तालिबान का अजीब तुगलकी फरमान, औरतों को तेज आवाज में कुरान पढ़ने पर लगाई रोक
Written by:
Last Updated:
Taliban Government New Edict: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने महिलाओं पर प्रतिबंधों में बढ़ोतरी की है. महिलाओं को कुरान को जोर से पढ़ने पर रोक लगाई गई है. अन्य महिलाओं की मौजूदगी में भी वो कुरान को जोर से नहीं पढ़ सकती हैं.
तालिबान ने महिलाओं को कुरान जोर से पढ़ने पर रोक लगाई. (Image:PTI) काबुल. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने महिलाओं पर प्रतिबंधों में चिंताजनक बढ़ोतरी करते हुए एक नया आदेश जारी किया है. जिसमें महिलाओं को कुरान को जोर से पढ़ने पर रोक लगाई गई है. यहां तक कि अन्य महिलाओं की मौजूदगी में भी वो कुरान को जोर से नहीं पढ़ सकती हैं. यह ताजा आदेश, 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगान महिलाओं पर पहले से ही लगाए गए कड़े प्रतिबंधों को और कड़ा कर देता है. तालिबान के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने इस नियम को महिलाओं के तकबीर या अजान करने पर पिछले प्रतिबंधों का विस्तार बताया है.
हनफी के मुताबिक अगर महिलाएं अजान नहीं कर सकती हैं, तो गाना या संगीत बजाना निश्चित रूप से सवाल से बाहर है. उन्होंने कहा कि नमाज के दौरान महिलाओं को दूसरों को सुनने के लिए ऊंची आवाज में नहीं बोलना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि एक महिला की आवाज कुछ ऐसी निजी बात है, जिसे दूसरों को नहीं सुनना चाहिए, यहां तक कि दूसरी महिलाओं को भी नहीं. यह नया निर्देश समाज में अफगान महिलाओं को परेशान करने वाली सीरिज में शामिल हो गया है. जिसमें हाल ही में एक आदेश भी शामिल है जिसके तहत उन्हें सार्वजनिक रूप से अपने चेहरे सहित पूरे शरीर को ढंकना होगा.
प्रतिबंध और बढ़ सकते हैं
मानवाधिकार विशेषज्ञों और अफगान महिलाओं को डर है कि यह ताजा आदेश नमाज से आगे बढ़ सकता है. यह संभावित रूप से निजी बातचीत को भी सीमित कर सकता है और महिलाओं की सामाजिक मौजूदगी को और भी खत्म कर सकता है. तालिबान महिलाओं की आवाज को संभावित बुराई के साधन के रूप में मानता है. अब यह प्रतिबंध उनके अपने घरों के भीतर भी गाने या जोर से पढ़ने तक फैल गया है.
मानवाधिकार विशेषज्ञों और अफगान महिलाओं को डर है कि यह ताजा आदेश नमाज से आगे बढ़ सकता है. यह संभावित रूप से निजी बातचीत को भी सीमित कर सकता है और महिलाओं की सामाजिक मौजूदगी को और भी खत्म कर सकता है. तालिबान महिलाओं की आवाज को संभावित बुराई के साधन के रूप में मानता है. अब यह प्रतिबंध उनके अपने घरों के भीतर भी गाने या जोर से पढ़ने तक फैल गया है.
अफगानिस्तान में प्रतिबंध तेजी से गंभीर हो रहे
अफगानिस्तान में प्रतिबंध तेजी से गंभीर होते जा रहे हैं. महिलाओं को अब अपने करीबी परिवार के बाहर के पुरुषों से आंख से आंख मिलाने की मनाही है. टैक्सी चालकों को पुरुष रिश्तेदार के बिना महिलाओं को ले जाने पर दंड का सामना करना पड़ता है. जो महिलाएं और लड़कियां इन नियमों का पालन नहीं करती हैं, उन्हें हिरासत में लिए जाने और सजा दिए जाने का जोखिम रहता है. तालिबान के अधिकारी इन नए नियमों को सख्ती से लागू करते हैं.
अफगानिस्तान में प्रतिबंध तेजी से गंभीर होते जा रहे हैं. महिलाओं को अब अपने करीबी परिवार के बाहर के पुरुषों से आंख से आंख मिलाने की मनाही है. टैक्सी चालकों को पुरुष रिश्तेदार के बिना महिलाओं को ले जाने पर दंड का सामना करना पड़ता है. जो महिलाएं और लड़कियां इन नियमों का पालन नहीं करती हैं, उन्हें हिरासत में लिए जाने और सजा दिए जाने का जोखिम रहता है. तालिबान के अधिकारी इन नए नियमों को सख्ती से लागू करते हैं.
About the Author
Rakesh Singh
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ... और पढ़ें
और पढ़ें