दुनिया की टॉप 5 मिसाइलें (News18)
नई दिल्ली. यूक्रेन पर अपने हमले के दो महीने बाद रूस ने एक नई परमाणु-सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (nuclear-capable intercontinental ballistic missile-ICBM) का परीक्षण किया. इस मिसाइल परीक्षण के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने दावा किया कि इससे मास्को के दुश्मन रुकने और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. लंबे समय के इंतजार के बाद सरमत मिसाइल (Sarmat missile) का पहली बार उत्तर-पश्चिम रूस के प्लासेत्स्क से परीक्षण किया गया. सरमत ने लगभग 6,000 किमी. (3,700 मील) दूर कामचट्का प्रायद्वीप में अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा. रूस पिछले कई साल से सरमत का विकास कर रहा था. इसलिए इसके परीक्षण से पश्चिमी देशों को अचरज नहीं हुआ. पुतिन ने इस मिसाइल के बारे में दावा किया कि इसमें अत्याधुनिक सैन्य और तकनीकी विशेषताएं हैं. इसे मिसाइल रोधी रक्षा व्यवस्था के किसी भी आधुनिक साधन से रोका नहीं जा सकता है. इसका दुनिया में कोई जोड़ नहीं है और आने वाले लंबे समय तक नहीं होगा.
24 फरवरी को यूक्रेन पर शुरू किए गए रूस के हमले के बीच इस मिसाइल परीक्षण ने सभी की ध्यान खींचा है. मौजूदा समय में मिसाइलों को इतनी अहमियत को देखते हुए ज्यादातर देश घातक मिसाइलों के विकास में जुटे हैं. छोटी दूरी की मिसाइलों से लेकर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों तक पहुंची ये होड़ अब अंतरिक्ष तक जा पहुंची है. चीन ने तो हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है. हाइपरसोनिक मिसाइल पहले स्पेस में पहुंचती है और अपने टारगेट को निशाना बनाने से पहले धरती के कई चक्कर लगाती है. इसे रोकना नामुमकिन होता है.
इस समय दुनिया के कई देशों के पास ICBM मिसाइलें हैं. ICBM को परमाणु हथियारों को गिराने के लिए डिजाइन किया गया है. इन घातक मिसाइलों की न्यूनतम रेंज 5,500 किमी. होती है. ज्यादातर ICBM आमतौर पर एक से अधिक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती हैं. दुनिया में सबसे अच्छी आधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल पैमाना उसकी रेंज और पेलोड, निशाना लगाने में सटीकता, दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की टेक्नोलॉजी जैसे चीजें हैं. वास्तव में एक ICBM मिसाइल अत्यंत विनाशकारी होती है और पूरे देश का सफाया कर सकती है. मौजूदा समय में दुनिया की कुछ बेहतरीन अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें ये हैं. वास्तव में एक ICBM अत्यंत विनाशकारी होती है और पूरे देश का सफाया कर सकती है. अब तक सभी परीक्षणों के बाद तैनात की जा चुकी दुनिया की कुछ बेहतरीन परमाणु-सक्षम अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों (nuclear-capable intercontinental ballistic missile-ICBM) में इन मिसाइलों का नाम सबसे ऊपर है.
ट्राइडेंट II (Trident II)
अमेरिका की ट्राइडेंट II पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली एक बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे पहली बार 1990 में तैनात किया गया था. ट्राइडेंट II मिसाइलों को ओहियो श्रेणी की पनडुब्बियों पर लगाया गया है. ट्राइडेंट II मिसाइल में पूरे पेलोड के साथ 7800 किमी. और कम भार के साथ 12,000 किमी. तक मार करने की क्षमता है. भले ही ट्राइडेंट II में दूसरी ICBM की तुलना में सबसे लंबी रेंज नहीं है, लेकिन ये ट्राइडेंट II मिसाइल एक साथ 14 वॉरहेड तक ले जा सकती है. ट्राइडेंट II एक बहुत ही सटीक मिसाइल है. इसका सीईपी (circular error of probability-CEP) लगभग 90 मीटर है. दूसरी बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में ट्राइडेंट II का एक और बड़ा फायदा ये है कि यह पनडुब्बी से लॉन्च की जाती है. अमेरिका अपने नौसैनिक बेड़े के साथ दुनिया के अधिकांश समुद्री इलाकों को कंट्रोल करता है. जमीन पर मौजूद बैलिस्टिक मिसाइलों की जगह का पता लगाया जा सकता है, लेकिन इन पनडुब्बियों का समुद्र में पता लगाना कठिन है. इससे ट्राइडेंट II मिसाइल बेहद घातक बन जाती है. इसलिए पनडुब्बियों पर तैनात ट्राइडेंट II बैलिस्टिक मिसाइलों के हमलाे से बचाव नामुमकिन है. अमेरिका में ट्राइडेंट II मिसाइलों के उन्नत संस्करण के 2042 तक सेवा में रहने की उम्मीद है.
आर-36एम2 या एसएस-18 सैटन (SS-18 Satan)
रूस की आर-36 ICMB मिसाइल का पहली बार 1971 में परीक्षण किया गया था. पश्चिम देश इसको एसएस-18 सैटन के नाम से जानते हैं. SS-18 Satan मुख्य रूप से तेज रफ्तार और अत्यधिक पेलोड के कारण एक बहुत ही सक्षम मिसाइल है. मिसाइल इंजन के विकास में रूस पश्चिमी देशों से आगे था और अभी भी है. SS-18 Satan मिसाइल की मारक क्षमता 11,000 किमी है और यह 10 वॉरहेड तक ले जाती है. इसलिए इसके परमाणु हथियारों को मिसाइल डिफेंस सिस्टम से रोकना मुश्किल है. इसका सीईपी (circular error of probability-CEP) लगभग 220 मीटर है. इसलिए भले ही यह सबसे सटीक मिसाइल न हो, लेकिन यह अपने पेलोड के साथ बहुत घातक हो जाती है. केवल एक एसएस-18 सैटन मिसाइल मैरीलैंड, वरमोंट और रोड आइलैंड जैसे 3 अमेरिकी राज्यों को पूरी तरह से नष्ट कर सकती है. एसएस-18 सैटन मिसाइल एक जमीन आधारित मिसाइल है. जिसके केंद्र रूस भर में फैले हैं. इन मिसाइलों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है. यही वजह है कि इस मिसाइल को दूसरे स्थान पर रखा जाता है. हालांकि रेंज और पेलोड के मामले में यह साफ तौर से अमेरिका के ट्राइडेंट II से बेहतर है.
RS-24 यार्स (RS-24 Yars)
रूस का RS-24 Yars एक नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे पश्चिम देशों में SS-29 के नाम से जाना जाता है. इसे 2010 में रूसी सेना में शामिल किया गया था.यह ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. यार्स की मारक क्षमता 12,000 किमी. है. ये मिसाइल 10 वारहेड ले जा सकती है. यार्स का सीईपी 150-200 मीटर है. ये मिसाइल 33,300 किमी./घंटा (मैक 27) की रफ्तार तक पहुंच सकती है. जबकि पारंपरिक इंटरसेप्टर मिसाइल को 6173 किमी/घंटा (मैक 5) की रफ्तार के लक्ष्यों को भी भेदने में कठिनाई होती है. इसके लक्ष्य को भेदने की कम से कम 60-65 फीसद संभावना होती है.
LGM-30G मिनटमैन III (LGM-30G Minuteman III)
मिनटमैन III अमेरिका में सबसे ज्यादा संख्या में तैनात ICBM मिसाइल है. इसने 1970 में सेना में शामिल किया गया. पुराना होने के बावजूद ये मिसाइलें लगातार सेवा में बनी हुई हैं. इनकी प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए कई जरूरी सुधार किए जा रहे हैं. मिनटमैन III की सभी मिसाइलें जमीन पर हैं और उनकी स्थिति का पता लगाया जा सकता है. मिनटमैन III मिसाइल की अधिकतम रेंज 13,000 किमी. है. इसका सीईपी लगभग 200 मीटर है. मिनटमैन III तीन वारहेड ले जा सकता है. अपनी तेज गति और लंबी दूरी के बावजूद मिनटमैन III दुनिया की सबसे अच्छी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल की रेस में पीछे है.
R-29RMU2.1 लायनर (R-29RMU2.1 Layner)
R-29RMU2.1 लायनर रूस की पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. R-29RMU2.1 लायनर को 2014 में रूसी सेना में शामिल किया गया. इसे डेल्टा IV श्रेणी (Delta IV class submarines) की पनडुब्बियों पर तैनात किया जाता है. पनडुब्बी से संचालित इस रूसी बैलिस्टिक मिसाइल की अधिकतम रेंज पूरे पेलोड के साथ 8300 किमी. और कम भार के साथ 12,000 किमी. है. हर मिसाइल 12 वारहेड ले जा सकती है. ये मिसाइल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम से निपटने के लिए बेहतर टेक्नोलॉजी से लैस है. हालांकि रूसी डेल्टा IV पनडुब्बियां अमेरिका या ब्रिटिश बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस पनडुब्बियों की तरह गोपनीय जगहों पर नहीं हैं. फिर भी जमीन आधारित बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में इनके युद्ध में ज्यादा असरदार होने की संभावना होती है.
कहां टिकती है भारत की अग्नि-5 (Agni-5) बैलिस्टिक मिसाइल
अग्नि-5 भारत की लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5,000 किमी. दूर स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती है. अग्नि-5 एक परमाणु सक्षम मिसाइल है और लगभग 1,500 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकती है. इस रेंज में लगभग पूरा चीन अग्नि-5 मिसाइल की जद के भीतर आ जाता है. हालांकि आधिकारिक तौर पर एक ICBM में कम से कम 5,500 किमी. की रेंज तक मार करने की क्षमता होना जरूरी है.
इस तरह से देखा जाए तो अग्नि 5 ICBM मिसाइलों की श्रेणी में शामिल करने की दावेदार हो सकती है. क्योंकि यह अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों सहित अन्य महाद्वीपों के देशों तक मार कर सकती है. हालांकि दावा किया गया है कि अग्नि-5 कम वजन के वारहेड के साथ 8,000 किमी. तक के लक्ष्यों को भी भेद सकती है.
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Tags: America, Missile, Missile trial, News18 Hindi Originals, Nuclear-capable hypersonic missile, Russia, Russia ukraine war, Vladimir Putin
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