रूसी राजदूत डेनिस अलिपोव ने बताया कि रूस, भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना. (ANI)
Russia-India Relation: रूस और भारत की दोस्ती जगजाहिर है. तमाम बदले वैश्विक परिदृश्यों के बावजूद भारत-रूस रिश्ता मजबूती से खड़ा है. मजबूत रिश्ते की ऐसी ही बानगी एक बार फिर देखने को मिली है. रूस (Russia), भारत के लिए सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है और देश की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. भारत में रूसी राजदूत (Russian Ambassador) डेनिस अलीपोव (Denis Alipov) ने वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद (ICWA) और रूसी परिषद वार्ता में यह जानकारी दी.
भारतीय परिषद-रूसी परिषद संवाद में बैठक को संबोधित करते हुए अलीपोव ने कहा कि रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है, जो ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तरी समुद्री मार्ग के लिए साइबेरिया में रूसी वन में बड़े पैमाने पर ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भागीदारों को आकर्षित करने के लिए हम सफलतापूर्वक उत्तर-दक्षिण आईटीसी वैकल्पिक परिवहन मार्ग विकसित कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और अंतर-क्षेत्रीय संदर्भों को एक मजबूत पुश दिया गया है. हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे, समुद्र और रेल के बुनियादी ढांचे, इस्पात उत्पादन, पेट्रो-रसायन विज्ञान, स्टार्टअप, विमान और जहाज निर्माण, कृषि, उन्नत प्रौद्योगिकी, विकास और डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं.
पढ़ें- खतरनाक जहरीले पदार्थों से भरे विमानवाहक पोत को डुबाने की तैयारी में ब्राजील, पर्यावरणविदों ने चेताया
रूस-यूक्रेन युद्ध जमीन हड़पने का मामला नहीं: डेनिस अलीपोव
भारत में रूसी राजदूत ने कहा कि रूस के पास भारत को देने के लिए बहुत कुछ है और इसके विपरीत इन सभी क्षेत्रों में पश्चिमी कंपनियां अग्रणी हैं. रूसी राजदूत ने अपने संबोधन में कहा कि मॉस्को को बहुपक्षीय संस्थानों से बाहर करने के संबंध में भारत ने तटस्थ रुख अपनाया है. भारत ने बहुपक्षीय संस्थानों से रूस को बाहर करने के प्रयासों के संबंध में एक तटस्थ रुख अपनाया है, जिसमें यूनेस्को और अन्य शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमारी और भारत की प्राथमिकता लोकतंत्र को वैश्विक शासन के रूप में प्राप्त करना है.
पिछले साल 24 फरवरी (2022) को शुरू हुए रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष (Russia-Ukraine War) पर उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष रूस द्वारा भूमि हड़पने का प्रयास नहीं है, जैसा कि प्रस्तुत किया जा रहा है. यह लगातार सार्वभौमिक सिद्धांतों के उल्लंघन का परिणाम है. वही सार्वभौमिक सिद्धांत जो रूस-भारत संधि में निहित हैं. उन्होंने कहा कि रूस और भारत प्लेटफार्मों और समूहों के एक व्यापक नेटवर्क को साझा करते हैं जो व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लाभ के लिए संभावित वैश्विक एजेंडे को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. आपको बता दें कि यूक्रेन के साथ सशस्त्र सैन्य संघर्ष छिड़ने के बाद से दिल्ली-मास्को संबंध, विशेष रूप से रूसी तेल की खरीद के संबंध में दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया है।
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Energy minister, India russia, Russia, Russia ukraine war
जॉनी बेयरस्टो का रिप्लेसमेंट बन सकते हैं 3 खिलाड़ी... एक तो 8000 से ज्यादा रन ठोक चुका है, दूसरा टी20 का है कंपलीट पैकेज
निरहुआ की आम्रपाली दुबे सरेआम कर चुकीं सलमान को प्रपोज, बोलीं- प्लीज मुझसे शादी कर लो, मैं आखिरी सांस..
IPL इतिहास के 8 ऐसे रिकॉर्ड, जिन्हें तोड़ना नहीं आसान, क्या फिर से हो पाएगा चमत्कार?