अफगानिस्तान में लड़कियों को स्कूलों में जाने की अनुमति दी जा सकती है. (ANI)
नई दिल्ली. अफगानिस्तान में एक बार फिर लड़कियों के लिए स्कूल में जाने का रास्ता खुल सकता है. परवान में सुरक्षा विभाग के प्रमुख अजीजुल्लाह उमर ने टोलो न्यूज को बताया कि एक नए पाठ्यक्रम पर काम पूरा होने के बाद अफगानिस्तान में लड़कियों को स्कूलों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘स्कूली शिक्षा शुरू होने में कोई समस्या नहीं है. पाठ्यक्रम के साथ कुछ समस्या है और इसलिए इसके सुधार के लिए एक समिति का गठन किया गया है. मौलवियों की पुष्टि के बाद, स्कूल शुरू हो जाएंगे.’
यह बयान तब आया है जब छात्राओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘स्कूलों के बंद होने से उनका मनोबल प्रभावित हुआ है. मैं जीवन को लेकर बिल्कुल हताश हूं. हमें उम्मीद थी कि नए शैक्षणिक वर्ष में स्कूल फिर से खोल दिए जाएंगे.’ एक छात्रा मुर्साल ने कहा, “हम इस्लामिक अमीरात से हमारे लिए स्कूलों के दरवाजे फिर से खोलने की मांग करते हैं.’ दरअसल, लड़कियों और महिलाओं को हाल ही में अपने विश्वविद्यालयों में भाग लेने से रोक दिया गया था. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वे अंतरिम सरकार से उनके लिए विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का आग्रह कर रहे हैं.
7वीं से 12वीं कक्षा की लड़कियों के लिए खुलें स्कूल
एक छात्रा हुस्ना बेहजाद ने कहा, ‘हमारी नजर अपने विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने पर थी और इस तरह हमें विश्वविद्यालयों में जाने की अनुमति दी जाएगी.’ महिला स्कूली शिक्षा पर प्रतिबंध की अफगानिस्तान के अंदर और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों जगह निंदा की गई थी. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में परिवारों ने तालिबान से एक बार फिर सातवीं से 12वीं कक्षा की लड़कियों के लिए स्कूल खोलने का आह्वान किया है, क्योंकि वे संगठन के शासन में देश में अपनी बेटियों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
लड़कियों को अभी नहीं अनुमति
यह बात तब उठ रही है जब अफगानिस्तान में स्कूल शैक्षणिक वर्ष के लिए फिर से खुल गए हैं, हालांकि, देश में महिला छात्रों को अभी भी शिक्षा प्राप्त करने के उनके मूल अधिकार से वंचित रखा गया है. चूंकि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था, इसलिए उनके लिए कक्षा छह से ऊपर की स्कूली शिक्षा बंद कर दी गई है. बाद में पिछले साल दिसंबर में लड़कियों और महिलाओं को विश्वविद्यालयों में जाने और गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करने से रोक दिया गया था.
लड़कियों की शिक्षा को लेकर परेशान हैं परिजन
TOLOnews को दिए एक बयान में परिवारों ने देश में चल रही स्थिति पर दुख जताते हुए कहा कि वास्तविक अधिकारियों के क्रूर निर्णय ने उनकी बेटियों के भविष्य को दांव पर लगा दिया है. काबुल निवासी अब्दुल जलील ने कहा, “मेरे चार पोते हैं, जो स्कूल नहीं गए और अब मेरे साथ रह रहे हैं. उन्हें तय करना चाहिए कि स्कूल जाना है या नहीं.” एक अन्य व्यक्ति राजिक ने कहा, ‘मेरी दो बेटियां हैं. उनमें से एक ग्रेड 8 में है और दूसरी ग्रेड 10 में है. हम इस्लामिक अमीरात से उन्हें अपने स्कूलों में जाने की अनुमति देने का आह्वान कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘यह ऐसे समय में हुआ है जब महिला छात्रों ने भी अपने स्कूल बंद होने पर दुख व्यक्त किया है. टोलो न्यूज के अनुसार, एक छात्र जैनब ने कहा, “हम इस्लामिक अमीरात से हमारे लिए स्कूलों को फिर से खोलने का आग्रह करते हैं ताकि हम अपनी शिक्षा पूरी कर सकें.
तालिबान सरकार ने लगाई है रोक
गौरतलब है कि पिछले साल 18 सितंबर को अफगानिस्तान में हाई स्कूलों ने लड़कों के लिए अपने द्वार खोल दिए थे, जबकि लड़कियों को तालिबान द्वारा घर पर रहने का आदेश दिया गया था. तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के लिए अभिव्यक्ति, संघ, सभा और आंदोलन की स्वतंत्रता के अधिकारों पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं. कक्षा छह से ऊपर की छात्राओं के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के फैसले की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचना हुई है. इसके अलावा, तालिबान शासन जिसने पिछले साल अगस्त में काबुल पर कब्जा कर लिया था, ने महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को कम कर दिया है, आर्थिक संकट और प्रतिबंधों के कारण महिलाओं को बड़े पैमाने पर कार्यबल से बाहर रखा गया है.
.
Tags: Afghanistan news, New Delhi news, World news
इस गाने के बाद Urvahsi Rautela के हाथ लगी बड़ी फिल्म, परवीन बॉबी को लेकर मजाक उड़ाने वालों की बोलती बंद,जानिए
UPSC CSE: '31 घंटे में 11 पेपर, 2025 मार्क्स और 30 मिनट का इंटरव्यू', ऐसे होती है परीक्षा
ये टेलीकॉम कंपनी दे रही सबसे सस्ता रिचार्ज प्लान, 1515 रुपये में 1 साल तक हर रोज मिलेगा 2GB मोबाइल डेटा