रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फाइल फोटो)
मॉस्को. रूस अपने राष्ट्रीय धन कोष (एनडब्ल्यूएफ) में रखने के लिए चीन, भारत और तुर्की जैसे ‘दोस्ताना’ देशों की मुद्राओं को खरीदने पर विचार कर रहा है. देश के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. दरअसल, यूक्रेन पर हमले की वजह से कई तरह के प्रतिबंधों की मार झेल रहा रूस डॉलर या यूरो खरीदने की क्षमता खो चुका है और इसीलिए वह मित्र देशों की मुद्राएं खरीदने को लेकर योजना बनाने में लगा है. बैंक ने कहा कि वह एक मुक्त-अस्थायी रूबल विनिमय दर की नीति पर टिका हुआ था, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक बजट नियम को बहाल करना जरूरी था जो अतिरिक्त तेल राजस्व को Rainy Day Fund में बदल देता है.
Rainy Day Fund वह पैसा है जो अप्रत्याशित और कम लागत वाले खर्चों जैसे घर के रखरखाव या पार्किंग टिकट… के लिए अलग से रखा जाता है. 2023-2025 के लिए अपनी मौद्रिक नीति पर एक रिपोर्ट में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए, राजकोषीय नियम पर लौटने और एनडब्ल्यूएफ को फिर से भरने के विभिन्न विकल्पों पर अब चर्चा की जा रही है. केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘रूसी वित्त मंत्रालय मित्र देशों (युआन, रुपये, तुर्की लीरा और अन्य) की मुद्राओं के जरिए एनडब्ल्यूएफ खर्च के लिए बजट नियम तंत्र के एक परिचालन व्यवस्था को लागू करने की संभावना पर काम कर रहा है.’
बजट नियम के तहत, रूस ने पहले एनडब्ल्यूएफ के लिए डॉलर और यूरो खरीदे, लेकिन अन्य मुद्राओं को नहीं. रूबल में बढ़ती अस्थिरता के बीच रूस ने 2022 की शुरुआत में फंड के लिए विदेशी मुद्रा की दैनिक खरीद बंद कर दी. एनडब्ल्यूएफ का प्रबंधन वित्त मंत्रालय द्वारा किया जाता है, लेकिन यह केंद्रीय बैंक के अंतरराष्ट्रीय भंडार का हिस्सा है, जिसमें युआन भी शामिल है. ये फरवरी तक कुल 640 बिलियन डॉलर के आसपास थे, जिनमें से लगभग आधा पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के तहत रोक दिए गए.
अर्थव्यवस्था और दरें
केंद्रीय बैंक ने कहा कि रूसी अर्थव्यवस्था दो साल के संकुचन के बाद 2024 में विकास की ओर लौटेगी और तब तक मुद्रास्फीति भी 4% लक्ष्य तक धीमी हो जाएगी, जिससे केंद्रीय बैंक 2025 में प्रमुख दर को 5-6% की सीमा तक ला सकेगा. केंद्रीय बैंक ने कहा, “रूसी अर्थव्यवस्था के लिए आगे के विकास में पर्याप्त अनिश्चितता है… आने वाले सालों में मुख्य चुनौती अर्थव्यवस्था को फिर से सफलता के रास्ते पर लाने के लिए परिस्थितियों का निर्माण करना है.’
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