धांधली के दावों को ख़ारिज करने वाले शीर्ष चुनाव अधिकारी को ट्रंप ने नौकरी से निकाला

ट्रंप ने शीर्ष चुनाव अधिकारी को बर्खास्त किया.
US Election Result: निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शीर्ष चुनाव अधिकारी क्रिस क्रेब्स को इसलिए नौकरी से निकाल दिया है क्योंकि उन्होंने चुनावों में हुई धांधली के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
- News18Hindi
- Last Updated: November 18, 2020, 11:15 AM IST
वाशिंगटन. निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए उस शीर्ष चुनाव अधिकारी को बर्ख़ास्त कर दिया है जिसने ट्रंप के चुनाव में धांधली और मतदान में फ्रॉड होने के दावों को खारिज कर दिया था. ट्रंप ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी ऐंड इन्फ़्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (सिसा) के प्रमुख क्रिस क्रेब्स ने मतदान और अमेरिकी चुनावों को लेकर 'बेहद भेदभावपूर्ण' टिप्पणी की थी, इसी के चलते उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया है.
बता दें कि तीन नवंबर को हुए चुनाव में ट्रंप अब तक अपनी हार को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं और बिना कोई सबूत दिए मतदान में 'बड़े पैमाने पर' धोखाधड़ी होने के दावे कर रहे हैं. उधर अमेरिका का चुनाव आयोग और चुनाव अधिकारी इस चुनाव को अमेरिकी इतिहास का "सबसे सुरक्षित" चुनाव बता रहे हैं. शीर्ष चुनाव अधिकारी क्रिस क्रेब्स ने की संस्था ने भी चुनाव से जुड़ी ऐसी ग़लत सूचनाओं को ख़ारिज कर दिया था जिनमें से ज़्यादार सूचनाओं को ट्रंप ही लोगों तक पहुंचा रहे हैं. संस्था के सहायक निदेशक ब्रायन वेयर ने भी पिछले सप्ताह कुर्सी छोड़ दी थी और माना जा रहा था कि व्हाइट हाउस ने ही उनसे भी इस्तीफ़ा देने के लिए कहा था.
क्रिस क्रेब्स को कोई अफ़सोस नहीं
बर्ख़ास्तगी के बावजूद क्रिस क्रेब्स ने मंगलवार को ही एक ट्वीट कर ट्रंप के इन आरोपों पर फिर निशाना साधा कि कुछ राज्यों में वोटिंग मशीनों में उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन के पक्ष में वोट डाल दिए गए. क्रिस क्रेब ने ट्वीट किया - "चुनाव प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बारे में 59 चुनाव सुरक्षा विशेषज्ञों की एक राय है कि ऐसे हरेक मामले में जिनकी हमें जानकारी है, ये दावे या तो निराधार हैं या तकनीकी तौर पर उनका कोई मतलब नहीं समझ जाता."
क्रिस अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के उन वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने पिछले सप्ताह अमेरिका के चुनाव को अमेरिकी इतिहास का "सबसे सुरक्षित चुनाव" बताया था. सिसा की वेबसाइट पर बिना राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिए एक बयान में कहा गया था - "हमें पता है कि हमारे चुनाव को लेकर कई बेबुनियाद दावे किए जा रहे हैं, मगर हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमें अपने चुनावों की सुरक्षा और सत्यनिष्ठा पर पूरा भरोसा है, और आपको भी करना चाहिए. " क्रिस क्रेब ने ट्विटर पर एक चुनाव क़ानून विशेषज्ञ का ट्वीट भी पोस्ट किया जिसमें लिखा था - "कृपया वोटिंग मशीनों के बारे में बेबुनियाद दावों को रीट्वीट ना करें, वो चाहे राष्ट्रपति ही क्यों ना कर रहे हों. "
बाइडन ने जताई चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विजयी हुए जो बाइडन ने आगाह किया है कि अगर मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया में सहयोग नहीं करते हैं और घातक कोरोना वायरस महामारी से निपटने की राह में बाधा डालते हैं तो कई और अमेरिकियों की जान जा सकती है. मीडिया ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बाइडन को तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना में जीता हुआ दिखाया है. बाइडन के पास इलेक्ट्रल कॉलेज के 306 वोट हैं, जो जीतने के लिए आवश्यक 270 से अधिक है. हालांकि, रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कई निर्णायक राज्यों में कानूनी लड़ाई शुरू की है.

ट्रंप द्वारा हार नहीं स्वीकार करने और उनके प्रशासन द्वारा हस्तांतरण प्रक्रिया में सहयोग से इनकार के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बाइडन ने सोमवार को अपने गृह राज्य डेलावेयर में कहा, 'अगर हम तालमेल नहीं बिठाते हैं तो और अधिक लोगों की मौत हो सकती है.' अमेरिकी सरकार की एजेंसी-सामान्य सेवा प्रशासन (जीएसए)- जो सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करती है, उसने अभी तक बाइडन और कमला हैरिस को विजेता के तौर पर मान्यता नहीं दी है। इस एजेंसी के प्रमुख ट्रंप द्वारा नियुक्त व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, 'टीका महत्वपूर्ण है और जब तक आपको टीका नहीं दिया जाता तब तक इसका कोई महत्व नहीं है. कैसे अमेरिका को टीका मिलेगा और कैसे 30 करोड़ अमेरिकी लोगों को टीका लगाया जाएगा, इसके लिए क्या योजना है, यह एक सवाल है. इससे निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया के बाकी देशों के साथ भी काम करना होगा.' उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए अगले साल 20 जनवरी तक प्रतीक्षा करनी पड़ी (राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह) तो अमेरिका करीब डेढ़ महीने पीछे रह जाएगा.
बता दें कि तीन नवंबर को हुए चुनाव में ट्रंप अब तक अपनी हार को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं और बिना कोई सबूत दिए मतदान में 'बड़े पैमाने पर' धोखाधड़ी होने के दावे कर रहे हैं. उधर अमेरिका का चुनाव आयोग और चुनाव अधिकारी इस चुनाव को अमेरिकी इतिहास का "सबसे सुरक्षित" चुनाव बता रहे हैं. शीर्ष चुनाव अधिकारी क्रिस क्रेब्स ने की संस्था ने भी चुनाव से जुड़ी ऐसी ग़लत सूचनाओं को ख़ारिज कर दिया था जिनमें से ज़्यादार सूचनाओं को ट्रंप ही लोगों तक पहुंचा रहे हैं. संस्था के सहायक निदेशक ब्रायन वेयर ने भी पिछले सप्ताह कुर्सी छोड़ दी थी और माना जा रहा था कि व्हाइट हाउस ने ही उनसे भी इस्तीफ़ा देने के लिए कहा था.
President Trump fired top cybersecurity official Chris Krebs, accusing him without evidence of making a ‘highly inaccurate’ statement affirming #Election2020 was secure and rejecting claims of fraud https://t.co/klFz81elbk pic.twitter.com/vqTRtYyeYc
— Reuters (@Reuters) November 18, 2020
क्रिस क्रेब्स को कोई अफ़सोस नहीं
बर्ख़ास्तगी के बावजूद क्रिस क्रेब्स ने मंगलवार को ही एक ट्वीट कर ट्रंप के इन आरोपों पर फिर निशाना साधा कि कुछ राज्यों में वोटिंग मशीनों में उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन के पक्ष में वोट डाल दिए गए. क्रिस क्रेब ने ट्वीट किया - "चुनाव प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बारे में 59 चुनाव सुरक्षा विशेषज्ञों की एक राय है कि ऐसे हरेक मामले में जिनकी हमें जानकारी है, ये दावे या तो निराधार हैं या तकनीकी तौर पर उनका कोई मतलब नहीं समझ जाता."
क्रिस अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के उन वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने पिछले सप्ताह अमेरिका के चुनाव को अमेरिकी इतिहास का "सबसे सुरक्षित चुनाव" बताया था. सिसा की वेबसाइट पर बिना राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिए एक बयान में कहा गया था - "हमें पता है कि हमारे चुनाव को लेकर कई बेबुनियाद दावे किए जा रहे हैं, मगर हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमें अपने चुनावों की सुरक्षा और सत्यनिष्ठा पर पूरा भरोसा है, और आपको भी करना चाहिए. " क्रिस क्रेब ने ट्विटर पर एक चुनाव क़ानून विशेषज्ञ का ट्वीट भी पोस्ट किया जिसमें लिखा था - "कृपया वोटिंग मशीनों के बारे में बेबुनियाद दावों को रीट्वीट ना करें, वो चाहे राष्ट्रपति ही क्यों ना कर रहे हों. "
बाइडन ने जताई चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विजयी हुए जो बाइडन ने आगाह किया है कि अगर मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया में सहयोग नहीं करते हैं और घातक कोरोना वायरस महामारी से निपटने की राह में बाधा डालते हैं तो कई और अमेरिकियों की जान जा सकती है. मीडिया ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बाइडन को तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना में जीता हुआ दिखाया है. बाइडन के पास इलेक्ट्रल कॉलेज के 306 वोट हैं, जो जीतने के लिए आवश्यक 270 से अधिक है. हालांकि, रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कई निर्णायक राज्यों में कानूनी लड़ाई शुरू की है.
ट्रंप द्वारा हार नहीं स्वीकार करने और उनके प्रशासन द्वारा हस्तांतरण प्रक्रिया में सहयोग से इनकार के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बाइडन ने सोमवार को अपने गृह राज्य डेलावेयर में कहा, 'अगर हम तालमेल नहीं बिठाते हैं तो और अधिक लोगों की मौत हो सकती है.' अमेरिकी सरकार की एजेंसी-सामान्य सेवा प्रशासन (जीएसए)- जो सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करती है, उसने अभी तक बाइडन और कमला हैरिस को विजेता के तौर पर मान्यता नहीं दी है। इस एजेंसी के प्रमुख ट्रंप द्वारा नियुक्त व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, 'टीका महत्वपूर्ण है और जब तक आपको टीका नहीं दिया जाता तब तक इसका कोई महत्व नहीं है. कैसे अमेरिका को टीका मिलेगा और कैसे 30 करोड़ अमेरिकी लोगों को टीका लगाया जाएगा, इसके लिए क्या योजना है, यह एक सवाल है. इससे निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया के बाकी देशों के साथ भी काम करना होगा.' उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए अगले साल 20 जनवरी तक प्रतीक्षा करनी पड़ी (राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह) तो अमेरिका करीब डेढ़ महीने पीछे रह जाएगा.