कमाई के नए तरीके खोज रहे रावण के देश ने भगवान श्री राम के भरोसे अपने संकट को टालने का मन बनाया. (File Photo)
कोलोंबो. बीते दिनों दिवालिया घोषित हुए श्रीलंका ने अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए प्रभु श्री राम (Sri Lanka) का सहारा लिया है. आल इंडिया रेडियो की खबर के अनुसार श्रीलंका ने रामायण से जुड़े स्थलों की पहचान की है जिनका उपयोग वह भारत से आने वाले लक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करेगा. अक्सर अपने पर्यटन से विदेशी मुद्रा भंडार भरने वाला श्रीलंका भारी कर्ज के तले दबने के बाद डिफ़ॉल्ट हो गया था. हालांकि अब कमाई के नए तरीके खोज रहे रावण के देश ने भगवान श्री राम के भरोसे अपने संकट को टालने का मन बनाया है.
श्रीलंका टूरिज्म प्रमोशन के एक अधिकारी जीवन फर्नांडो ने एजेंसियों को बताया कि भारत से द्वीप पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामायण (Ramayan) से जुड़े 50 स्थलों की पहचान की गई है. उन्होंने कहा कि द्वीप राष्ट्र विविधतापूर्ण है और इसके कई स्थान हैं जो भारत और अन्य बौद्ध देशों के तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकते हैं. उन्होंने आगे बताया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान श्रीलंका ने रामायण पर्यटन के लिए भारत में कई प्रचार किए. श्री फर्नांडो ने कहा कि अधिकांश भारतीय अवकाश यात्रा के लिए श्रीलंका जाते हैं तो कम से कम एक रामायण स्थल पर जाते हैं. 2022 में श्रीलंका ने करीब 7.2 लाख पर्यटकों का स्वागत किया. द्वीप पर आने वाले 1.23 लाख पर्यटकों के साथ भारत शीर्ष पर था.
बता दें कि पड़ोसी देश श्रीलंका आज जिस स्थिति का सामना कर रहा है वह सिर्फ कुछ दिनों में नहीं बनी है. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन और खेती पर ज्यादा निर्भर है. लेकिन कोरोना महामारी और ईस्टर्न डे पर हुए आतंकी हमले से उसका पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ. इसके बाद ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए टैक्स मे छूट की व्यवस्था ने श्रीलंका को बुरी हालत में पहुंचा दिया.
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