कोरोना जैसा यह कण सालों तक करेगा शरीर की रक्षा, इस खास वैक्सीन के बारे में जानिए

(सांकेतिक तस्वीर)
Vaccine Update: वीएलपी इंसान के शरीर में जैसे ही पहुंचेंगे, तो शरीर को लगेगा की कोरोना वायरस (Corona Virus) प्रवेश कर गया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरीर इम्यून सिस्टम को अलर्ट कर देगा. इसके बाद इम्यून सिस्टम इन पार्टिकल्स से लड़ना शुरू करेगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 1, 2021, 4:31 PM IST
ओटावा. कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया वैक्सीन की राह देख रही है. दुनियाभर के कई वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार वैक्सीन (Corona Vaccine) खोज में लगे हुए. फिलहाल सामने आ रहीं खबरों से ऐसा लगता है कि दुनिया को वैक्सीन जल्द मिलने वाली है. इस दौरान कई वैक्सीन उम्मीदवार इस अभियान में बढ़त बनाए हुए हैं. खास बात है कि इन उम्मीदवारों के बीच एक वैक्सीन ऐसी भी है, जो कोरोना वायरस का भेष रखकर महामारी का मुकाबला करने के लिए तैयार हो रही है.
कनाडा की फार्मा कंपनी Medicago वायरस लाइक पार्टिकल (Virus Like Particles) के तरीके पर काम कर रही है. कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वीएलपी (VLP) वायरस की नकल की तरह होता है, जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम इन्हें आसानी से पहचान लेता है. हालांकि, इन पार्टकिल्स में जैनेटिक मटेरियल की कमी होती है, जिसकी वजह से ये संक्रामक नहीं होते. इसके अलावा जैनेटिक मटेरियल की कमी के चलते वायरस की नकल भी तैयार नहीं कर सकते हैं.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वीएलपी इंसान के शरीर में जैसे ही पहुंचेंगे, तो शरीर को लगेगा की कोरोना वायरस प्रवेश कर गया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरीर इम्यून सिस्टम को अलर्ट कर देगा. इसके बाद इम्यून सिस्टम इन पार्टिकल्स से लड़ना शुरू करेगा. बाद में शरीर में एंटीबॉडीज तैयार हो जाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे बड़ी मात्रा में एंटीबॉडीज तैयार होंगी, जो सालों तक शरीर की वायरस से रक्षा करेंगी.
मेडिकागो की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कंपनी ने 12 मार्च 2020 को वीएलपी के सफल उत्पादन की घोषणा कर दी थी. कंपनी ने यह घोषणा SARS-CoV-2 के जीन मिलने के 20 दिन बाद ही कर दी थी. कंपनी के मुताबिक, वीएलपी का उत्पादन करना वैक्सीन तैयार करने की दिशा में पहला कदम है. कंपनी ने अपने वैक्सीन के 2 चरण के ट्रायल की शुरुआत 12 नवंबर 2020 को कर दी है. कंपनी का मकसद है 2021 के मध्य तक अथॉरिटीज को डोजियर सौंप देना है.
कनाडा की फार्मा कंपनी Medicago वायरस लाइक पार्टिकल (Virus Like Particles) के तरीके पर काम कर रही है. कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वीएलपी (VLP) वायरस की नकल की तरह होता है, जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम इन्हें आसानी से पहचान लेता है. हालांकि, इन पार्टकिल्स में जैनेटिक मटेरियल की कमी होती है, जिसकी वजह से ये संक्रामक नहीं होते. इसके अलावा जैनेटिक मटेरियल की कमी के चलते वायरस की नकल भी तैयार नहीं कर सकते हैं.
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वीएलपी इंसान के शरीर में जैसे ही पहुंचेंगे, तो शरीर को लगेगा की कोरोना वायरस प्रवेश कर गया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शरीर इम्यून सिस्टम को अलर्ट कर देगा. इसके बाद इम्यून सिस्टम इन पार्टिकल्स से लड़ना शुरू करेगा. बाद में शरीर में एंटीबॉडीज तैयार हो जाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे बड़ी मात्रा में एंटीबॉडीज तैयार होंगी, जो सालों तक शरीर की वायरस से रक्षा करेंगी.