जकार्ता. इंडोनेशिया की संसद (Indonesian Parliament) ने देश की नई राजधानी बनाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है. यहां की मौजूदा राजधानी जकार्ता (Jakarta) के डूबने का खतरा बढ़ गया है. साथ ही, यह काफी प्रदूषित हो चुका है. यहां बार-बार बाढ़ आती है और शहर अक्सर डूब जाता है. इससे सरकार के कामकाज पर भी असर होता है. मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी बिल पास हो गया. इसके तहत अब नई राजधानी नुसंतारा (Nusantara) होगी. यह बोर्नियो द्वीप के हिस्से में मौजूद पूर्वी कालीमंतन में होगी. बिल में बताया गया है कि नई राजधानी बनाने के लिए करीब 32 अरब डॉलर किस तरह खर्च किए जाएंगे.
इंडोनेशिया की प्रधानमंत्री सुहार्सो मोनॉर्फा ने कहा कि नई राजधानी देश की पहचान होगी. उन्होंने कहा, ‘नई राजधानी का मुख्य मकसद होगा कि यह देश की पहचान बनेगी. यह आर्थिक तरक्की का केंद्र भी बनेगी.’ मौजूदा राजधानी जकार्ता बेहद घनी आबादी वाला शहर हो चुका है. इससे वहां मूलभूत सुविधाओं पर जरूरत से ज्यादा बोझ पड़ रहा है.
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नई राजधानी जावा की सबसे अधिक आबादी वाले द्वीप पर होगी. इसका नाम बोर्नियो है, जो एशिया का सबसे बड़ा द्वीप है. बताया जाता है कि इसके अलग-अलग हिस्से मलेशिया, ब्रूनेई और इंडोनेशिया के कब्जे में हैं.
दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया की नई राजधानी ‘नुसंतारा’ का नाता हिंदू धर्म से सदियों पुराना है. नुसंतारा का अर्थ होता है द्वीपों का समूह. इस द्वीप ने 14वीं सदी में जावा द्वीप पर शासन करने वाले मजापहित साम्राज्य के दौर में आकार लिया था. उस वक्त इस साम्राज्य के हिंदू राजा थे हयम वुरुक. उनके प्रधानमंत्री का नाम था गज:मद.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, गज:मद ने एक बार प्रतिज्ञा की थी कि वे तब तक तामसिक भोजन नहीं करेंगे, जब तक कि पूरे नुसंतारा को मजापहित साम्राज्य के अधीन नहीं ले आते. उन्हें इसमें सफलता भी मिली. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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