ब्रसेल्स: रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) में जारी तनाव के बीच नाटो (North Atlantic Treaty Organization) ने पूर्वी यूरोप में सैन्य बलों को फाइटर जेट और अन्य सैन्य संसाधनों के साथ तैनात कर दिया है. दरअसल नाटो ने यह कदम यूक्रेन बॉर्डर पर रूस के सैन्य निर्माण को ध्यान में रखते हुए उठाया है. नॉर्थ अटलांटिक अलायंस ऑर्गेनाइजेशन के इस फैसले से इस बात की संभावना और बढ़ गई है कि पश्चिमी देश यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले को लेकर सख्त हो गए हैं. हालांकि मास्को ने यूक्रेन के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई से इनकार किया है.
नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉलेनबर्ग ने एक बयान में कहा कि, मैं इस गठबंधन में शामिल सभी देशों द्वारा अतिरिक्त सैन्य ताकत मुहैया कराने का स्वागत करता हूं. नाटो फोर्सेस सभी सहयोगियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी. इनमें पूर्वी भाग के सहयोगी भी शामिल हैं.
यह घोषणा तब हुई जब यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन के समर्थन में नए सिरे से संकल्प प्रदर्शित करने की मांग की, और किसी भी रूसी आक्रमण का सामना करने के सर्वोत्तम तरीके पर मतभेद के बारे में चिंताओं को सामने रखा गया.
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इससे पहले ब्रिटेन ने कहा था कि रूस की ओर से संभावित खतरे के बाद उसने यूक्रेन में स्थित अपने दूतावास से कुछ स्टाफ को कम किया है. इससे पहले अमेरिका ने भी अपनी एबेंसी से डिप्लोमेट्स और उनके परिवार को यूक्रेन छोड़ने का आदेश दिया था. अमेरिका ने एक बयान में कहा था कि यूक्रेन में रूस कभी भी सैन्य बल का इस्तेमाल कर सकता है.
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने सोमवार को कहा कि उसने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को जरूरत पड़ने पर तैयार रहने को कहा है और वह पूर्वी यूरोप में अधिक पोत और लड़ाकू विमान भेज रहा है. वहीं आयरलैंड ने चेतावनी दी है कि उसके तट से इतर रूस का सैन्य अभ्यास स्वागत योग्य कदम नहीं है क्योंकि इस बात को लेकर तनाव कायम है कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमला करने की मंशा रखते हैं.
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