VIDEO: तंजानिया में मिला 26 लाख साल पुराना पत्थर का खजाना, खुलेंगे इतिहास के कई राज

फोटो सौ. (यूट्यूब- Julio Mercader)
तंजानिया (Tanzania) में इंसान के बनाए सबसे पुराने पत्थर के औजार (Stone Tools) मिले हैं. इन औजारों का निर्माण करीब 26 लाख साल पहले होमो हेबिलिस प्रजाति के लोगों ने बनाया था. इस शानदार खोज से पुरातत्वविदों के चेहरे खिल उठे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 5:08 PM IST
दार ए सलाम. तंजानिया (Tanzania) में अंतरराष्ट्रीय पुरातत्वविदों और जीवाश्म विज्ञानियों के एक दल ने बड़ी मात्रा में 26 लाख साल पुराने पत्थर (Stone) के बने इंसानी औजार और जीवाश्म बन चुकी हड्डियों का पता लगाया है. यह औजार उत्तरी तंजानिया के इवास ओल्डूपा में मिले हैं. इस खोज से पता चला है कि करीब 20 लाख साल पहले ओल्डुवाई लोग विभिन्न तरह के और तेजी से बदलते माहौल के हिसाब से रहते थे. ओल्डुवाई लोग नुकीली घास के मैदान से लेकर प्राकृतिक रूप से जली जमीन पर रहते थे. इन लोगों के औजार दुनिया में सबसे पुराने औजार थे. इन औजारों को करीब 26 लाख साल पहले होमो हेबिलिस प्रजाति के लोगों ने बनाया था. इन्हें मानव के विकास के इतिहास में मील का पत्थर माना गया है. इस खोज से जुड़े प्रफेसर त्रिस्टन कार्टर ने कहा, 'हमारा शोध इंसान के सुदूर उत्पत्ति और विकासपरक इतिहास पर प्रकाश डालता है.'
कार्टर ने कहा कि घाटी से हुई इस खोज से 20 लाख साल पहले के भूगर्भीय इतिहास और प्राचीन तलछट का पता चला है जिसमें पत्थर के बने पुरावशेष और इंसान के अवशेष बहुत शानदार तरीके से संरक्षित मिले हैं. उन्होंने बताया कि इवास ओल्डुप्पा पुरास्थल से पत्थर के औजार और पशुओं के अवशेष (जंगली पशु, सूअर, हिप्पो, पैंथर, शेर, चिड़िया) मिले हैं जिससे पता चलता है कि इंसान और पशु दोनों ही जलस्रोतों के पास ही रहते थे.
ये भी पढ़ें: गैंगरेप के बाद ब्यूटी क्वीन की हत्या, होटल के बाथरूम में मिली लाशशोधकर्ता कार्टर ने बताया कि उनके शोध से पता चलता है कि इवास ओल्डुप्पा के पास भूगर्भीय और पेड़ पौधे बहुत तेजी से बदल गए. इसके बाद भी इंसान ने पिछले दो लाख साल से यहां आना जारी रखा है. उन्होंने कहा कि उस समय के इंसान हर तरह के प्राकृतिक स्थानों पर रहते थे. ये इलाके समय-समय पर ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद राख के नीचे दबते रहे.
कार्टर ने कहा कि घाटी से हुई इस खोज से 20 लाख साल पहले के भूगर्भीय इतिहास और प्राचीन तलछट का पता चला है जिसमें पत्थर के बने पुरावशेष और इंसान के अवशेष बहुत शानदार तरीके से संरक्षित मिले हैं. उन्होंने बताया कि इवास ओल्डुप्पा पुरास्थल से पत्थर के औजार और पशुओं के अवशेष (जंगली पशु, सूअर, हिप्पो, पैंथर, शेर, चिड़िया) मिले हैं जिससे पता चलता है कि इंसान और पशु दोनों ही जलस्रोतों के पास ही रहते थे.
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