ट्रपति फौत ओकते ने कहा कि ऐसी आपदा ‘सौ साल में एक बार आती है.’