बीजिंग. उइगर मुसलमानों के खिलाफ अपनी नीतियों की वजह से चीन को हमेशा से ही दुनिया का विरोध झेलना पड़ा है. चीन के शिनजियांग में रहने वाले इन मुस्लिम समुदायों को चीन कई तरह से प्रताड़ित करने का काम करता है. ऐसी ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब उइगर मुस्लिमों को फैक्ट्रियों में बेचने का काम जा रहा है. इतना ही नहीं, इसके लिए ऑनलाइन विज्ञापन भी निकलते हैं.
स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल की तरह ही काम करने वाला सर्च इंजन Baidu जो कि चीन की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी है, पर उइगर मुसलमानों को बतौर मजदूर बेचने के विज्ञापन नजर आए हैं. मामला सामने आने के बाद ब्रिटेन के कई सांसदों ने चीन की आलोचना की है. अंग्रेजी अखबार 'द इंडिपेंडेंट' की मानें, तो इस घिनौने कृत्य के लिए ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद नुसरत गनी ने सीधे शब्दों में चीन को फटकार लगाई है. वेल्डन से सांसद नुसरत गनी ने इसे बेहद भयानक बताया और कहा कि उइगर मुसलमानों को गुलामों की तरह नीलाम किया जा रहा है.
स्काई न्यूज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि चीन की इंटरनेट कंपनी Baidu पर उइगर मजदूरों से जुड़े विज्ञापन देखे गए हैं, जहां इस समुदाय विशेष के 50 से 100 लोगों की मजदूरी को लेकर सौदे करने की बात है. एक एजेंट के हवाले से न्यूज ने कहा कि शिनजियांग के उइगर मुसलमानों पर हमेशा स्थानीय प्रशासन की राजनीतिक निगरानी रहती है और मजदूरी के दौरान अर्ध सैन्य प्रबंधन के तहत रखा जाता है. कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता इयान डंकन स्मिथ ने स्काई न्यूज की रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि चीन वहां नरसंहार करने में लगा हुआ है. वे एक जातीय समूह को जड़ से खत्म कर देना चाहते हैं.'
दूसरी ओर, शिनजियांग सरकार ने इस विज्ञापन पर 2019 की अपनी एक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि यह उसका पंचवर्षीय 'श्रम हस्तांतरण कार्यक्रम' है, जो कि बायडू पर प्रकाशित हुआ है. स्थानीय सरकार का दावा करती है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकतम लोगों को रोजगार दिलाना है. साथ ही इसके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में जो अतिरिक्त मजदूर हैं, उन्हें भी रोजगार मिलेगा.
गौरतलब है कि विदेशी विश्लेषकों और सरकारों के अनुसार चीन के शिनजियांग प्रांत में दस लाख से अधिक लोगों को कामकाजी शिविरों में कैद कर रखा गया है और उनसे जबरन काम कराया जाया है. इनमें से ज्यादातर लोग उइगर मुस्लिम जातीय समूह से हैं. हालांकि, चीन ने कभी भी इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया है और उसका कहना है कि शिनजियांग में जो शिविर लगाए गए हैं, वे उइगरों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए हैं.undefined
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Tags: China, Xinjiang
FIRST PUBLISHED : April 20, 2021, 12:09 IST