होम /न्यूज /दुनिया /'एक हाथ में कुरान, दूसरे में एटम बम...' कौन है ये मौलाना, जो दे रहा ऐसी सलाह

'एक हाथ में कुरान, दूसरे में एटम बम...' कौन है ये मौलाना, जो दे रहा ऐसी सलाह

तहरीक-ए-लब्बैक जैसे संगठन अब पाकिस्तान सरकार के साथ वहां की सेना को भी चुनौती दे रहे हैं.

तहरीक-ए-लब्बैक जैसे संगठन अब पाकिस्तान सरकार के साथ वहां की सेना को भी चुनौती दे रहे हैं.

Pakistan Tehreek-e-Labbaik Party: अप्रैल 2021 में उस वक्त की इमरान खान सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक संगठन पर प्रतिबंध लगा दि ...अधिक पढ़ें

लाहौर. पाकिस्तान में रह रहे जिहादी संगठन पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की मुश्किलों में इज़ाफ़ा कर रहे हैं. ये जिहादी संगठन अब दुनिया को न्यूक्लियर हमले की धमकी दे रहे हैं. पाकिस्तान के कट्टर संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के मुखिया हाफिज़ साद हुसैन रिज़वी ने एक भाषण में शहबाज़ शरीफ सरकार से एटम बम की धमकी से दुनिया को डराने के लिए कहा है.

लाहौर में मरकज़ी लब्बैक तहफ्फुज़-ए-कुरान मार्च के दौरान साद रिज़वी ने कहा, ‘सरकार दुनिया में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को भेज कर भीख मांग रहे हैं. कोई देश मदद करता है और कोई देश मदद नहीं करता और कोई देश अपनी शर्तें मनवाता है.’

रिज़वी ने कहा कि सरकार कहती है कि मुल्क की अर्थव्यवस्था खतरे में है और हम मुल्क की इकॉनमी बचाने के लिए विदेश जा रहे हैं. तहरीक-ए-लब्बैक के मुखिया ने कहा, ‘पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री बाहर निकले, एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में एटम बम का बक्सा उठाएं, और पूरी कैबिनेट को स्वीडन भेजा जाए, और वहां जाकर कहो कि हम कुरान की हिफाजत के लिए आए हैं, तो पूरी कायनात तुम्हारे कदमों में आ जाएंगी.’ स्वीडन में हाल ही में कुरान जलाने का मामला सामने आया था.

‘कश्मीर में जिहाद तभी होगा, जब पैसे और हथियार दोगे’ : आतंकवादी संगठनों का ISI को दो टूक जवाब

जैसे- जैसे पाकिस्तान में आर्थिक तंगी बढ़ती जा रही है, वहां जिहादी ताकतें आवाज बुलंद कर रही हैं. जहां आज भी पाकिस्तानी आर्मी का दबदबा पूरे देश पर है और पाकिस्तान सरकार भी सेना को चुनौती नहीं दे सकती, लेकिन अब जिहादी ताकतों में सेना को लेकर खौफ खत्म हो गया है. ऐसे में साद रिज़वी की दी गई धमकी से साफ है तहरीक-ए-लब्बैक जैसे संगठन ना सिर्फ वहां की सरकार, बल्कि पाकिस्तानी आर्मी को भी चुनौती दे रहे हैं.

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस वक्त सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा है. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि उन्हें रुपयों के लिए अन्य देशों से गुहार लगानी पड़ रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने हाल ही में कहा था कि यह शर्म की बात है कि एक परमाणु शक्ति संपन्न देश को अपनी चरमराई अर्थव्यवस्था के लिए भीख मांगनी पड़ रही है.

कट्टरपंथी संगठन ‘तहरीक-ए-लब्बैक’ कभी प्रतिबंधित था
अप्रैल 2021 में उस वक्त की इमरान खान सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध तब लगाया गया कि जब यह संगठन पाकिस्तान में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा था और फ्रांस के राजदूत को वापस उनके देश भेजने की मांग कर रहा था.

दरअसल, फ्रांस के अखबार चार्ली हैबडो में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून के बाद पाकिस्तान में बवाल हुआ था. इस हिंसा में 6 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी और 800 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हुए थे. बाद में इमरान खान और तहरीक-ए-लब्बैक  के बीच सीक्रेट समझौते के चलते प्रतिबंध को 7 नवंबर 2021 को वापस ले लिया गया था. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान में चुनाव भी लड़ चुकी है.

Tags: Isi, Pakistan

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें