काबुल में ब्लास्ट के बाद अस्पतालों का मंजर (फोटो-AP)
काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हर तरफ सन्नाटा पसरा है. एयरपोर्ट के पास गुरुवार को हुए दो धमाके (Kabul Blast) में अब तक सौ से ज्यादा लोगों को मौत हो चुकी है. अब भी हज़ारों की संख्या में अफगानिस्तान के लोग देश छोड़ कर बाहर जाना चाहते हैं. बम धमाके के बाद काबुल के हालात बिगड़ गए हैं. अगले चार दिनों में और कितने अफगानी निकल पाएंगे ये कहना मुश्किल है. 31 अगस्त तक अमेरिका इस अभियान को खत्म करना चाहता है. अब भी यहां सैकड़ों की संख्या में सिख और हिंदू फंसे है. राहत की बात ये है कि बम धमाके में इनमें से किसी को कुछ नहीं हुआ. लेकिन वहां गुरुद्वारे में शरण लेने वाले 210 हिंदू और सिखों के लिए भारत वापसी का इंतज़ार थोड़ लंबा हो सकता है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बात करते हुए कुलविंदर सिंह ने बताया कि उनका पूरा ग्रुप सुरक्षित है. बता दें कि ये अफगानी सिख सिख और हिंदू काबुल में गुरुद्वारा दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह करता परवन में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘जब ये विस्फोट हुआ हममें से कोई भी हवाईअड्डे के रास्ते में या घटनास्थल पर नहीं था.’
बुधवार से कम से कम 140 अफगान सिखों और हिंदुओं का एक जत्था काबुल हवाई अड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. ये सब भारत लौटना चाहते हैं. हालांकि, जत्थे को गुरुवार सुबह करीब 2 बजे गुरुद्वारे वापस लौटना पड़ा. दरअसल हवाई अड्डे पर उनके बस पर हमला किया गया. सौभाग्य से, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ और समूह के सभी सदस्य सुरक्षित गुरुद्वारे वापस लौट आए.
भारत लौटने का उनका इंतजार अब और लंबा हो सकता है. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे से केवल 10 किमी दूर होने के बावजूद भी उन्हें लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है.अफगान सिखों में से एक ने कहा कि तालिबान द्वारा हवाई अड्डे के बाहर गोलियां चलाने के बाद उन्हें गुरुवार सुबह करीब 2 बजे गुरुद्वारे लौटना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘हम सात बसों में यात्रा कर रहे थे और श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दो सरूप भी ले जा रहे थे. एयरपोर्ट के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगीं थी और तभी अचानक फायरिंग शुरू हो गई. हमारे ग्रुप में महिलाएं और बच्चे भी थे.’
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Tags: Afghanistan-Taliban Fighting, Kabul Airport Blast
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