US: सिख पुलिस अधिकारी के नाम पर डाकघर, यूनिवर्सिटी में हिंदू धर्म की पीठ स्थापित

सिख पुलिस ऑफिसर के नाम पर होगा ह्यूस्टन का डाकघर (फ़ाइल फोटो)
Houston post office name after Sikh police officer: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने आखिरी कुछ आदेशों में ह्यूस्टन डाकघर का नाम सिख पुलिस ऑफिसर संदीप सिंह धालीवाल (Sandeep Singh Dhaliwal) के नाम पर रखने का आदेश दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 22, 2020, 2:44 PM IST
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सोमवार को एक कानून पर हस्ताक्षर किया जिसके तहत टेक्सास में एक डाकघर का नामकरण दिवंगत सिख पुलिस अधिकारी संदीप सिंह धालीवाल (Sandeep Singh Dhaliwal) के नाम पर पर होगा. एक साल पहले ह्यूस्टन में यातायात व्यवस्था संभालने के दौरान धालीवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इसके अलावा अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने जैन धर्म और हिंदू धर्म पर एक पीठ स्थापित करने की घोषणा की है. विश्वविद्यालय ने अपने धार्मिक अध्ययन कार्यक्रम के तहत इस पीठ की स्थापना की है.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि ट्रंप ने टेक्सास के ह्यूस्टन में 315 एडिक्स होवेल रोड पर स्थित डाक घर का नाम डिप्टी संदीप सिंह धालीवाल पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग करने से संबंधित कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अमेरिका में भारतवंशी के नाम पर अब तक दो डाकघरों के नाम रखे गए हैं. इससे पहले 2006 में दक्षिणी कैलिफोर्निया में पहले भारतवंशी सांसद दलिप सिंह सौंद के नाम पर डाकघर का नामकरण किया गया था.
प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने इस संबंध में हाल में विधेयक को पारित किया था. टेक्सास के सांसद टेड क्रूज ने सीनेट में कहा था कि धालीवाल नायक और मागदर्शक थे जिनके काम से सिखों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी. धालीवाल की 27 सितंबर 2019 को ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गयी थी. भारत में जन्मे धालीवाल अपने अभिभावकों के साथ ह्यूस्टन चले गए थे. हैरिस काउंटी के कानून प्रवर्तन कार्यालय में तैनात धालीवाल टेक्सास के पहले भारतवंशी सिख थे जिन्हें पगड़ी पहनने और दाढ़ी रखने समेत अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए ड्यूटी निभाने की छूट दी गयी थी.
यूनिवर्सिटी में हिंदू और जैन धर्म की पीठ स्थापितकैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फ्रेस्नो में जैन और हिंदू धर्म पर अध्ययन के लिए एक संयुक्त पीठ स्थापित करने में भारतीय मूल के 24 से ज्यादा लोगों ने योगदान दिया है. कला और मानविकी कॉलेज के दर्शन विभाग में जैन और हिंदू धर्म पर पीठ की स्थापना की जाएगी और यह विश्वविद्यालय के धार्मिक अध्ययन कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा होगा. जैन और हिंदू धर्म की परंपरा के एक विशेषज्ञ प्रोफेसर को 2021 में अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा. मीडिया में जारी विज्ञप्ति के अनुसार जैन और हिंदू समुदाय तथा कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फ्रेस्नो के बीच यह संबंध मौजूदा एवं आगामी पीढ़ी के छात्रों को अहिंसा, धर्म, न्याय, दर्शन, हिंदू जैन ग्रंथों एवं परंपराओं के माध्यम से सभी प्राणियों एवं पर्यावरण के बीच परस्पर सह-संबंध की शिक्षा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी (सीएसयू), फ्रेस्नो के अध्यक्ष जोसेफ आई. कास्त्रो ने कहा, 'कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की कभी जैन और हिंदू समुदायों से भागीदारी नहीं थी. मुझे प्रसन्नता है कि फ्रेस्नो राज्य में यह हुआ. इसने सीएसयू के अन्य कैम्पस और देश के लिए एक मॉडल स्थापित किया है.' लॉस एंजिलिस के प्रमुख जैन समाजसेवी और इस पीठ के समर्थक रहे जसवंत मोदी ने कहा, 'हमें आशा है कि युवा पीढ़ी जब शिक्षा के लिए कॉलेज आएगी तो वह अहिंसा का रास्ता अपनाकर देश-दुनिया की समस्याओं का निराकरण करने वाले महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और अन्य महापुरूषों के योगदान से अवगत होगी.'
व्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि ट्रंप ने टेक्सास के ह्यूस्टन में 315 एडिक्स होवेल रोड पर स्थित डाक घर का नाम डिप्टी संदीप सिंह धालीवाल पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग करने से संबंधित कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अमेरिका में भारतवंशी के नाम पर अब तक दो डाकघरों के नाम रखे गए हैं. इससे पहले 2006 में दक्षिणी कैलिफोर्निया में पहले भारतवंशी सांसद दलिप सिंह सौंद के नाम पर डाकघर का नामकरण किया गया था.
प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने इस संबंध में हाल में विधेयक को पारित किया था. टेक्सास के सांसद टेड क्रूज ने सीनेट में कहा था कि धालीवाल नायक और मागदर्शक थे जिनके काम से सिखों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी. धालीवाल की 27 सितंबर 2019 को ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गयी थी. भारत में जन्मे धालीवाल अपने अभिभावकों के साथ ह्यूस्टन चले गए थे. हैरिस काउंटी के कानून प्रवर्तन कार्यालय में तैनात धालीवाल टेक्सास के पहले भारतवंशी सिख थे जिन्हें पगड़ी पहनने और दाढ़ी रखने समेत अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए ड्यूटी निभाने की छूट दी गयी थी.
यूनिवर्सिटी में हिंदू और जैन धर्म की पीठ स्थापितकैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फ्रेस्नो में जैन और हिंदू धर्म पर अध्ययन के लिए एक संयुक्त पीठ स्थापित करने में भारतीय मूल के 24 से ज्यादा लोगों ने योगदान दिया है. कला और मानविकी कॉलेज के दर्शन विभाग में जैन और हिंदू धर्म पर पीठ की स्थापना की जाएगी और यह विश्वविद्यालय के धार्मिक अध्ययन कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा होगा. जैन और हिंदू धर्म की परंपरा के एक विशेषज्ञ प्रोफेसर को 2021 में अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा. मीडिया में जारी विज्ञप्ति के अनुसार जैन और हिंदू समुदाय तथा कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, फ्रेस्नो के बीच यह संबंध मौजूदा एवं आगामी पीढ़ी के छात्रों को अहिंसा, धर्म, न्याय, दर्शन, हिंदू जैन ग्रंथों एवं परंपराओं के माध्यम से सभी प्राणियों एवं पर्यावरण के बीच परस्पर सह-संबंध की शिक्षा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी (सीएसयू), फ्रेस्नो के अध्यक्ष जोसेफ आई. कास्त्रो ने कहा, 'कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी की कभी जैन और हिंदू समुदायों से भागीदारी नहीं थी. मुझे प्रसन्नता है कि फ्रेस्नो राज्य में यह हुआ. इसने सीएसयू के अन्य कैम्पस और देश के लिए एक मॉडल स्थापित किया है.' लॉस एंजिलिस के प्रमुख जैन समाजसेवी और इस पीठ के समर्थक रहे जसवंत मोदी ने कहा, 'हमें आशा है कि युवा पीढ़ी जब शिक्षा के लिए कॉलेज आएगी तो वह अहिंसा का रास्ता अपनाकर देश-दुनिया की समस्याओं का निराकरण करने वाले महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग और अन्य महापुरूषों के योगदान से अवगत होगी.'