तालिबान आए दिन आम लोगों का कत्लेआम कर रहा है. (AP)
काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानी लड़ाकों (Taliban) के कब्जे के बाद अफरा-तफरी मची हुई है. लोग काबुल से बाहर निकलने की जद्दोजहद कर रहे हैं. इस बीच तालिबान ने अफगानी इमामों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. इमामों से कहा गया है कि वो तालिबान के खिलाफ नेगेटिव रिपोर्ट्स को काउंटर करे. वहीं, अफगानियों को चेतावनी दी गई है कि वो जुमे की नमाज़ (Friday Prayers) से भागे नहीं. बताया जा रहा है कि लोगों को काबुल एयरपोर्ट में जाने से रोकने के लिए तालिबान हवा में फायरिंग कर रहा है. महिलाओं और बच्चों को भी तालिबान के लड़ाके एके-47 से मारकर वापस लौटा रहे हैं.
गुरुवार को एक मैसेज में तालिबान ने इमामों से कहा, ‘हमारे हमवतन को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्हें देश छोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. इमामों को दुश्मन के नकारात्मक प्रचार का जवाब देना चाहिए.’ तालिबान का ये मैसेज ऐसे वक्त पर आया है, जब कई शहरों में अफगानी प्रदर्शन कर रहे हैं. जलालाबाद और असदाबाद में हुए ऐसे ही प्रदर्शन में तालिबान के लड़ाकों ने गोलियां चला दी. इसमें असदाबाद में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि जलालाबाद में 5 लोगों की जान गई है.
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न्यूज एजेंसी एएनआई ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि लोगों के पास जरूरी दस्तावेज होने के बावजूद तालिबान उनको काबुल एयरपोर्ट के अंदर घुसने से रोक रहा है. इसके लिए वो एके 47 से उन्हें मार रहा है और हवा में फायरिंग कर रहा है.
हालांकि, काबुल पर कब्जे के साथ ही तालिबान ने दुनिया के सामने अपना उदार चेहरा पेश करने की कोशिश की. ऐलान किया गया कि वो महिलाओं को सुरक्षित माहौल देंगे. पहले जैसा क्रूर रवैया नहीं रखा जाएगा. तालिबान ने आम माफी की भी घोषणा की थी. कहा था कि किसी से कोई बदला नहीं लिया जाएगा. शरिया कानून के तहत इस्लामी अमीरात की स्थापना होगा. मगर हकीकत कुछ और ही है. तालिबान आए दिन आम लोगों का कत्लेआम कर रहा है.
तालिबान ने एक पुलिस अफसर को गोलियों से भूना
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान का क्रूर चेहरा हर दिन सामने आ रहा है. तालिबान ने बदगीस प्रांत के पुलिस प्रमुख हाजी मुल्ला को सरेआम गोलियों ने भून डाला. हाजी मुल्ला ने कुछ दिन पहले ही तालिबान के सामने सरेंडर किया था.
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तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर अपना झंडा गाड़ दिया. इसके ठीक पांचवें दिन यानी 19 अगस्त को अफगानिस्तान अपनी आजादी मना रहा था. इस मौके पर कई इलाकों में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन हुए और लोगों ने अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लहराया. इससे बौखलाए तालिबान ने भीड़ पर फायरिंग कर दी. इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई.
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