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उइगरों के खिलाफ शी जिनपिंग की 'बेरहम' नीति, इन 6 तरीकों से चीन कर रहा मुसलमानों का दमन

उइगरों के लिए आंदोलन जारी है. (फाइल फोटो: AP)

उइगरों के लिए आंदोलन जारी है. (फाइल फोटो: AP)

Uighur Issue in China: शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने साल 2015 में इस्लाम के 'सिनिसाइजेशन' यानी किसी भी चीज को चीनी प्रभाव ...अधिक पढ़ें

    (संतोष चौबे)

    बीजिंग. चीन (China) में उइगर मुसलमानों का मुद्दा एक फिर गरमाया हुआ है. देश में मुस्लिम समुदाय के दमन की प्रक्रिया तेज हुई है. इस बात के संकेत हाल ही में जारी शिनजियांग (Xinjiang) सेंसस 2020 से मिलते हैं. देश में उइगर मुस्लिमों की जनसंख्या को कम करने के प्रयास जारी हैं. उइगर महिलाओं की जबरन नसबंदी, धार्मिक पहचान पर निशाना, जैसे कई उपाय बताते हैं कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जैसा कहा था, वैसा ही करने भी जा रहे हैं.

    न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में चीन के लीक दस्तावेज़ के हवाले से लिखा गया था की जिनपिंग ने 2014 में उइगर मुसलमानों को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था, 'हमें उनकी तरह की कठोर होना होगा और बिल्कुल दया नहीं दिखानी होगी.' 2021 के ताजा हाल देखें, तो चीन में उइगर समुदाय को निशाना बनाने के लिए 6 तरीके अपनाए जा रहे हैं.

    पहला, हान चीनियों को शिनजियां लाना
    चीन के अन्य हिस्सों से शिनजियांग में हान चीनियों का आना किसी से छिपा नहीं है. शिनजियांग उइगर ऑटोनोमस रीजन स्टेटिस्टिकल ईयरबुक के मुताबिक, 1949 में शिनजियांग की हान चीनी आबादी 6.7 फीसदी थी, जो चाइनीज सेंसस 2020 के अनुसार, बढ़कर 42.24 प्रतिशत हो गई है. 1949 में इस क्षेत्र में 80 फीसदी आबादी उइगर मुस्लिम की थी. 1949 में यह आंकड़ा 76 फीसदी था. ताजा आंकड़े देखें, तो यहां उइगर आबादी 45 फीसदी पर आ गई है.

    जिनपिंग के नेतृत्व में हान चीनियों को स्थानांतरण या प्रवासन तेज हुआ है. शिनजियांग की क्षेत्रीय सरकार ने 2020 का डेटा जारी किया है, जिससे पता चलता है कि बीते 10 सालों में शिनजियांग में हान चीनियों की आबादी 25 फीसदी बढ़ गई है. उइगर आबादी की तुलना में यह आंकड़ा 9 प्रतिशत ज्यादा है.

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    दूसरा, शिनजियांग में हान चीनी कर्मियों का बढ़ता प्रभाव
    चीन की सरकार समर्थिक शिनजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स (XPCC) क्षेत्र में कृषि बस्तियां तैयार करती है. रॉयटर्स की 2014 की एक रिपोर्ट बताती है कि इनमें ले 88 फीसदी बस्तियां केवल हान प्रवासियों की है. शिनजियां में दुनिया के 20 फीसदी कपास का उत्पादन होता है, लेकिन यहा ये उद्योग मूल आबादी उइगर के बजाए हान चीनी प्रवासी नियंत्रित करते हैं. हान कर्मी इस क्षेत्र में छोटे और बड़े दोनों तरह के उद्योगों में काम कर रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि शिनजियांग को अपने कोयला, गैस और कच्चे तेल के भंडार के चलते चीन का एनर्जी हब कहा जाता है, लेकिन यहां ज्यादातर नौकरियों में उइगर समुदाय के लिए जगह नहीं है. चीन का समर्थन हासिल हान चीनी यहां पर उइगर से ज्यादा अमीर हैं.

    तीसरा, इस्लाम को बना रहा निशाना
    जिनपिंग ने साल 2015 में इस्लाम के 'सिनिसाइजेशन' यानि किसी भी चीज को चीनी प्रभाव से बदलने की बात कही थी. चीन का पांच सालों में उइगर इस्लाम को सिनिसाइज करना चीन का बड़ा एजेंडा भी है. यह प्रक्रिया साल 2018 से जारी है और इसे 2022 तक पूरा किया जाना है. चीन ने कई इस्लामिक कामों पर रोक लगा दी है. जैसे- उइगर रमजान में रोजा नहीं रख सकते, वे हलाल का खाना नहीं खा सकते. अमेरिका समर्थित रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट बताती है कि उइगरों को चीनी त्यौहार पर सुंअर का मांस खाने पर मजबूर किया जाता है. उइगर अपने बच्चों के नाम मोहम्मद या इस्लाम या जिहाद या कुरान या मक्का जैसे धार्मिक शब्दों पर नहीं रख सकते.

    शी की कट्टरपंथ नीति के तहत धार्मिक स्थलों को खत्म किया जा रहा है. रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अब तक क्षेत्र में 70 फीसदी मस्जिदें खत्म कर दी हैं. एक वॉशिंगटन आधारित उइगर ह्यूमन राइट्स प्रोजेक्ट की रिपोर्ट बताती है कि चीन ने 2016 से 2019 के बीच 10 से 15 हजार उइगर मस्जिदें तोड़ दी हैं. ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटिजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्र में मौजूद 65 फीसदी या 16 हजार मस्जिदों को या तो पूरी तरह खत्म किया जा चुका है या काफी नुकसान पहुंचाया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है 2017 से अब तक 30 फीसदी महत्वपूर्ण इस्लामिक सांस्कृतिक जगहों को तबाह कर दिया गया है.

    चौथा, उइगर आबादी की जनसंख्या में नियंत्रण
    चीन प्रजनन करने वाली उइगर महिलाओं को दवाओं और नसबंदी जैसे जन्म नियंत्रण करने वाले उपायों से गुजरने पर मजबूर कर रहा है. चीन ने 2019 तक उइगर बहुल क्षेत्र में प्रसव उम्र की 80 प्रतिशत महिलाओं की नसबंदी की योजना बनाई थी. एपी की जांच के मुताबिक, जब चीन में प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए इंट्रायूटरीन डिवाइस (IUD) का इस्तेमाल तेजी से कम हुआ था, तो शिनजियांग में इस चीज की बढ़त देखी गई थी.

    जर्मन शोधकर्ता एड्रियन जेंज की रिपोर्ट बताती है कि 2018 में चीन के 80 फीसदी IUD प्लेसमेंट में हुए थे. इस क्षेत्र में चीन की केवल 1.8 प्रतिशत आबादी रहती है. राष्ट्रीय स्तर पर नसबंदी में कमी आने के बाद शिनजियांग के उइगर बहुल इलाकों में 7 गुना इजाफा हुआ था. 2018 और 2019 के बीच शिनजियांग में 2019 में जन्म दर 24 फीसदी तक कम हो गया था. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर इसके आंकड़ों में केवल 4.2 फीसदी की गिरावट हुई. जेन्ज का एनालिसिस बताता है कि चीन उइगर और दूसरे जातीय अल्पसंख्यकों की आबादी को 45 लाख तक कम करना चाहता है. इसका मतलब है कि अगले दो दशकों में उनकी आबादी एक-तिहाई तक कम हो सकती है.

    पांचवा, उइगरों को जबरन कन्संट्रेशन कैंप्स में डाला जा रहा है
    नस्लीय भेदभाव को हटाने पर बनी संयुक्त राष्ट्र की कमेटी ने कहा कि अनुमानित 20 लाख उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक इंटर्नमेंट कैंप्स में हैं. विश्व स्तर पर इसे कंसन्ट्रेशन कैंप्स भी कहा जाता है. ब्रिटिश के अखबार द सन का कहना है कि हालात और भी खराब हैं. बीजिंग से लीक हुए एक दस्तावेज के हवाले से अखबार ने बताया कि मास इंटर्नमेंट कैंप्स 2014 में भी थे और उनमें 80 लाख उइगर और दूसरे मुसलमान अल्पसंख्यकों को रखा गया था.

    छटवां, उइगरों का इस्तेमाल बंधुआ मजदूर के तौर पर किया जाना
    ASPI की जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन ने 2017 और 2019 के बीच शिनजियांग से 80 हजार उइगर हटाए गए हैं. हालांकि, शिनजियां में उद्योगों में जबरन मजदूरी कर रहे कर्मियों की संख्या और भी ज्यादा होने का अनुमान है. बजफीड की एक जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि शिनजियांग में उइगर डिटेंशन कैंप्स के पास या अंदर करीब 1500 चीनी कंपनियां हैं. कैंप्स के अंदर इन कंपनियों को शुरू करने का एकमात्र मकसद यहां लाए गए उइगरों से काम कराना है. बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि कपास के खेतों में हर साल करीब 5 लाख मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यकों से जबरन काम कराया जाता है.

    Tags: China, Muslims, Uighur, Xi jinping

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